रांची: जिला अस्पताल यानी कि सदर अस्पताल सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. क्योंकि यहां पर जिला के सभी गरीब मरीज सरकारी स्तर पर इलाज कराने पहुंचते हैं. ऐसे तो इस अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दिन रात मेहनत कर रहे हैं ताकि यह अस्पताल आधुनिक और बेहतर बन सके. इसी को लेकर अस्पताल के नए भवन बनाए जा रहे हैं और उसमें कई अत्याधुनिक सुविधाएं भी दी जा रही हैं. लेकिन इसके अंदर की हकीकत इससे काफी अलग है.
इसे भी पढ़ें- रांची सदर अस्पताल में मरीज संग भर्ती हो रहे बाइक-स्कूटी! छोटी सी चिंगारी किचन के पास खड़े वाहन को बना सकती है 'बम'
एक तरफ सुविधा देने का दावा शासन प्रशासन द्वारा किया जाता है. लेकिन दूसरी तरफ एक ऐसी तस्वीर भी देखने को मिलती है जो कभी-भी अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों को नुकसान पहुंचा सकती है. हम बात कर रहे हैं, राजधानी के सदर अस्पताल के डायलिसिस यूनिट की, जहां पर प्रतिदिन 40 से 50 लोग डायलिसिस कराने पहुंचते हैं. क्योंकि यहां पर लोगों को सस्ता में डायलिसिस हो जाता है.
लेकिन डायलिसिस यूनिट में सुविधा (Bad condition of dialysis unit) की बात करें तो वह बिल्कुल ना के बराबर है. क्योंकि डायलिसिस यूनिट की बगल में बनाए गए शौचालय की स्थिति बद से बदतर है और डायलिसिस यूनिट के बाहर बने पैसेज की स्थिति और भी भयावह है. क्योंकि बरामदे से लगी छत से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं और इससे कभी भी कोई भी घायल हो सकता है. इतना ही नहीं इससे कोई बड़ी घटना भी हो सकती है.
ईटीवी भारत की टीम ने रांची के सदर अस्पताल की डायलिसिस यूनिट का जायजा लिया. यहां हमने भी देखा कि बाथरूम की स्थिति बद से बदतर है. जहां पर मरीज तो छोड़ ही दें परिजन भी उस बाथरूम में जाने से परहेज करते हैं. मरीज के परिजनों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद भी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन के द्वारा कोई पहल नहीं की गयी. जिस वजह से मरीज के साथ-साथ उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.