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बाबूलाल मरांडी का सीएम हेमंत सोरेन को पत्र, बिजली के फिक्स्ड चार्ज से औद्योगिक इकाइयों को राहत देने की मांग - रांची में औद्योगिक और व्यापारिक इकाई पर लॉकडाउन का असर

बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सरकार से बंद पड़े औद्योगिक और व्यापारिक इकाईयों को बिजली के फिक्स्ड चार्ज से राहत देने की मांग की है.

Babulal Marandi wrote a letter to CM Hemant in ranchi
फाइल फोटो
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Published : May 29, 2020, 5:31 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कोरोना आपदा की वजह से बंद पड़े औद्योगिक और व्यापारिक इकाई के बिजली के फिक्स्ड चार्ज से राहत की मांग की है. मरांडी ने शुक्रवार को इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. जिसमें राज्य के छोटे-बड़े उद्योग को बिजली के फिक्स्ड रेट से राहत देने की मांग की है.



1100 इकाइयां खुलेंगी
मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि टाटा मोटर्स के खुलने के साथ-साथ उससे जुड़ी 1100 अलग-अलग इकाइयां भी खुलेंगी. उन्होंने कहा कि इन छोटे उद्योगों की मार्च महीने की एक तिहाई और अप्रैल-मई महीने का बिजली बिल बकाया है. उन्होंने कहा कि इस बिल के भुगतान के बाद ही ऐसे उद्योग धंधे संचालित हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए पैकेज की घोषणा की है, जिसमें से कुछ हजार करोड़ झारखंड के वितरण कंपनी को जरूर मिलेंगे.

इसे भी पढे़ं:- बिना सूचना के प्रवासी मजदूरों से भरी ट्रेन भेज रही है केंद्र सरकारः बन्ना गुप्ता


कई राज्यों ने उठाया है कदम
ऐसे में उम्मीद है कि वितरण कंपनियां केंद्र सरकार से मिली इस बड़ी राहत का लाभ उपभोक्ताओं, खासकर उद्योग व्यापार तक पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों में फिक्सड चार्ज से उद्योग व्यापार को मुक्ति दे दी गई है, लेकिन झारखंड में अभी तक इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.

प्रावधानों का मरांडी ने किया उल्लेख
प्रावधानों का उल्लेख करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विद्युत आपूर्ति कंपनी और उपभोक्ता के बीच होने वाले करार में भी इस बात का उल्लेख है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 10 लाख प्रवासियों को राज्य में रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया है, इनमें से अधिकांश औद्योगिक अन्य राज्यों में भी छोटे उद्योग व्यापार कर रहे थे.

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कोरोना आपदा की वजह से बंद पड़े औद्योगिक और व्यापारिक इकाई के बिजली के फिक्स्ड चार्ज से राहत की मांग की है. मरांडी ने शुक्रवार को इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. जिसमें राज्य के छोटे-बड़े उद्योग को बिजली के फिक्स्ड रेट से राहत देने की मांग की है.



1100 इकाइयां खुलेंगी
मरांडी ने अपने पत्र में लिखा है कि टाटा मोटर्स के खुलने के साथ-साथ उससे जुड़ी 1100 अलग-अलग इकाइयां भी खुलेंगी. उन्होंने कहा कि इन छोटे उद्योगों की मार्च महीने की एक तिहाई और अप्रैल-मई महीने का बिजली बिल बकाया है. उन्होंने कहा कि इस बिल के भुगतान के बाद ही ऐसे उद्योग धंधे संचालित हो पाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के लिए पैकेज की घोषणा की है, जिसमें से कुछ हजार करोड़ झारखंड के वितरण कंपनी को जरूर मिलेंगे.

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कई राज्यों ने उठाया है कदम
ऐसे में उम्मीद है कि वितरण कंपनियां केंद्र सरकार से मिली इस बड़ी राहत का लाभ उपभोक्ताओं, खासकर उद्योग व्यापार तक पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों में फिक्सड चार्ज से उद्योग व्यापार को मुक्ति दे दी गई है, लेकिन झारखंड में अभी तक इसको लेकर कोई चर्चा नहीं हुई.

प्रावधानों का मरांडी ने किया उल्लेख
प्रावधानों का उल्लेख करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विद्युत आपूर्ति कंपनी और उपभोक्ता के बीच होने वाले करार में भी इस बात का उल्लेख है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लगभग 10 लाख प्रवासियों को राज्य में रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया है, इनमें से अधिकांश औद्योगिक अन्य राज्यों में भी छोटे उद्योग व्यापार कर रहे थे.

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