रांची: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य में कोरोना की जांच करने के लिए निजी लैब के जरिए ली जाने वाली राशि कम होनी चाहिए. गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि झारखंड में सरकार ने 4 निजी लैब को कोरोना वायरस की जांच के लिए अधिकृत किया है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इन निजी लैब में आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार अधिकतम 4 हजार 500 रुपये की राशि का भुगतान कर कोई भी व्यक्ति कोरोना की जांच करा सकता है. उन्होंने कहा कि नोबेल कोरोना वायरस की जांच के लिए कर्नाटक में यही राशि 2 हजार 250 तय की गई है. मरांडी ने कहा कि झारखंड की गरीबी और पिछड़ापन से सरकार वाकिफ है. ऐसे में राज्य सरकार के जरिए निजी लैब में कोरोना वायरस की जांच के लिए 4 हजार 500 रुपये की राशि तय करना जनहित में नहीं है. वहीं, लॉकडाउन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है. ऐसे में इतनी ज्यादा राशि अदा कर जांच कराने में लोगों की असमर्थता को समझने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि झारखंड में निजी स्तर पर कोरोना वायरस की जांच कर्नाटक के तय राशि से भी कम होनी चाहिए. राज्य सरकार को सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि संभव हो तो सरकार कोरोना वायरस की जांच बढ़ाने के लिए उन कांटेक्ट ट्रेसिंग और संदिग्ध मरीजों की इन प्राइवेट जांच घरों से भी सरकारी स्तर पर भुगतान कर जांच करवानी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दरमियान लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि निजी अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि निजी स्तर पर कोरोना वायरस उचित न्यूनतम दर पर या निशुल्क जांच होने से परेशानी और शिकायत भी काफी हद तक दूर हो जाने की संभावना है.