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Jharkhand Politics: 'एक्सिडेंटल राजकुमार' के नाम होगा बर्बादी का इतिहास, ऐसा कहते हुए बाबूलाल को क्यों याद आए दुर्गा सोरेन

रामगढ़ का रोमांच अपने शबाब पर है. चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के बोल तीखे होने लगे हैं. कोई भी नेता एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका चूकना नहीं चाहता है. इस बीच बाबूलाल मरांडी को विपक्षी दल के नेता दुर्गा सोरेन याद आ रहे हैं. जानिए क्यों...

Hemant Soren will be hero of history of Jharkhand destruction
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Published : Feb 23, 2023, 2:04 PM IST

रांची: रामगढ़ उपचुनाव को लेकर झारखंड की राजनीति गर्म है और नेताओं का जोश हाई नजर आ रहा है. प्रदेश का पूरा सियासी महकमा रामगढ़ में डेरा डाले हुए है. एनडीए की ओर से बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मोर्चा संभाल रखा है. वहीं यूपीए की ओर से खुद सीएम हेमंत सोरेन फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति में एक और प्रयोग! लॉन्च हुआ 'डायपर बाबू'

सीएम हेमंत सोरेन लगातार रामगढ़ का दौरा कर रहे हैं. चुनावी सभाओं में अपनी सरकार के कामकाज को गिनाते हुए विपक्षी दल पर हमलावर बने हैं. 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, ओल्ड पेंशन स्कीम, सर्वजन पेंशन योजना जैसे मुद्दों पर सीएम हेमंत सोरेन काफी मुखर रहे हैं. इन मुद्दों को लेकर चुनावी सभा में विपक्ष से सवाल भी पूछते रहते हैं.

  • 1985 नीति पर मिठाई बाँटने वाले आजसू और भाजपा वाले क्या जानें 1932 खतियान की मांग करने वालों का संघर्ष।
    यह लोग आपके सामने सिर्फ़ घड़ियाली आंसू बहा सकते हैं और पीछे के दरवाजे से आपके ही खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं। इन लोगों ने झारखण्ड को सिर्फ पीछे धकेलने का काम किया है। pic.twitter.com/2C36PwOtrY

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

1932 को लेकर एनडीए पर निशाना: गुरुवार को सीएम हेमंत सोरेन ने रामगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर आजसू और बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1985 के आधार पर स्थानीय नीति बनाकर मिठाई बांटने वाली आजसू और बीजेपी 1932 की मांग करने वालों का संघर्ष क्या जाने. उन्होंने कहा कि ये लोग आपके सामने घड़ियाली आंसू बहा सकते हैं और पिछले दरवाजे से आप लोगों को खिलाफ साजिश रचते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने ही झारखंड की पीछे धकेला है.

  • झारखंड और आदिवासियों की बर्बादी का इतिहास लिखा जायेगा तो इसमें सबसे बड़ा योगदान करनेवाले सोरेन राज परिवार के एक्सिडेंटल राजकुमार हेमंत सोरेन का नाम उपर होगा।

    यह देखकर स्व. दुर्गा सोरेन जी की आत्मा को भी ज़रूर कष्ट पंहुच रहा होगा।वो जीवित रहते तो शायद ये दिन नहीं देखने पड़ते? https://t.co/ILaQ4JdxDU

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) February 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हेमंत सोरेन पर बाबूलाल का वार: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि झारखंड और आदिवासियों की बर्बादी इतिहास अगर लिखा जाएगा तो इसमें सोरेन परिवार और एक्सिडेंटल राजकुमार का नाम सबसे ऊपर होगा. आगे उन्होंने लिखा कि यह देखकर दुर्गा सोरेन की आत्मा को भी दुख हो रहा होगा. आज अगर वो जिंदा रहते तो झारखंड को यह दिन नहीं देखना पड़ता.

रांची: रामगढ़ उपचुनाव को लेकर झारखंड की राजनीति गर्म है और नेताओं का जोश हाई नजर आ रहा है. प्रदेश का पूरा सियासी महकमा रामगढ़ में डेरा डाले हुए है. एनडीए की ओर से बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने मोर्चा संभाल रखा है. वहीं यूपीए की ओर से खुद सीएम हेमंत सोरेन फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं.

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सीएम हेमंत सोरेन लगातार रामगढ़ का दौरा कर रहे हैं. चुनावी सभाओं में अपनी सरकार के कामकाज को गिनाते हुए विपक्षी दल पर हमलावर बने हैं. 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण, ओल्ड पेंशन स्कीम, सर्वजन पेंशन योजना जैसे मुद्दों पर सीएम हेमंत सोरेन काफी मुखर रहे हैं. इन मुद्दों को लेकर चुनावी सभा में विपक्ष से सवाल भी पूछते रहते हैं.

  • 1985 नीति पर मिठाई बाँटने वाले आजसू और भाजपा वाले क्या जानें 1932 खतियान की मांग करने वालों का संघर्ष।
    यह लोग आपके सामने सिर्फ़ घड़ियाली आंसू बहा सकते हैं और पीछे के दरवाजे से आपके ही खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं। इन लोगों ने झारखण्ड को सिर्फ पीछे धकेलने का काम किया है। pic.twitter.com/2C36PwOtrY

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) February 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

1932 को लेकर एनडीए पर निशाना: गुरुवार को सीएम हेमंत सोरेन ने रामगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर आजसू और बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 1985 के आधार पर स्थानीय नीति बनाकर मिठाई बांटने वाली आजसू और बीजेपी 1932 की मांग करने वालों का संघर्ष क्या जाने. उन्होंने कहा कि ये लोग आपके सामने घड़ियाली आंसू बहा सकते हैं और पिछले दरवाजे से आप लोगों को खिलाफ साजिश रचते हैं. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने ही झारखंड की पीछे धकेला है.

  • झारखंड और आदिवासियों की बर्बादी का इतिहास लिखा जायेगा तो इसमें सबसे बड़ा योगदान करनेवाले सोरेन राज परिवार के एक्सिडेंटल राजकुमार हेमंत सोरेन का नाम उपर होगा।

    यह देखकर स्व. दुर्गा सोरेन जी की आत्मा को भी ज़रूर कष्ट पंहुच रहा होगा।वो जीवित रहते तो शायद ये दिन नहीं देखने पड़ते? https://t.co/ILaQ4JdxDU

    — Babulal Marandi (@yourBabulal) February 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हेमंत सोरेन पर बाबूलाल का वार: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान पर बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि झारखंड और आदिवासियों की बर्बादी इतिहास अगर लिखा जाएगा तो इसमें सोरेन परिवार और एक्सिडेंटल राजकुमार का नाम सबसे ऊपर होगा. आगे उन्होंने लिखा कि यह देखकर दुर्गा सोरेन की आत्मा को भी दुख हो रहा होगा. आज अगर वो जिंदा रहते तो झारखंड को यह दिन नहीं देखना पड़ता.

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