रांची: बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पर संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत विधानसभा अध्यक्ष के न्यायाधिकरण में दल-बदल का मामला चलेगा. विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने इस बाबत तीनों नेताओं को नोटिस जारी किया है. तीनों नेताओं को 23 नवंबर को स्वयं या अधिवक्ताओं के माध्यम से न्यायाधिकरण के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखना है.
विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में दल बदल
बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने 2019 के विधानसभा चुनाव में जेवीएम के सिंबल पर जीत दर्ज की थी. नतीजे आने के बाद बाबूलाल मरांडी ने पार्टी का भाजपा में विलय कराया था. दूसरी तरफ प्रदीप यादव और बंधु तिर्की इसे गैर संवैधानिक बताते हुए कांग्रेस में शामिल हो गए थे. प्रदेश भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को विधायक दल का नेता घोषित करने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की दावेदारी पेश की थी, लेकिन विधानसभा सचिवालय की तरफ से इस पर मुहर नहीं लगी. इस मामले को लेकर बजट और मानसून सेशन के दौरान मुख्य विपक्षी दल भाजपा की तरफ से सदन के भीतर और बाहर काफी हो हंगामा भी होता रहा. अब तीनों नेताओं को अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने के लिए स्पीकर न्यायाधिकरण में साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा. इससे साफ हो गया है कि झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का मामला लटकेगा.
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चौथी विधानसभा चुनाव
चौथी विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद जेवीएम के आठ में से छह विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे. स्कोर जेवीएम के तत्कालीन अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर के न्यायाधिकरण में चुनौती दी थी. करीब साढे 4 वर्षों तक मामला चलने के बाद तत्कालीन स्पीकर दिनेश उरांव ने दल बदल को संवैधानिक बताया था.