रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को एक वीडियो क्लिप जारी कर झारखंड की राजनीति में तूफान ला दिया है. यह वीडियो क्लिप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का से जुड़ा है. 2016 में भी बाबूलाल ने एक सीडी जारी की थी, जिसकी चर्चा यहां की राजनीति में आज भी होती है.
रविवार को बाबूलाल मरांडी ने एक वीडियो क्लिप जारी किया था. इस वीडियो में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण, विशाल चौधरी नाम के एक व्यक्ति के ऑफिस में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे हैं. दावा के मुताविक यह ऑफिस उसी विशाल चौधरी का जिसके यहां ईडी ने पिछले दिनों छापेमारी की थी. वीडियो क्लिप में एक महिला भी दिख रहीं हैं, जो राजीव अरुण एक्का को फाइल साइन करने के लिए आगे बढ़ा रहीं हैं. वह महिला भी सरकारी कर्मचारी नहीं है.
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मुख्यमंत्री के पास गृह एवं कारा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं, उनके प्रधान सचिव एक दलाल के निजी कार्यालय में भ्रष्टाचार की गाथा लिखते हैं..
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अगर इन सबों से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री कहेंगे कि आदिवासी होने पर भाजपा परेशान कर रही है, तो आदिवासियों के नाम पर हेमंत सोरेन जी एक कलंक हैं.. pic.twitter.com/dtgCQvY3ML
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अगर इन सबों से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री कहेंगे कि आदिवासी होने पर भाजपा परेशान कर रही है, तो आदिवासियों के नाम पर हेमंत सोरेन जी एक कलंक हैं.. pic.twitter.com/dtgCQvY3MLमुख्यमंत्री के पास गृह एवं कारा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं, उनके प्रधान सचिव एक दलाल के निजी कार्यालय में भ्रष्टाचार की गाथा लिखते हैं..
— Babulal Marandi (@yourBabulal) March 5, 2023
अगर इन सबों से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री कहेंगे कि आदिवासी होने पर भाजपा परेशान कर रही है, तो आदिवासियों के नाम पर हेमंत सोरेन जी एक कलंक हैं.. pic.twitter.com/dtgCQvY3ML
राजीव अरुण एक्का पर एक्शन: बाबूलाल के वीडियो जारी करने के तुरंत बाद हेमंत सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई. जिसके बाद कुछ ही घंटों में सरकार एक्शन में आ गई. राजीव अरुण एक्का को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद से हटाकर उन्हें पंचायती राज विभाग में प्रधान सचिव के पद पर भेज दिया गया.
सात साल पहले भी बाबूलाल ने जारी की थी सीडी: जुलाई 2016 में भी बाबूलाल मरांडी ने एक सीडी जारी की थी. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राज्यसभा चुनाव 2016 के समय तत्कालीन सीएम रघुवर दास ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की पत्नी निर्मला देवी पर बीजेपी के उम्मीदवार को वोट देने का दबाव बनाने की कोशिश की. बाबूलाल मरांडी ने ऑडियो टेप जारी कर रघुवर दास पर विधायक खरीद फरोख्त का आरोप लगाया था. बाबूलाल के टेप जारी करने के बाद झारखंड की राजनीति में तूफान आ गया.
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योगेंद्र साव के यहां बातचीत का टेप: 11 जून को वोटिंग के दिन रघुवर दास अपनी कार से योगेंद्र साव के घर पहुंचे. योगेंद्र साव के यहां दोनों के बीच बातचीत की बात रिकार्ड कर ली गई थी. तत्कालीन विधायक निर्मला देवी ने आरोप लगाया था कि उस वक्त मुख्यमंत्री के सलाहकार अजय कुमार और एक आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता ने भी बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए दबाव बनाया था. इस मामले में आईपीएस अधिकारी अनुराग गुप्ता लंबे समय तक सस्पेंड रहे. फिलहाल मामला आदालत में लंबित है.