रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रांची की तरह देवघर में भी बड़े पैमाने पर जमीन घोटाला होने की आशंका जताई है. देवघर में बड़े पैमाने पर जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी कर बेचे जाने का आरोप लगाते हुए बाबूलाल मरांडी ने इसकी जांच सीबीआई या ईडी से करने की मांग की है.
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उन्होंने कहा है कि देवघर में एतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए दर्जनों भूमाफियाओं द्वारा जमीन के दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन की हेराफेरी की जा रही है. अभी हाल ही में एम्स और एयरपोर्ट के बनने के बाद से सीमावर्ती राज्यों के भू माफिया सक्रिय हो गए हैं. यहां के जमीन घोटाले के कुछ मामलों की जांच सीबीआई पहले से कर रही है, फिर भी जमीन घोटाले का गोरखधंधा जोरों पर है.
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राँची की तरह देवघर में भी बड़े पैमाने पर कागजातों की हेराफेरी एवं जालसाज़ी कर ज़मीन घोटाला हुआ है और हो रहा है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 5, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
एम्स एवं एयरपोर्ट स्थापना के साथ ही बाबा बैद्यनाथ के विश्वव्यापी महत्व के चलते देवघर की ज़मीन पर न सिर्फ़ झारखंड बल्कि सीमावर्ती राज्य के ज़मीन माफियाओं की भी नज़र…
">राँची की तरह देवघर में भी बड़े पैमाने पर कागजातों की हेराफेरी एवं जालसाज़ी कर ज़मीन घोटाला हुआ है और हो रहा है।
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एम्स एवं एयरपोर्ट स्थापना के साथ ही बाबा बैद्यनाथ के विश्वव्यापी महत्व के चलते देवघर की ज़मीन पर न सिर्फ़ झारखंड बल्कि सीमावर्ती राज्य के ज़मीन माफियाओं की भी नज़र…राँची की तरह देवघर में भी बड़े पैमाने पर कागजातों की हेराफेरी एवं जालसाज़ी कर ज़मीन घोटाला हुआ है और हो रहा है।
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एम्स एवं एयरपोर्ट स्थापना के साथ ही बाबा बैद्यनाथ के विश्वव्यापी महत्व के चलते देवघर की ज़मीन पर न सिर्फ़ झारखंड बल्कि सीमावर्ती राज्य के ज़मीन माफियाओं की भी नज़र…
देवघर जमीन घोटाला का संबंध बंगाल से है-बाबूलाल: बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि देवघर जमीन घोटाला का संबंध रांची की तरह बंगाल से है. इस घोटाले में कई पूर्व और वर्तमान में पदस्थापित अंचल अधिकारी और कई बड़े-बड़े पदाधिकारियों की संलिप्तता है, जिसकी जांच होनी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कोलकाता जैसे महानगर में जमीन कठ्ठा और डिसमिल के हिसाब से बिकता है, मगर देवघर एक ऐसा शहर है जहां भू माफियाओं और जमीन दलालों की वजह से जमीन स्क्वायर फीट में बिकता है. उन्होंने सीबीआई और ईडी द्वारा इस मामले में जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया है ताकि घोटालेबाजों को सजा मिल सके.
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कोलकाता जैसे महानगर में ज़मीन कट्ठा और डिसमिल के हिसाब से मिल सकता है लेकिन हमारे झारखंड राज्य के बाबा नगरी देवघर में माफ़ियाओं/दलालों की महिमा से ज़मीन की ख़रीद-बिक्री के लिये प्रति स्कावयर फ़ीट के हिसाब से रेट तय होता है।
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">कोलकाता जैसे महानगर में ज़मीन कट्ठा और डिसमिल के हिसाब से मिल सकता है लेकिन हमारे झारखंड राज्य के बाबा नगरी देवघर में माफ़ियाओं/दलालों की महिमा से ज़मीन की ख़रीद-बिक्री के लिये प्रति स्कावयर फ़ीट के हिसाब से रेट तय होता है।
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जमीन खरीद बिक्री सबसे ज्यादा विवादास्पद: राज्य में सबसे ज्यादा विवाद जमीन की खरीद बिक्री में होता देखा जाता है. इस वजह से कानूनी लड़ाई के अलावा आए दिन हत्याएं तक होती हैं. सरकार ने जमीन विवाद को निपटाने के लिए हर शनिवार को प्रखंड कार्यालयों में भूमि विवाद समाधान दिवस मनाने का निर्णय लिया था, जिसमें जमीन विवाद संबंधित छोटी मोटी परेशानी खासकर जमीन रसीद, म्यूटेशन, दस्तावेज में शुद्धिकरण, जैसे काम होते थे. ये कुछ दिन तक ठीक ठाक चला, मगर समय के साथ यह भी बंद हो गया. हास्यास्पद बात यह है कि जिस डीसी ने रांची में इसकी शुरुआत की वो खुद भूमि घोटाले में ईडी की कार्रवाई के बाद से जेल में हैं.