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बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, योग शिक्षिका राफिया की सुरक्षा वापस देने की मांग

योग शिक्षिका राफिया नाज की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य सचिव झारखंड और झारखंड के प्रभारी डीजीपी को भी भेजी है.

बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार को लिखा पत्र
Babulal Marandi demanded Jharkhand government to protect Rafia naz
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Published : Aug 3, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 8:48 PM IST

रांची: प्रदेश बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने योग शिक्षिका राफिया नाज की सुरक्षा को हटाने और कुछ कथित कट्टरपंथियों की ओर से मिल रही धमकियों के कारण जान माल की सुरक्षा की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोमवार को पत्र लिखा है. इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य सचिव झारखंड और झारखंड के प्रभारी डीजीपी को भी भेजी जाएगी.

बाबूलाल मरांडी का बयान

राफिया पर राज्य को होना चाहिए गर्व

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राफिया नाज ने अपनी सुरक्षा हटाए जाने समेत अन्य जानकारी उन्हें ईमेल के जरिए साझा कर मदद की गुहार लगाई है. इसको लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राफिया नाज पर राज्य को फक्र होना चाहिए, लेकिन उनके साथ हुई ज्यादती रोंगटे खड़ी करने वाली है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कट्टरपंथियों की उद्दंडता तक बात सीमित होती तो उनकी सोच और नासमझी समझ में आती है, लेकिन राज्य के सबसे बड़े ओहदे पर बैठे पुलिस अधिकारी की भाषा बहुत ही चिंतनीय है.

राफिया नाज का बयान

ये भी पढ़ें-झारखंड में लगातार बढ़ रहा कोरोना, अब तक 12,882 संक्रमित, 118 की मौत

राफिया हो रही हैं मानसिक प्रताड़ना का शिकार

मरांडी ने कहा कि इसका कसूर सिर्फ इतना है कि यह योग को बढ़ावा देती है और लोगों को सेहतमंद रखने के लिए योगा सिखाती है. वह योग जिसे विश्व ने अपनाया है और मान्यता दी है. इतना ही नहीं मुस्लिम बाहुल्य देश सऊदी अरब में इसे खेल का दर्जा दिया गया है. इस के उपलक्ष में विश्व योग दिवस भी मनाया जाता है, लेकिन जिस योग की महत्ता को पूरी दुनिया ने समझा है. उसी योग को बढ़ावा देने पर इनके मजहब के मुट्ठी भर लोगों को यह नागवारा गुजरता है. यही कारण है कि इनके साथ लगातार मारपीट, गाली-गलौज, देश विदेशों से धमकी, इनके खिलाफ फतवा जारी तक किया जाता है. राफिया साल 2015 से ही मानसिक प्रताड़ना की शिकार हो रही हैं.

राफिया की सुरक्षा हटने के बाद से घटनाएं हो गयी हैं शुरू

वर्तमान सरकार ने मार्च 2020 के अंतिम हफ्ते में बिना कुछ बताए इनकी सुरक्षा को वापस ले ली. इसको लेकर 16 जून को रांची के एसएसपी को आवेदन दिया गया, जिसमें सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की गई. सुरक्षा हटाने के बाद इन पर फिर से घटनाएं शुरू हो गयी हैं, जिसका ऑनलाइन एफआईआर भी इन्होंने दर्ज कराया है. अपनी सुरक्षा के संबंध में राज्य के प्रभारी डीजीपी को फोन करती हैं तो उनकी भाषा अशोभनीय होती है. ऐसे में बाबूलाल मरांडी ने राफिया की समुचित सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है. इसके साथ ही ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने की भी बात कही है.

रांची: प्रदेश बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने योग शिक्षिका राफिया नाज की सुरक्षा को हटाने और कुछ कथित कट्टरपंथियों की ओर से मिल रही धमकियों के कारण जान माल की सुरक्षा की तरफ ध्यान आकृष्ट कराते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोमवार को पत्र लिखा है. इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य सचिव झारखंड और झारखंड के प्रभारी डीजीपी को भी भेजी जाएगी.

बाबूलाल मरांडी का बयान

राफिया पर राज्य को होना चाहिए गर्व

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राफिया नाज ने अपनी सुरक्षा हटाए जाने समेत अन्य जानकारी उन्हें ईमेल के जरिए साझा कर मदद की गुहार लगाई है. इसको लेकर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राफिया नाज पर राज्य को फक्र होना चाहिए, लेकिन उनके साथ हुई ज्यादती रोंगटे खड़ी करने वाली है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कट्टरपंथियों की उद्दंडता तक बात सीमित होती तो उनकी सोच और नासमझी समझ में आती है, लेकिन राज्य के सबसे बड़े ओहदे पर बैठे पुलिस अधिकारी की भाषा बहुत ही चिंतनीय है.

राफिया नाज का बयान

ये भी पढ़ें-झारखंड में लगातार बढ़ रहा कोरोना, अब तक 12,882 संक्रमित, 118 की मौत

राफिया हो रही हैं मानसिक प्रताड़ना का शिकार

मरांडी ने कहा कि इसका कसूर सिर्फ इतना है कि यह योग को बढ़ावा देती है और लोगों को सेहतमंद रखने के लिए योगा सिखाती है. वह योग जिसे विश्व ने अपनाया है और मान्यता दी है. इतना ही नहीं मुस्लिम बाहुल्य देश सऊदी अरब में इसे खेल का दर्जा दिया गया है. इस के उपलक्ष में विश्व योग दिवस भी मनाया जाता है, लेकिन जिस योग की महत्ता को पूरी दुनिया ने समझा है. उसी योग को बढ़ावा देने पर इनके मजहब के मुट्ठी भर लोगों को यह नागवारा गुजरता है. यही कारण है कि इनके साथ लगातार मारपीट, गाली-गलौज, देश विदेशों से धमकी, इनके खिलाफ फतवा जारी तक किया जाता है. राफिया साल 2015 से ही मानसिक प्रताड़ना की शिकार हो रही हैं.

राफिया की सुरक्षा हटने के बाद से घटनाएं हो गयी हैं शुरू

वर्तमान सरकार ने मार्च 2020 के अंतिम हफ्ते में बिना कुछ बताए इनकी सुरक्षा को वापस ले ली. इसको लेकर 16 जून को रांची के एसएसपी को आवेदन दिया गया, जिसमें सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की गई. सुरक्षा हटाने के बाद इन पर फिर से घटनाएं शुरू हो गयी हैं, जिसका ऑनलाइन एफआईआर भी इन्होंने दर्ज कराया है. अपनी सुरक्षा के संबंध में राज्य के प्रभारी डीजीपी को फोन करती हैं तो उनकी भाषा अशोभनीय होती है. ऐसे में बाबूलाल मरांडी ने राफिया की समुचित सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है. इसके साथ ही ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने की भी बात कही है.

Last Updated : Aug 3, 2020, 8:48 PM IST

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