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बाबूलाल मरांडी बने झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष, चुनावों से पहले पार्टी का बड़ा फैसला - बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम

बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. 2024 के चुनावों से पहले कई राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष को बदला गया है. झारखंड में पूर्व सीएम रहे बाबूलाल मरांडी को प्रदेश बीजेपी की कमान सौंपी है.

Babulal Marandi
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Published : Jul 4, 2023, 3:17 PM IST

Updated : Jul 4, 2023, 4:27 PM IST

रांची: बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों के अध्यक्ष को बदला है. झारखंड में अब ये कमान बाबूलाल मरांडी को दी गई है. इससे पहले दीपक प्रकाश राज्य की कमान संभाल रहे थे. बाबूलाल मरांडी को बीजेपी विधायक दल का नेता भी चुना गया था. अब उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

ये भी पढ़ें: बाबूलाल मरांडी की नीतीश कुमार को सलाह, मन नहीं लग रहा तो ले लें सन्यास

2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए बाबूलाल मरांडी को मिली ये जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है. बाबूलाल मरांडी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1958 को गिरिडीह मे हुआ था. गिरिडीह कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने एक साल तक प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम किया. इसके बाद वो आरएसएस से जुड़े. साल 1983 में उन्हें संथाल परगना के विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली.

Babulal Marandi
बीजेपी की तरफ से जारी पत्र

साल 1991 में बाबूलाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव 1991 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गए. 1996 लोकसभा चुनाव में वो फिर दुमका सीट से उम्मीदवार बने. इसबार वो महज 5 हजार वोट से दोबारा हारे. साल 1996 में बीजेपी ने उन्हें वनांचल क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 1998 में उन्होंने दुमका सीट पर जीत दर्ज की. 1999 में वो फिर जीतकर सांसद बने.

Babulal Marandi
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अटल सरकार में बाबूलाल मरांडी वन पर्यावरण राज्यमंत्री बने. साल 2000 में वो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने. 2003 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 2004 में वह कोडरमा सीट से चुनाव लड़े और जीते. 2006 में बीजेपी छोड़कर नई पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया. 2006 में कोडरमा सीट पर हुए उपचुनाव वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीत हासिल की. 2009 में कोडरमा सीट से बतौर जेवीएम उम्मीदवार लड़े और जीत हासिल की. 2014 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली.

  • जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष बने, सुनील जाखड़ पंजाब के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए… pic.twitter.com/7YOOy2m0Kf

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2019 में बीजेपी में विलय: 2019 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम अकले चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत मिली. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी में जाने का फैसला किया और पार्टी ने तीन विधायकों में से दो बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को निलंबित कर दिया और पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया. बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता बनाया लेकिन सदन में उसे अभी तक मान्यता नहीं मिली है.

जब हो गई बेटे की हत्या: 26 अक्टूबर 2007 झारखंड बिहार की सीमा पर चिलखारी में एक फुटबॉल मैच हो रहा था. टूर्नामेंट के फाइनल के बाद जतरा का आयोजन किया गया था. इस दौरान विजेता-उपविजेता टीम और उनके समर्थकों के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी के बेटे और भाई भी मौजूद थे. इस दौरान नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी समेत 20 लोगों की मौत हो गई.

रांची: बाबूलाल मरांडी को झारखंड बीजेपी का अध्यक्ष चुना गया है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों के अध्यक्ष को बदला है. झारखंड में अब ये कमान बाबूलाल मरांडी को दी गई है. इससे पहले दीपक प्रकाश राज्य की कमान संभाल रहे थे. बाबूलाल मरांडी को बीजेपी विधायक दल का नेता भी चुना गया था. अब उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए बाबूलाल मरांडी को मिली ये जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है. बाबूलाल मरांडी झारखंड के वरिष्ठ नेता हैं. उनका जन्म जनवरी 1958 को गिरिडीह मे हुआ था. गिरिडीह कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री ली. उन्होंने एक साल तक प्राथमिक शिक्षक के रूप में काम किया. इसके बाद वो आरएसएस से जुड़े. साल 1983 में उन्हें संथाल परगना के विश्व हिंदू परिषद के संगठन मंत्री की जिम्मेदारी मिली.

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बीजेपी की तरफ से जारी पत्र

साल 1991 में बाबूलाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. लोकसभा चुनाव 1991 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन वो हार गए. 1996 लोकसभा चुनाव में वो फिर दुमका सीट से उम्मीदवार बने. इसबार वो महज 5 हजार वोट से दोबारा हारे. साल 1996 में बीजेपी ने उन्हें वनांचल क्षेत्र का अध्यक्ष बनाया. इसके बाद साल 1998 में उन्होंने दुमका सीट पर जीत दर्ज की. 1999 में वो फिर जीतकर सांसद बने.

Babulal Marandi
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अटल सरकार में बाबूलाल मरांडी वन पर्यावरण राज्यमंत्री बने. साल 2000 में वो झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बने. 2003 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. 2004 में वह कोडरमा सीट से चुनाव लड़े और जीते. 2006 में बीजेपी छोड़कर नई पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया. 2006 में कोडरमा सीट पर हुए उपचुनाव वो निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीत हासिल की. 2009 में कोडरमा सीट से बतौर जेवीएम उम्मीदवार लड़े और जीत हासिल की. 2014 में उन्होंने दुमका सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 2014 विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार मिली.

  • जी. किशन रेड्डी को तेलंगाना के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष बने, सुनील जाखड़ पंजाब के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए… pic.twitter.com/7YOOy2m0Kf

    — ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

2019 में बीजेपी में विलय: 2019 के विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम अकले चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत मिली. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से बीजेपी में जाने का फैसला किया और पार्टी ने तीन विधायकों में से दो बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को निलंबित कर दिया और पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया. बीजेपी ने उन्हें विधायक दल का नेता बनाया लेकिन सदन में उसे अभी तक मान्यता नहीं मिली है.

जब हो गई बेटे की हत्या: 26 अक्टूबर 2007 झारखंड बिहार की सीमा पर चिलखारी में एक फुटबॉल मैच हो रहा था. टूर्नामेंट के फाइनल के बाद जतरा का आयोजन किया गया था. इस दौरान विजेता-उपविजेता टीम और उनके समर्थकों के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी के बेटे और भाई भी मौजूद थे. इस दौरान नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें बाबूलाल मरांडी के बेटे अनूप मरांडी समेत 20 लोगों की मौत हो गई.

Last Updated : Jul 4, 2023, 4:27 PM IST
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