ETV Bharat / state

झारखंड में ध्वस्त है आयुर्वेदिक चिकित्सकीय व्यवस्था, सिर्फ दो दवा और दो दर्जन चिकित्सकों के भरोसे चल रहा सिस्टम - Ranchi news

झारखंड में आयुर्वेदिक चिकित्सीय व्यवस्था (Ayurvedic medical system in Jharkhand) ध्वस्त हो गई है. स्थिति यह है कि आयुर्वेद अस्पताल में सिर्फ दो दवायें उपलब्ध हैं. स्थिति यह है कि मरीजों को बाजार से महंगी दवायें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

Ayurvedic medical system in Jharkhand
झारखंड में ध्वस्त है आयुर्वेदिक चिकित्सकीय व्यवस्था
author img

By

Published : Nov 28, 2022, 6:40 PM IST

रांचीः आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और संभावनाओं वाले प्रदेश का सरकारी आयुर्वेदिक सिस्टम (Ayurvedic medical system in Jharkhand) पूरी तरह ध्वस्त है. राज्य में पांच दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक दवाओं की जगह सिर्फ दो तरह की दवाएं उपलब्ध है. स्थिति यह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने आने वाले लोगों को बाजार से महंगी आयुर्वेदिक दवायें खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः शरीर की प्रकृति व दोष के अनुरूप ही हो भोजन : आयुर्वेद

रांची के डोरंडा स्थित संयुक्त औषधालय में दवा लेने आयी गौरी देवी ईटीवी भारत से बातचीत में कहती है कि डॉक्टर दवा लिखे हैं तो किसी तरह दवा तो खरीदना ही होगा. वहीं, आयुर्वेदिक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ साकेत कुमार अपनी लाचारी इस तरह बयां करते हैं कि तीन महीने पहले ही 50 से ज्यादा दवाओं की सूची आयुष निदेशालय को भेजी गई है. लेकिन अब तक दवा की आपूर्ति ही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इलाज कराने आने वाले मरीजों को काउंसेलिंग करते हैं और घर के आसपास के मौजूद औषधीय पौधों के गुण बताते हुए सेवन करने की सलाह देते हैं. इसके अलावा कुछ दवा बाजार से खरीदने की भी सलाह देते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट


आयुष की महत्वपूर्ण इकाई आयुर्वेद में जहां एक ओर दवा नहीं है. वहीं दूसरी ओर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की भी कमी है. आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए 259 आयुर्वेदिक डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन वर्तमान में सिर्फ दो दर्जन आयुर्वेदिक चिकित्सक कार्यरत हैं. इसमें कई डॉक्टर प्रशासनिक कार्य संभाल रहे हैं, जो मरीजों का इलाज नहीं करते हैं. जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सच्चिदानंद सिंह ने बताय कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों और दवाओं की कमी है. लेकिन व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. सीएचओ की बहाली की प्रक्रिया चल रही है. एक महीने के अंदर आयुर्वेदिक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद की प्रक्रिया चल रही है.

रांचीः आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और संभावनाओं वाले प्रदेश का सरकारी आयुर्वेदिक सिस्टम (Ayurvedic medical system in Jharkhand) पूरी तरह ध्वस्त है. राज्य में पांच दर्जन से अधिक आयुर्वेदिक दवाओं की जगह सिर्फ दो तरह की दवाएं उपलब्ध है. स्थिति यह है कि आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज कराने आने वाले लोगों को बाजार से महंगी आयुर्वेदिक दवायें खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः शरीर की प्रकृति व दोष के अनुरूप ही हो भोजन : आयुर्वेद

रांची के डोरंडा स्थित संयुक्त औषधालय में दवा लेने आयी गौरी देवी ईटीवी भारत से बातचीत में कहती है कि डॉक्टर दवा लिखे हैं तो किसी तरह दवा तो खरीदना ही होगा. वहीं, आयुर्वेदिक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ साकेत कुमार अपनी लाचारी इस तरह बयां करते हैं कि तीन महीने पहले ही 50 से ज्यादा दवाओं की सूची आयुष निदेशालय को भेजी गई है. लेकिन अब तक दवा की आपूर्ति ही नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इलाज कराने आने वाले मरीजों को काउंसेलिंग करते हैं और घर के आसपास के मौजूद औषधीय पौधों के गुण बताते हुए सेवन करने की सलाह देते हैं. इसके अलावा कुछ दवा बाजार से खरीदने की भी सलाह देते हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट


आयुष की महत्वपूर्ण इकाई आयुर्वेद में जहां एक ओर दवा नहीं है. वहीं दूसरी ओर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की भी कमी है. आयुर्वेदिक अस्पताल के लिए 259 आयुर्वेदिक डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं. लेकिन वर्तमान में सिर्फ दो दर्जन आयुर्वेदिक चिकित्सक कार्यरत हैं. इसमें कई डॉक्टर प्रशासनिक कार्य संभाल रहे हैं, जो मरीजों का इलाज नहीं करते हैं. जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सच्चिदानंद सिंह ने बताय कि आयुर्वेदिक डॉक्टरों और दवाओं की कमी है. लेकिन व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. सीएचओ की बहाली की प्रक्रिया चल रही है. एक महीने के अंदर आयुर्वेदिक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि निदेशालय स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं की खरीद की प्रक्रिया चल रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.