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आयुर्वेद और होमियोपैथी में डेंगू का है कारगर इलाज, बकरी का ताजा दूध और पपीता के पत्ते का रस सेवन से तेजी से बढ़ता है प्लेटलेट्स - etv news

डेंगू के कारगर इलाज के लिए आयुर्वेद और होमियोपैथी में कई घरेलू उपाय हैं. इससे मरीज जल्द ही डेंगू से ठीक हो जाते हैं. रांची में बढ़ते डेंगू के मरीजों की संख्या को देखते हुए डेंगू के समूचित इलाज के साथ ही साफ-सफाई पर भी आयुर्वेदिक और होमियोपैथी चिकित्सक जोर दे रहे हैं.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 11, 2023, 7:48 PM IST

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रांची: झारखंड में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. जमशेदपुर में जहां डेंगू का आउटब्रेक हुआ है, वहीं रांची, साहिबगंज सहित राज्य के 23 जिलों में डेंगू के कंफर्म केस हैं. ऐसे में एक ओर जहां लोग अंग्रेजी पद्धति से डेंगू का इलाज करा रहे हैं. वहीं आयुर्वेद और होमियोपैथी से भी डेंगू का कारगर इलाज संभव है. इस बारे में रांची के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक और होमियोपैथी चिकित्सकों ने कुछ आसान से घरेलू उपाय बताए हैं, जिससे डेंगू होने पर इससे आसानी से ठीक हुआ जा सकता है.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: राजधानी में डेंगू का कहर, बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने से अस्पताल में बेड की कमी

दरअसल, राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी, आजाद बस्ती, कर्बला चौक, कांटा टोली इलाके में डेंगू संक्रमित केस लगातार मिल रहे हैं. रांची के आयुष चिकित्सा पदाधिकारी और आयुर्वेदाचार्य डॉ सच्चिदानंद सिंह ने लोगों को डेंगू को लेकर पैनिक ना होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि एडिस मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस इंसान के शरीर में चला जाता है. ऐसे में मच्छर के काटने से बचाव और आसपास में मच्छर ना पनपे इसके लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है.

बकरी के ताजे दूध का करें सेवन: उन्होंने कहा कि डेंगू में तेज बुखार और प्लेटलेट्स कम हो जाता है. ऐसे में कई आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ बकरी का ताजा दूध और पपीता के पत्ते का रस निकाल कर डेंगू पीड़ित मरीज को सुबह शाम पिलाना बेहद कारगर होता है. जिला आयुष पदाधिकारी ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि बकरी स्वस्थ हो और उस से निकाला गया दूध थन से निकालने के बाद तुरंत ही पी लिया जाए. दूध को उबाला ना जाए. आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, पपीता का फल, पत्ता, इसका जड़ सभी डेंगू में फायदेमंद होता है. पत्ते या जड़ का रस निकाल कर पीड़ित को देने से उसका प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ता है और वह डेंगू मुक्त हो जाता है.

होमियोपैथी में भी डेंगू का कारगर इलाज-डॉ विनीता चौधरी: जिला आयुष औषधालय की होमियोपैथी चिकित्सक डॉ विनीता चौधरी कहती हैं कि डेंगू का बेहद कारगर इलाज होमियोपैथ में भी है. बुखार से लेकर प्लेटलेट्स को बढ़ाने की दवा होमियोपैथी में है. डॉ विनीता चौधरी ने कहा कि होमियोपैथी में भी पपीता के रस से तैयार दवा उपलब्ध है, जो डेंगू के इलाज में बेहद कारगर है. डॉ विनीता चौधरी कहती हैं कि डेंगू वाले लक्षण होने पर एलोपैथिक, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक या किसी पैथी से इलाज कराएं, लेकिन बिना योग्य चिकित्सक के सलाह के दवा ना लें.

डेंगू के लक्षण: तेज बुखार और पूरे शरीर में तेज दर्द को डेंगू का मुख्य लक्षण है. इसके साथ-साथ आंखें लाल हो जाना, प्लेटलेट्स की कमी की वजह से शरीर पर चकत्ता दिखने लगना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में मरीज को देर नहीं करना चाहिए और तत्काल पास के अस्पताल या योग्य चिकित्सक से दिखाकर दवा लेनी शुरू कर देनी चाहिए. बिना योग्य चिकित्सक को दिखाए दवा खाने से डेंगू में जानलेवा स्थिति भी बन सकती है. क्योंकि कई दवाओं में रक्त को पतला करने का गुण होता है और प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में ऐसी दवाएं नुकसानदेह साबित हो सकती हैं.

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रांची: झारखंड में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. जमशेदपुर में जहां डेंगू का आउटब्रेक हुआ है, वहीं रांची, साहिबगंज सहित राज्य के 23 जिलों में डेंगू के कंफर्म केस हैं. ऐसे में एक ओर जहां लोग अंग्रेजी पद्धति से डेंगू का इलाज करा रहे हैं. वहीं आयुर्वेद और होमियोपैथी से भी डेंगू का कारगर इलाज संभव है. इस बारे में रांची के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक और होमियोपैथी चिकित्सकों ने कुछ आसान से घरेलू उपाय बताए हैं, जिससे डेंगू होने पर इससे आसानी से ठीक हुआ जा सकता है.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: राजधानी में डेंगू का कहर, बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने से अस्पताल में बेड की कमी

दरअसल, राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी, आजाद बस्ती, कर्बला चौक, कांटा टोली इलाके में डेंगू संक्रमित केस लगातार मिल रहे हैं. रांची के आयुष चिकित्सा पदाधिकारी और आयुर्वेदाचार्य डॉ सच्चिदानंद सिंह ने लोगों को डेंगू को लेकर पैनिक ना होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि एडिस मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस इंसान के शरीर में चला जाता है. ऐसे में मच्छर के काटने से बचाव और आसपास में मच्छर ना पनपे इसके लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है.

बकरी के ताजे दूध का करें सेवन: उन्होंने कहा कि डेंगू में तेज बुखार और प्लेटलेट्स कम हो जाता है. ऐसे में कई आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ बकरी का ताजा दूध और पपीता के पत्ते का रस निकाल कर डेंगू पीड़ित मरीज को सुबह शाम पिलाना बेहद कारगर होता है. जिला आयुष पदाधिकारी ने कहा कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि बकरी स्वस्थ हो और उस से निकाला गया दूध थन से निकालने के बाद तुरंत ही पी लिया जाए. दूध को उबाला ना जाए. आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, पपीता का फल, पत्ता, इसका जड़ सभी डेंगू में फायदेमंद होता है. पत्ते या जड़ का रस निकाल कर पीड़ित को देने से उसका प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ता है और वह डेंगू मुक्त हो जाता है.

होमियोपैथी में भी डेंगू का कारगर इलाज-डॉ विनीता चौधरी: जिला आयुष औषधालय की होमियोपैथी चिकित्सक डॉ विनीता चौधरी कहती हैं कि डेंगू का बेहद कारगर इलाज होमियोपैथ में भी है. बुखार से लेकर प्लेटलेट्स को बढ़ाने की दवा होमियोपैथी में है. डॉ विनीता चौधरी ने कहा कि होमियोपैथी में भी पपीता के रस से तैयार दवा उपलब्ध है, जो डेंगू के इलाज में बेहद कारगर है. डॉ विनीता चौधरी कहती हैं कि डेंगू वाले लक्षण होने पर एलोपैथिक, होमियोपैथी, आयुर्वेदिक या किसी पैथी से इलाज कराएं, लेकिन बिना योग्य चिकित्सक के सलाह के दवा ना लें.

डेंगू के लक्षण: तेज बुखार और पूरे शरीर में तेज दर्द को डेंगू का मुख्य लक्षण है. इसके साथ-साथ आंखें लाल हो जाना, प्लेटलेट्स की कमी की वजह से शरीर पर चकत्ता दिखने लगना डेंगू के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में मरीज को देर नहीं करना चाहिए और तत्काल पास के अस्पताल या योग्य चिकित्सक से दिखाकर दवा लेनी शुरू कर देनी चाहिए. बिना योग्य चिकित्सक को दिखाए दवा खाने से डेंगू में जानलेवा स्थिति भी बन सकती है. क्योंकि कई दवाओं में रक्त को पतला करने का गुण होता है और प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में ऐसी दवाएं नुकसानदेह साबित हो सकती हैं.

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