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Awareness Program in RIMS: विश्व कैंसर दिवस पर रिम्स के चिकित्सकों की लोगों से अपील- कैंसर से डरने की नहीं, लड़ने की है जरूरत

विश्व कैंसर दिवस पर रांची के रिम्स सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान लोगों को कैंसर से बचाव की जानकारी देकर जागरूक किया गया. इस दौरान चिकित्सकों ने बीमारी के लक्षण और इलाज की विस्तृत जानकारी लोगों को दी.

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Published : Feb 4, 2023, 3:38 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 8:12 PM IST

डॉक्टर और मरीज के बयान

रांची: देश में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचने और लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण को कैसे समझें और इस से कैसे बचाव करें इन सब को लेकर लोगों को विश्व कैंसर दिवस के दिन जागरूक किया जाता है. वहीं विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में स्वास्थ संगठन और चिकित्सकों की ओर से इस खास दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को जागरूक किया गया कि कैंसर से खुद का कैसे बचाव करें.

ये भी पढे़ं-Road accident in Ranchi: रांची में जहां रेंगते हैं वाहन, वहीं बस ने ली डॉ सौरभ की जान, पार्थिव शरीर भेजा गया जयपुर

कैंसर से हिम्मत के साथ लड़ने की जरूरतः इस संबंध में राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि आज की तारीख में लोगों को कैंसर जैसी बीमारियों से डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हिम्मत के साथ लड़ने की आवश्यकता है. क्योंकि लगातार बढ़ रही स्वास्थ्य सुविधाएं और आधुनिकरण के इस दौर में कैंसर के गंभीर से गंभीर मरीज भी अब स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं. रिम्स अस्पताल में भी कई ऐसे मरीज हैं जो कैंसर जैसी बीमारी को मात दे चुके हैं.

महिलाओं और पुरुषों में कैंसर के अलग-अलग कारणः डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि झारखंड जैसे प्रदेश में महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और गोल्ड ब्लैडर का कैंसर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं पुरुष वर्ग की बात करें तो झारखंड में आजकल पुरुष वर्गों में सबसे ज्यादा मुंह और गले का कैंसर देखने को मिल रहा है. क्योंकि झारखंड में आज भी तंबाकू और गुटखे का सेवन लोग अत्यधिक कर रहे हैं. इसके अलावा खराब दिनचर्या और गलत खानपान की वजह से पेट एवं आंत के कैंसर के भी मरीज भारी संख्या में दिख रहे हैं.

रिम्स में कीमोथेरेपी, स्क्रीनिंग सहित अन्य जरूरी सुविधाएं मौजूदः डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि रिम्स में कीमोथेरेपी, स्क्रीनिंग सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं और गंभीर से गंभीर मरीजों को सुविधाएं देने के लिए प्रबंधन और चिकित्सकों की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य के गरीब और लाचार मरीजों को बाहर का रुख ना करना पड़े.

कैंसर होने के बाद हिम्मत बनाए रखेंः कैंसर पर विजय प्राप्त कर चुकी हजारीबाग से आई एक मरीज ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर लोगों को यही संदेश देना चाहूंगी कि कैंसर होने के बाद खुद में हिम्मत रखें, ना कि हतोत्साहित हों. क्योंकि आज की तारीख में इस बीमारी का इलाज संभव है और झारखंड के रिम्स अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए अच्छे से अच्छे चिकित्सक मौजूद हैं, जो निश्चित रूप से झारखंड वासियों के लिए राहत की बात है.

रिम्स में कैंसर रोगियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की जरूरतः रिम्स की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि बताती हैं कि निश्चित रूप से रिम्स में सुविधाएं बहाल की जा रही हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसे सुविधाएं बहाल कराने की आवश्यकता है जो जिससे मरीजों को राहत मिल सके और उन्हें रेफर करने से रोका जा सके.

रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग में बढ़ाई जा रही हैं सुविधाएंः बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने पहली बार विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1933 में मनाने की परंपरा शुरू की थी. इस दिन का उद्देश्य हेल्थ प्रोफेशनल, आम जनता सहित विभिन्न हित धारकों को एक साथ लाना है, ताकि कैंसर के प्रभाव को कम करने की दिशा में काम किया जा सके. रिम्स अस्पताल में भी यह प्रयास किए जा रहे हैं. ऑन्कोलॉजी विभाग को ज्यादा से ज्यादा अत्याधुनिक किया जा रहा है, ताकि झारखंड के सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को कैंसर जैसी बीमारी से जान ना गंवानी पड़े और उनका मुफ्त में बेहतर इलाज किया जा सके.

डॉक्टर और मरीज के बयान

रांची: देश में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से बचने और लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है. कैंसर एक खतरनाक बीमारी है. इस बीमारी के प्राथमिक लक्षण को कैसे समझें और इस से कैसे बचाव करें इन सब को लेकर लोगों को विश्व कैंसर दिवस के दिन जागरूक किया जाता है. वहीं विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर राजधानी रांची सहित राज्य के विभिन्न जिलों में स्वास्थ संगठन और चिकित्सकों की ओर से इस खास दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें लोगों को जागरूक किया गया कि कैंसर से खुद का कैसे बचाव करें.

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कैंसर से हिम्मत के साथ लड़ने की जरूरतः इस संबंध में राजधानी रांची के रिम्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ कैंसर सर्जन डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि आज की तारीख में लोगों को कैंसर जैसी बीमारियों से डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हिम्मत के साथ लड़ने की आवश्यकता है. क्योंकि लगातार बढ़ रही स्वास्थ्य सुविधाएं और आधुनिकरण के इस दौर में कैंसर के गंभीर से गंभीर मरीज भी अब स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं. रिम्स अस्पताल में भी कई ऐसे मरीज हैं जो कैंसर जैसी बीमारी को मात दे चुके हैं.

महिलाओं और पुरुषों में कैंसर के अलग-अलग कारणः डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि झारखंड जैसे प्रदेश में महिलाओं में बच्चेदानी का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और गोल्ड ब्लैडर का कैंसर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. वहीं पुरुष वर्ग की बात करें तो झारखंड में आजकल पुरुष वर्गों में सबसे ज्यादा मुंह और गले का कैंसर देखने को मिल रहा है. क्योंकि झारखंड में आज भी तंबाकू और गुटखे का सेवन लोग अत्यधिक कर रहे हैं. इसके अलावा खराब दिनचर्या और गलत खानपान की वजह से पेट एवं आंत के कैंसर के भी मरीज भारी संख्या में दिख रहे हैं.

रिम्स में कीमोथेरेपी, स्क्रीनिंग सहित अन्य जरूरी सुविधाएं मौजूदः डॉक्टर रोहित झा बताते हैं कि रिम्स में कीमोथेरेपी, स्क्रीनिंग सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करायी गई हैं और गंभीर से गंभीर मरीजों को सुविधाएं देने के लिए प्रबंधन और चिकित्सकों की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य के गरीब और लाचार मरीजों को बाहर का रुख ना करना पड़े.

कैंसर होने के बाद हिम्मत बनाए रखेंः कैंसर पर विजय प्राप्त कर चुकी हजारीबाग से आई एक मरीज ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर लोगों को यही संदेश देना चाहूंगी कि कैंसर होने के बाद खुद में हिम्मत रखें, ना कि हतोत्साहित हों. क्योंकि आज की तारीख में इस बीमारी का इलाज संभव है और झारखंड के रिम्स अस्पताल में कैंसर के मरीजों के लिए अच्छे से अच्छे चिकित्सक मौजूद हैं, जो निश्चित रूप से झारखंड वासियों के लिए राहत की बात है.

रिम्स में कैंसर रोगियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की जरूरतः रिम्स की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ रश्मि बताती हैं कि निश्चित रूप से रिम्स में सुविधाएं बहाल की जा रही हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसे सुविधाएं बहाल कराने की आवश्यकता है जो जिससे मरीजों को राहत मिल सके और उन्हें रेफर करने से रोका जा सके.

रिम्स के ऑन्कोलॉजी विभाग में बढ़ाई जा रही हैं सुविधाएंः बता दें कि अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने पहली बार विश्व कैंसर दिवस वर्ष 1933 में मनाने की परंपरा शुरू की थी. इस दिन का उद्देश्य हेल्थ प्रोफेशनल, आम जनता सहित विभिन्न हित धारकों को एक साथ लाना है, ताकि कैंसर के प्रभाव को कम करने की दिशा में काम किया जा सके. रिम्स अस्पताल में भी यह प्रयास किए जा रहे हैं. ऑन्कोलॉजी विभाग को ज्यादा से ज्यादा अत्याधुनिक किया जा रहा है, ताकि झारखंड के सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को कैंसर जैसी बीमारी से जान ना गंवानी पड़े और उनका मुफ्त में बेहतर इलाज किया जा सके.

Last Updated : Feb 4, 2023, 8:12 PM IST
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