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संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करेगा ATS, पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजा प्रस्ताव

झारखंड में एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (ATS) अब संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. एटीएस को सशक्त बनाने के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा ने प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा है.

ATS to take action against organized criminal gangs in ranchi
संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करेगा ATS, पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को भेजा प्रस्ताव
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Published : Aug 10, 2021, 10:17 PM IST

रांची: एटीएस की टीम अब झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. एटीएस को बेहतर और सशक्त बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है. अब तक एटीएस की ओर से आतंकी गतिविधियों में सूचना जूटाने, अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड के संगठित आपराधिक गिरोह का होगा खात्मा, CID और ATS मिलकर दबोचेंगे अपराधी

क्या है पूरा मामला

बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने एटीएस के बेहतर इस्तेमाल की योजना बनाई है. इस योजना के तहत अब राज्य में एटीएस कहीं भी संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, साथ ही संबंधित जिलों के कार्यक्षेत्र से अलग स्वयं एटीएस थाने में एफआईआर दर्ज कर सकती है. अब तक एटीएस की ओर से आतंकी गतिविधियों में सूचना जूटाने, अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी. नक्सली कांडों का भी अनुसंधान एटीएस की ओर से किया जाता था, लेकिन संगठित गिरोहों की बढ़ती गतिविधि और एक जिले से दूसरे जिले में गिरोह चलाने, थानों की सीमा बाध्यता के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में अब एटीएस का इस्तेमाल संगठित गिरोहों के खिलाफ होगा.

एटीएस थाने का कार्यक्षेत्र समूचा राज्य

एटीएस का कार्यक्षेत्र अब पूरा राज्य होगा. एटीएस कहीं भी छापेमारी या अभियान चलाकर अपने एकमात्र थाने में एफआईआर दर्ज कर सकता है. अब एटीएस की ओर से की गई कार्रवाई में दूसरे थानों में मामला दर्ज कराने के बजाय अपने थाने में ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

कई संगठित आपराधिक गिरोह पुलिस के लिए मुसीबत

झारखंड के खतरनाक संगठित गिरोह पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद बेखौफ होकर अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. सुजीत सिन्हा, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और अमन सिंह कोयला कारोबारियों के लिए आतंक का पर्याय बने हुए हैं. हाल के दिनों में जेल से सुजीत सिन्हा और अमन साव का गिरोह काफी सक्रिय रहा है. दोनों अपराधियों के गिरोह की कोयला खनन वाले जिलों में काफी सक्रियता है.

इसे भी पढ़ें- पुलिस हेडक्वार्टर में नए सिरे से पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति, रांची में पदस्थापित पुलिसकर्मी प्रक्रिया से रहेंगे बाहर

कारोबारियों को धमकाता है गिरोह

गिरोह की ओर से रांची, धनबाद, चतरा, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़ के कई कारोबारियों को धमकाया जाता है. वहीं, लेवी वसूलने के लिए गिरोह वारदात को भी अंजाम दे रहा है. इसी इलाके में सुशील श्रीवास्वत के बेटे अमन श्रीवास्तव का गिरोह भी सक्रिय है. इसके अलावा जमशेदपुर में जेल में बंद अखिलेश सिंह, सुधीर दूबे समेत कई आपराधियों का गैंग सक्रिय है. रांची समेत आसपास के इलाकों में भी जमीन कारोबार में आपराधिक गिरोह की सक्रियता रही है.

रांची: एटीएस की टीम अब झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी. एटीएस को बेहतर और सशक्त बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा है. अब तक एटीएस की ओर से आतंकी गतिविधियों में सूचना जूटाने, अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी.

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि पुलिस मुख्यालय ने एटीएस के बेहतर इस्तेमाल की योजना बनाई है. इस योजना के तहत अब राज्य में एटीएस कहीं भी संगठित आपराधिक गिरोह के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है, साथ ही संबंधित जिलों के कार्यक्षेत्र से अलग स्वयं एटीएस थाने में एफआईआर दर्ज कर सकती है. अब तक एटीएस की ओर से आतंकी गतिविधियों में सूचना जूटाने, अभियान चलाने की जिम्मेदारी थी. नक्सली कांडों का भी अनुसंधान एटीएस की ओर से किया जाता था, लेकिन संगठित गिरोहों की बढ़ती गतिविधि और एक जिले से दूसरे जिले में गिरोह चलाने, थानों की सीमा बाध्यता के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में अब एटीएस का इस्तेमाल संगठित गिरोहों के खिलाफ होगा.

एटीएस थाने का कार्यक्षेत्र समूचा राज्य

एटीएस का कार्यक्षेत्र अब पूरा राज्य होगा. एटीएस कहीं भी छापेमारी या अभियान चलाकर अपने एकमात्र थाने में एफआईआर दर्ज कर सकता है. अब एटीएस की ओर से की गई कार्रवाई में दूसरे थानों में मामला दर्ज कराने के बजाय अपने थाने में ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.

कई संगठित आपराधिक गिरोह पुलिस के लिए मुसीबत

झारखंड के खतरनाक संगठित गिरोह पुलिस और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर होने के बावजूद बेखौफ होकर अपराधिक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. सुजीत सिन्हा, अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और अमन सिंह कोयला कारोबारियों के लिए आतंक का पर्याय बने हुए हैं. हाल के दिनों में जेल से सुजीत सिन्हा और अमन साव का गिरोह काफी सक्रिय रहा है. दोनों अपराधियों के गिरोह की कोयला खनन वाले जिलों में काफी सक्रियता है.

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कारोबारियों को धमकाता है गिरोह

गिरोह की ओर से रांची, धनबाद, चतरा, लातेहार, हजारीबाग, रामगढ़ के कई कारोबारियों को धमकाया जाता है. वहीं, लेवी वसूलने के लिए गिरोह वारदात को भी अंजाम दे रहा है. इसी इलाके में सुशील श्रीवास्वत के बेटे अमन श्रीवास्तव का गिरोह भी सक्रिय है. इसके अलावा जमशेदपुर में जेल में बंद अखिलेश सिंह, सुधीर दूबे समेत कई आपराधियों का गैंग सक्रिय है. रांची समेत आसपास के इलाकों में भी जमीन कारोबार में आपराधिक गिरोह की सक्रियता रही है.

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