रांची: 8 नवंबर को झारखंड के गोड्डा और हजारीबाग से गिरफ्तार दोनों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड पर लिया है. गिरफ्तार आतंकियों से अगले 4 दिनों तक एटीएस के द्वारा पूछताछ की जाएगी. आतंकी संगठन आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी मो आरिज हसनैन और मो नसीम उर्फ मोहसिन को झारखंड एटीएस के द्वारा इसी महीने गिरफ्तार किया गया था.
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गिरफ्तार दोनों आतंकियों से पूछताछ करने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड के द्वारा अदालत में अर्जी दी गई थी. जिसके बाद अदालत ने गोड्डा के रहने वाले आतंकी आरिज और हजारीबाग के रहने वाले मोहम्मद नसीम से एटीएस को अगले चार दिनों तक पूछताछ की इजाजत दी. शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एटीएस की टीम दोनों आतंकियों को लेकर एटीएस मुख्यालय पहुंची जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. एटीएस को यह सूचना मिली है कि दोनों आतंकियों के सीने में कई ऐसे दफन राज हैं जिनके खुलासे के बाद झारखंड में छिपे हुए स्लीपर सेल के कई एजेंट गिरफ्तार किया जा सकते हैं.
8 नवंबर को हुई थी गिरफ्तारी: एटीएस ने खुलासा किया है कि दोनों संदिग्ध आतंकी पाकिस्तान और अफगानिस्तान के आतंकियों के संपर्क में थे. दोनों का लक्ष्य फिलिस्तीन जाकर इजरायल के खिलाफ संघर्ष में शामिल होना था. एटीएस ने अपने बयान में यह बताया था कि फिलिस्तीन जाकर दोनों ने फिदायीन हमला कर मस्जिद ए अल अक्सा को यहूदियों से आजाद कराने का लक्ष्य रखा था. दोनों ने 2020 में फेसबुक के माध्यम से कश्मीरी युवक- युवतियों से भी संपर्क में आने की बात सामने आयी है. इस बिंदु पर एटीएस दोनों आतंकियों से पूछताछ कर रही है. गिरफ्तार आतंकियों में आरिज गोड्डा के रहमत नगर महमुदनगर के असनबानी का रहने वाला है. आरिज की निशानदेही पर ही एटीएस ने मो नसीम को हजारीबाग के कटकमसांडी इलाके के पेलावल महतो टोला से गिरफ्तार किया था.
कैसे हुआ खुलासा: एटीएस को जानकारी मिली थी कि मो आरिज हसनैन आईएसआईएस में सक्रिय होकर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से संगठन का प्रचार प्रसार कर रहा है. सोशल मीडिया के ही माध्यम से युवाओं को रेडिक्लाइज करने की मुहिम में आरिज लगा था. सूचना मिलने के बाद दो नवंबर को एटीएस ने सनहा दर्ज कर एक टीम जांच के लिए गोड्डा भेजा था. जांच के क्रम में संदिग्ध गतिविधियों में संलिप्तता सामने आने पर आरिज को रांची लाया गया. जहां आतंकी संगठनों से संपर्क की पुष्टि हुई. पुलिस को आरिज के मोबाइल से चैट भी मिला. जो चैट मो नसीम के साथ था. नसीम ने जिहाद और कुफ्र विथ तागूत पुस्तक आरिज को भेजी थी. दोनों किताबें आईएसआईएस के नजरिए को बताती है.
आईएसआईएस से ली है दीक्षा: जांच के क्रम में ईडी ने पाया कि नसीम और आरिज ने आईएसआईएस से दीक्षा पायी है. संगठन का दीक्षा पत्र भी मोबाइल में मिलने का खुलासा किया गया है. पूछताछ में आरिज और नसीम ने बताया है कि दोनों आईएसआईएस के प्रतिबंधित वीडियो डार्क नेट के जरिए देखते थे. इसका प्रचार प्रसार भी उनके द्वारा किया जाता था.