ETV Bharat / state

अटल बिहारी वाजपेयी का झारखंड से था गहरा लगाव, अलग झारखंड राज्य बनाने के लिए किए जाएंगे याद - अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का झारखंड से गहरा लगाव था. वे संयुक्त बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने के लिए याद किए जाएंगे. उन्होंने 1999 में एक चुनावी रैली में कहा था कि केंद्र में उनकी सरकार बनवाएं, वे उन्हें अलग वनांचल (मौजूदा झारखंड) देंगे. बाद में उन्होंने 15 नवंबर 2000 को अलग झारखंड का गठन करायाय

atal-bihari-vajpayee-death-anniversary-
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त को पुण्यतिथि
author img

By

Published : Aug 16, 2021, 1:46 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 1:58 PM IST

रांची: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त को पुण्यतिथि है. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर झारखंड समेत पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. झारखंड से उनका गहरा लगाव था. अलग झारखंड राज्य बनाने और करगिल युद्ध जीतने, परमाणु परीक्षण कराने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. वाजपेयी छोटे राज्यों के समर्थक थे. उनके कार्यकाल में ही 20 साल पहले लोगों की मांग पर बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी.

ये भी पढ़ें-पुण्यतिथि: 20 साल बाद कैसी है अटल जी के सपनों की धरती झारखंड, पढ़ें ये रिपोर्ट

प्रखर वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई गणमान्य लोगों ने वाजपेयी को श्रद्धांजिल दी है. भाजपा कार्यालय में वाजपेयी की याद में श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई. इसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश,पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सहित कई नेताओं कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किया.

देखें पूरी खबर

अटल के व्यक्तित्व पर डाक्युमेंट्री का प्रदर्शन

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में एक डाक्युमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया. अटलजी के कृतित्व और जीवन दर्शन पर आधारित डाक्युमेंट्री के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया.

अटल जी व्यक्ति नहीं संस्था थेः दीपक प्रकाश

अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अटल जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे.उनकी पहचान राजनीतिज्ञ के रूप में पूरी दुनिया में थी. सामाजिक सरोकार से हमेशा जुड़कर रहनेवाले वाजपेयी को देश हमेशा याद रखेगा.


ये भी पढ़ें-झारखंड से जुड़ी है अटल बिहारी वाजपेयी की सुनहरी स्मृतियां, पार्टी का दावा उनके सपनों को किया साकार

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर राज्यपाल रमेश बैस ने श्रद्धासुमन अर्पित किया है. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि अटलजी ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा और मानव कल्याण में समर्पित कर दिया. राजनीतिक व सामाजिक जगत में कार्य करनेवालों के लिए एक वे आदर्श की प्रतिमूर्ति हैं.उन्होंने कहा कि वैश्विक पटल पर सबके ह्रदय में स्थान प्राप्त करनेवाले ऐसे जनप्रिय व्यक्तित्व के आदर्श व विचार सबके लिए प्रेरणा हैं. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया है.

तीन बार रहे प्रधानमंत्री

25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में वर्ष 1957 में वाजपेयी ने मथुरा और बलरामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा. इस दौरान वे मथुरा में चुनाव हार गए लेकिन बलरामपुर की जनता ने उन्हें सिर माथे पर बिठाया और वे चुनाव जीत गए. 1951 में जनसंघ की स्थापना होने के बाद राजनीति में कदम रखनेवाले वाजपेयी ने 1980 में लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी. पहली बार 1996 में 13 दिन के लिए पीएम बने.दूसरी बार 1998 में 13 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने और तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 को प्रधानमंत्री बने, जिसका कार्यकाल 5 साल का रहा. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर वक्ता के साथ अच्छे कवि भी थे. उनके कविता संग्रह भी प्रकाशित हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-यादों में अटल हैं वाजपेयी...

अटलजी के प्रयास से बना झारखंड

पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के प्रयास से झारखंड का निर्माण हुआ. उनके कार्यकाल में ही संयुक्त बिहार से अलग होकर झारखंड एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. इससे पहले एक जनसभा में उन्होंने अलग झारखंड राज्य बनाने का संकल्प जताया था. वाजपेयी को झारखंड से काफी लगाव था. पहली बार वो 1967 में दुमका आए थे. 8 फरवरी 1983 का दुमका मेंं वाजपेयी जी की सभा आज भी झारखंड के लोगों को याद है.इसके अलावा धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर 1993 में शहीद आइपीएस अधिकारी रणधीर वर्मा की आदमकद प्रतिमा का उन्होंने ने ही अनावरण किया था.

रांची: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 16 अगस्त को पुण्यतिथि है. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर झारखंड समेत पूरा देश उन्हें नमन कर रहा है. झारखंड से उनका गहरा लगाव था. अलग झारखंड राज्य बनाने और करगिल युद्ध जीतने, परमाणु परीक्षण कराने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे. वाजपेयी छोटे राज्यों के समर्थक थे. उनके कार्यकाल में ही 20 साल पहले लोगों की मांग पर बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी.

ये भी पढ़ें-पुण्यतिथि: 20 साल बाद कैसी है अटल जी के सपनों की धरती झारखंड, पढ़ें ये रिपोर्ट

प्रखर वक्ता अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई गणमान्य लोगों ने वाजपेयी को श्रद्धांजिल दी है. भाजपा कार्यालय में वाजपेयी की याद में श्रद्धांजलि सभा भी आयोजित की गई. इसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश,पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी सहित कई नेताओं कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किया.

देखें पूरी खबर

अटल के व्यक्तित्व पर डाक्युमेंट्री का प्रदर्शन

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तीसरी पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में एक डाक्युमेंट्री का भी प्रदर्शन किया गया. अटलजी के कृतित्व और जीवन दर्शन पर आधारित डाक्युमेंट्री के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने उन्हें याद किया.

अटल जी व्यक्ति नहीं संस्था थेः दीपक प्रकाश

अटल बिहारी वाजपेयी के पुण्यतिथि पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि अटल जी सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे.उनकी पहचान राजनीतिज्ञ के रूप में पूरी दुनिया में थी. सामाजिक सरोकार से हमेशा जुड़कर रहनेवाले वाजपेयी को देश हमेशा याद रखेगा.


ये भी पढ़ें-झारखंड से जुड़ी है अटल बिहारी वाजपेयी की सुनहरी स्मृतियां, पार्टी का दावा उनके सपनों को किया साकार

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर राज्यपाल रमेश बैस ने श्रद्धासुमन अर्पित किया है. राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि अटलजी ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा और मानव कल्याण में समर्पित कर दिया. राजनीतिक व सामाजिक जगत में कार्य करनेवालों के लिए एक वे आदर्श की प्रतिमूर्ति हैं.उन्होंने कहा कि वैश्विक पटल पर सबके ह्रदय में स्थान प्राप्त करनेवाले ऐसे जनप्रिय व्यक्तित्व के आदर्श व विचार सबके लिए प्रेरणा हैं. इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए नमन किया है.

तीन बार रहे प्रधानमंत्री

25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में वर्ष 1957 में वाजपेयी ने मथुरा और बलरामपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा. इस दौरान वे मथुरा में चुनाव हार गए लेकिन बलरामपुर की जनता ने उन्हें सिर माथे पर बिठाया और वे चुनाव जीत गए. 1951 में जनसंघ की स्थापना होने के बाद राजनीति में कदम रखनेवाले वाजपेयी ने 1980 में लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी. पहली बार 1996 में 13 दिन के लिए पीएम बने.दूसरी बार 1998 में 13 महीने के लिए प्रधानमंत्री बने और तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 को प्रधानमंत्री बने, जिसका कार्यकाल 5 साल का रहा. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी प्रखर वक्ता के साथ अच्छे कवि भी थे. उनके कविता संग्रह भी प्रकाशित हो चुके हैं.

ये भी पढ़ें-यादों में अटल हैं वाजपेयी...

अटलजी के प्रयास से बना झारखंड

पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के प्रयास से झारखंड का निर्माण हुआ. उनके कार्यकाल में ही संयुक्त बिहार से अलग होकर झारखंड एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. इससे पहले एक जनसभा में उन्होंने अलग झारखंड राज्य बनाने का संकल्प जताया था. वाजपेयी को झारखंड से काफी लगाव था. पहली बार वो 1967 में दुमका आए थे. 8 फरवरी 1983 का दुमका मेंं वाजपेयी जी की सभा आज भी झारखंड के लोगों को याद है.इसके अलावा धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर 1993 में शहीद आइपीएस अधिकारी रणधीर वर्मा की आदमकद प्रतिमा का उन्होंने ने ही अनावरण किया था.

Last Updated : Aug 16, 2021, 1:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.