रांचीः राजधानी के मोरहाबादी मैदान में सैकड़ों की संख्या में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के ऊपर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. संक्रमण के खतरे के बावजूद सहायक पुलिसकर्मी अपना कोविड-19 करवाने को तैयार नहीं है, जबकि प्रशासन की ओर से इसके लिए कई बार प्रयास किया जा चुका है.
सदर अस्पताल से कोविड-19 करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी जांच किट के साथ तीन वाहनों में कई घंटों तक सहायक पुलिसकर्मियों के आने का इंतजार करते रहे लेकिन कोई भी जांच के लिए तैयार नहीं हुआ. लालपुर थाना प्रभारी अरविंद कुमार सिंह लगातार माइक से अनाउंस करते रहे कि कोरोना जांच बेहद जरूरी है और सभी आकर अपना जांच करवाएं ताकि समय रहते हैं उन्हें आइसोलेट किया जा सके.
बातचीत को भी तैयार नहीं
कोविड जांच को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सहायक पुलिसकर्मियों से बात करने की कोशिश भी की लेकिन कोई भी कैमरे के सामने आने को तैयार नहीं हुआ.
12 दिन से कर रहे आंदोलन
राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों से आए 2500 सहायक पुलिस कर्मी पिछले 12 दिनों से रांची के मोरहाबादी मैदान में जमे हुए हैं. इस दौरान कई बार प्रशासन से उनका टकराव भी हुआ एक बार पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा, लेकिन सहायक पुलिसकर्मी अपनी जिद पर अड़े हुए हैं कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी वह यहां से जाएंगे भी नहीं और अपना कोविड जांच भी नहीं करवाएंगे.
क्यों कर रहे आंदोलन
दरअसल झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों से आने वाले 2500 युवाओं को 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर सहायक पुलिस में बहाल किया गया था. कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने पर सहायक पुलिस कर्मी आंदोलन पर उतर आए उनकी मांग है कि उन्हें पुलिस में अस्थाई नौकरी दी जाए और इसी को लेकर वे पिछले 12 दिनों से मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे हैं.