रांचीः झारखंड विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने ऊर्जा विभाग के कामकाज पर नाराजगी जताते हुए 9 अप्रैल तक विभाग को जांच प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया है. गुरुवार को समिति की बैठक सभापति दीपक बिरुआ की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें ऊर्जा विभाग के कामकाज की समीक्षा की गई.
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समीक्षा के दौरान ऊर्जा विभाग की उदासीन रवैया पर नाराजगी जताते हुए सभापति ने कहा कि 9 अप्रैल तक रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई गयी, तो समिति के समक्ष विभागीय सचिव और उपायुक्तों को हाजिर होंगे.
ऊर्जा विभाग ने संतोषजनक नहीं दिया जवाब
दरअसल, ऊर्जा विभाग की ओर से पीटीपीएस से पीयूवीएनएल बनने से संबंधित समझौता पत्र अब तक प्राक्कलन समिति को नहीं सौंपा गया है. इसके साथ ही ऊर्जा विभाग ने अब तक विघुत आपूर्ति में अनियमितता बरते जाने पर संतोषजनक जवाब नहीं दिया है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता को समिति ने गंभीरता से लेते हुए विभागीय सचिव को पूरी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. प्राक्कलन समिति के सभापति दीपक बिरुआ ने कहा कि मामले को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर नहीं है, जिसके कारण समिति ने अंतिम रिमाइंडर पत्र देते हुए 9 अप्रैल तक जांच प्रतिवेदन तलब किया है. इसके बावजूद भी रिपोर्ट नहीं मिलती है, तो विभागीय सचिव और उपायुक्तों को समिति के समक्ष अगली तिथि पर सशरीर उपस्थित होकर जवाब देना पड़ेगा.
प्राक्कलन समिति में ये हैं सदस्य
सभापति- दीपक बिरुआ
सदस्य -वैद्यनाथ राम
सदस्य -नारायण दास
सदस्य -अंबा प्रसाद
सदस्य -लंबोदर महतो