रांची: झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को बरियातू में जनसभा को संबेधित किया. इस दौरान उन्होंने साफ इशारा किया कि उनकी पार्टी झारखंड के विधानसभा इलेक्शन में उम्मीदवार खड़ा करने का मन बना रही है.
झारखंड में चुनाव के सवाल पर बोले मैं नौटंकी करने नहीं आया हूं
जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि सब पूछ रहे हैं कि क्या मैं झारखंड में चुनाव लड़ूंगा तो उन्हें बता दूं कि यह जो भीड़ इकट्ठी हुई है वह मेरी नौटंकी देखने के लिए नहीं आई है. मैं रांची पहली बार आया हूं, आखिरी बार नहीं.
यह भी पढ़ें- रांचीः पुरुष पुलिसकर्मियों ने किया आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज, सीएम आवास का करने जा रही थी घेराव
इन सीटों पर पार्टी खड़ा करेगी उम्मीदवार
पार्टी सूत्रों की मानें तो धनबाद, पश्चिमी जमशेदपुर, बरकट्ठा, बोकारो, इचागढ़, देवघर, लोहरदगा, बेरमो, राजमहल, कोडरमा, पाकुड़ और गिरिडीह जैसे विधानसभा इलाकों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने के मूड में है.
तबरेज मामले पर खुलकर बोले ओवैसी
जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि प्रदेश में रहने वाले माइनॉरिटी कम्युनिटी के लोगों को अब एक पॉलिटिकल प्लेटफार्म पर आकर अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए. राज्य में हाल में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सेक्युलर होने का दंभ भरने वाली राजनीतिक पार्टियों के लोग न तो मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज के परिवार से मिलने तक नहीं गए. जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधा. कांग्रेस के लिए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछले 50 सालों से माइनॉरिटी कमेटी को वोट बैंक की तरह उपयोग कर रही है तो वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस को वे अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं.
यह भी पढ़ें- असदुद्दीन ओवैसी से मिले मॉब लिंचिंग के शिकार तबरेज के परिजन, न्याय का मिला भरोसा
अल्पसंख्यक के लिए कम बजट का प्रावधान करती है सरकार
बरियातू में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की आबादी में अल्पसंख्यकों की संख्या बड़ी है. बावजूद इसके झारखण्ड सरकार के बजट में महज 100 करोड़ों रुपए का प्रावधान अल्पसंख्यक कल्याण के लिए किया जाता है. जबकि वहीं तेलंगाना सरकार ने इस मद में 1200 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है.
झारखंड में बिजली व्यवस्था का उड़ाया मखौल
इस दौरान ओवैसी ने रघुवर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड के कोयले से आखिर बांग्लादेश में बिजली क्यों भेजी जाती है? इससे बिजली झारखंड में नहीं मिलती और बांग्लादेश में लोग मौज करते हैं. वहीं मुख्यमंत्री प्रवास के दौरान भी गोड्डा में बिजली नहीं रहने के मुद्दे पर ओवैशी ने चुटकी ली.
कोनार डैम मामले पर सरकार को लिया आड़े हाथों
कोनार डैम मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकार की जमकर खिंचाई की. उन्होंने कहा कि 2200 करोड़ का डैम उद्घाटन के 5 घंटे के भीतर ढह गया और इसके लिए चूहों को जिम्मेदार ठहराया गया, यह अपने आप में हास्यास्पद है. उन्होंने कहा ऐसे चूहों का तो डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए और उन चूहों को सरकार को तिहाड़ जेल भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए.
एनआरसी मुद्दे पर कहा मजहब के आधार पर लोगों का बटवारा नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी तक को देशा और 20 लाख लोग उससे बाहर हो गए. बांग्लादेश से सटे जो इलाके हैं उसके तो एक भी मुस्लिम एनआरसी में शामिल नहीं हुए तो फिर क्या यह मुल्क मुसलमानों के लिए नहीं है?
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर सरकार को लिया निशाने पर
ओवैसी ने कहा कि हैरत की बात यह है कि केंद्र सरकार एक तरफ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है. वहीं दूसरी तरफ रांची यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन में टॉप करने वाली नसीहत फातिमा को इसलिए सर्टिफिकेट नहीं दिया गया क्योंकि उसने बुर्का पहन रखा था. यह सरकार के सोच पर सवाल खड़ा करता है.
कश्मीर मुद्दे पर बोले ओवैशी कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा
कश्मीर हिंदूस्तान का अटूट हिस्सा है और रहेगा. कश्मीर को अगर अटूट हिस्सा माना ही जाता है तो फिर वहां इंटरनेट, फोन सुविधा 50 दिन से बहाल क्यों नहीं की जा रही है ? इंटरनेट सुविधा को बहाल किया जाना चाहिए. ओवैशी कहते हैं कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि कश्मीर में 370 हटाने से और नोटबंदी लागू करने से आतंकवाद खत्म हो जाएगा लेकिन वहीं दूसरी तरफ देश का आर्मी चीफ कह रहा है कि जिस बालाकोट में हमने बमबारी की थी वहां दहशतगर्दी जमा हो रहे हैं. ऐसे में आम लोग किसका भरोसा करे?