रांचीः झारखंड राज्य सहकारिता बैंक के पूर्व सीईओ सुशील कुमार के खिलाफ सीआईडी नए सिरे से अभियोजन स्वीकृति का प्रस्ताव भेजेगी. इस मामले के अप्राथमिक अभियुक्त सुशील कुमार के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो हुई है. इसी वजह से सरकार के स्तर से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली थी.
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एडीजी ने की समीक्षा
गुरुवार को सीआईडी एडीजी प्रशांत कुमार सिंह ने सरायकेला में सहकारिता बैंक के खाते से तकरीबन 38 करोड़ के लोन घोटाले में दर्ज मामले की समीक्षा की. इस मामले में हाल ही में कोर्ट ने दोषियों को पांच से दस साल की सजा सुनाई है. लेकिन केस के अप्राथमिक अभियुक्त सुशील कुमार के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. सीआईडी ने पहले भी सुशील कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए अभियोजन स्वीकृति की मांग राज्य सरकार के सहकारिता विभाग से की थी. लेकिन, सरकार के स्तर पर मामला लंबित रहा. अब दूसरी बार सीआईडी अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजेगी.
क्या है मामला
सरायकेला में व्यवसायी संजय कुमार डालमिया ने फर्जी कागजातों के आधार पर लोन ली थी. मामले की जांच के बाद सीआईडी ने सरायकेला सहकारिता बैंक के ब्रांच मैनेजर सुनील कुमार सत्पथी सहित अन्य को आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया था. इस मामले में पूर्व सीईओ सुशील कुमार की भी संलिप्तता मिली थी. सीआईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया था कि सुशील कुमार ने रांची स्थित मेन ब्रांच में अपने कंप्यूटर से छेड़छाड़ कर लोन अप्रूव किया था. जबकि सुशील कुमार को लोन राशि पास करने का अधिकार नहीं था.
आरोपियों को मिली है सजा
सहकारिता बैंक में लोन घोटाले में पूर्व बैंक मैनेजर सुनील कुमार सत्पथी और बैंक कर्मी मनसा राम महतो को पांच साल की सजा मिल चुकी है. वहीं, बैंक में अनियमितता के मामले में सरायकेला के व्यवसायी विजय कुमार सिंह को दस साल की सजा मिली है. हालांकि, बैंक के पूर्व सीईओ सुशील कुमार के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण कार्रवाई लंबित है. अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद सुशील कुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर की जाएगी.