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झारखंडः हवाला कारोबार रोकने के लिए बनेगा एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल, आईजी मुख्यालय ने एडीजी को पत्र भेजा

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Published : Nov 23, 2020, 7:03 AM IST

झारखंड में हवाला कारोबार पर नकेल कसने के लिए राज्य में जल्द ही एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल स्थापित किया जाएगा. प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की पहल पर प्रक्रिया शुरू हो गई है. आईजी मुख्यालय ने इस संबंध में सीआईडी एडीजी से पत्राचार किया है.

एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल
एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल

रांचीः झारखंड में हवाला और मनी लाउंड्रिंग के कारोबार पर लगाम कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की पहल पर राज्य पुलिस ने आखिरकार साल भर बाद राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

सीआईडी एडीजी को लिखा गया पत्र

ईडी के निदेशक ने साल भर बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा राज्य पुलिस के डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखा. तब जाकर एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है.

ईडी निदेशक का पत्र मिलने के बाद आईजी मुख्यालय ने इस संबंध में सीआईडी एडीजी से पत्राचार किया है. सीआईडी को भेजे गए पत्र में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने व इसके लिए नोडल पदाधिकारी के तौर पर किसी अधिकारी को जिम्मेदारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी एडीजी को पत्र भेजा है.

2019 में लिखा गया था पत्र ईडी ने पहली बार 18 नवंबर 2019 को पत्र लिखकर राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने के साथ साथ ईडी को हवाला, मनी लाउंड्रिंग या आर्थिक अपराध से जुड़े कांडों पर ईडी को जानकारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया था,

लेकिन साल भर राज्य पुलिस ने इस दिशा में कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद ईडी ने 10 नवंबर को इस संबंध में राज्य पुलिस के डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर दुबारा अपनी मांग दुहराई.

एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज मामलों की मांगी जानकारी

ईडी ने एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज आर्थिक अपराधों की जानकारी मांगी है. ईडी ने डीजीपी को लिखे पत्र में लिखा है कि ईडी के पूर्व के पत्र के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने की जानकारी दी थी, लेकिन केस की रिपोर्टिंग शून्य बतायी थी.

ईडी को यह जानकारी नहीं दी गई थी कि नोडल पदाधिकारी किसे नामित किया गया है. ईडी ने नए सिरे से लिखे पत्र में डीजीपी को लिखा है कि नोडल पदाधिकारी किसी भी तरह का पत्राचार पटना सर्किल के ज्वाइंट डायरेक्टर विकास कुमार सिंह से करें.

साथ ही वैसे सभी आर्थिक अपराधों से जुड़ी जानकारी मांगी गई है, जिसमें मनी लाउंड्रिंग की गुंजाइश हो. राज्य पुलिस के दर्ज केस पर ही कार्रवाई करती है. ईडी ने अपने पत्र में लिखा है कि एजेंसी राज्य पुलिस या एजेंसियों द्वारा पहले से दर्ज केस में ही जांच करती है. जिस केस में मनी लाउंड्रिंग की संभावनाएं दिखती हैं.

उस केस में पुलिसिया एफआईआर के आधार पर ईडी जांच करती है. ऐसे में ईडी व पुलिस के बीच समन्वय जरूरी होता है. इसी वजह से नोडल पदाधिकारी का होना अनिवार्य है. पुलिस की एफआईआर, जांच से जुड़े कागजात, चार्जशीट तक की जरूरत ईडी को पड़ती है.

रांचीः झारखंड में हवाला और मनी लाउंड्रिंग के कारोबार पर लगाम कसने के लिए प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की पहल पर राज्य पुलिस ने आखिरकार साल भर बाद राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

सीआईडी एडीजी को लिखा गया पत्र

ईडी के निदेशक ने साल भर बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा राज्य पुलिस के डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखा. तब जाकर एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है.

ईडी निदेशक का पत्र मिलने के बाद आईजी मुख्यालय ने इस संबंध में सीआईडी एडीजी से पत्राचार किया है. सीआईडी को भेजे गए पत्र में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने व इसके लिए नोडल पदाधिकारी के तौर पर किसी अधिकारी को जिम्मेदारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी एडीजी को पत्र भेजा है.

2019 में लिखा गया था पत्र ईडी ने पहली बार 18 नवंबर 2019 को पत्र लिखकर राज्य में एंटी मनी लाउंड्रिंग सेल गठित करने के साथ साथ ईडी को हवाला, मनी लाउंड्रिंग या आर्थिक अपराध से जुड़े कांडों पर ईडी को जानकारी देने के लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर नोडल पदाधिकारी प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया था,

लेकिन साल भर राज्य पुलिस ने इस दिशा में कार्रवाई नहीं की. जिसके बाद ईडी ने 10 नवंबर को इस संबंध में राज्य पुलिस के डीजीपी एमवी राव को पत्र लिखकर दुबारा अपनी मांग दुहराई.

एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज मामलों की मांगी जानकारी

ईडी ने एक अप्रैल 2018 के बाद दर्ज आर्थिक अपराधों की जानकारी मांगी है. ईडी ने डीजीपी को लिखे पत्र में लिखा है कि ईडी के पूर्व के पत्र के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने की जानकारी दी थी, लेकिन केस की रिपोर्टिंग शून्य बतायी थी.

ईडी को यह जानकारी नहीं दी गई थी कि नोडल पदाधिकारी किसे नामित किया गया है. ईडी ने नए सिरे से लिखे पत्र में डीजीपी को लिखा है कि नोडल पदाधिकारी किसी भी तरह का पत्राचार पटना सर्किल के ज्वाइंट डायरेक्टर विकास कुमार सिंह से करें.

साथ ही वैसे सभी आर्थिक अपराधों से जुड़ी जानकारी मांगी गई है, जिसमें मनी लाउंड्रिंग की गुंजाइश हो. राज्य पुलिस के दर्ज केस पर ही कार्रवाई करती है. ईडी ने अपने पत्र में लिखा है कि एजेंसी राज्य पुलिस या एजेंसियों द्वारा पहले से दर्ज केस में ही जांच करती है. जिस केस में मनी लाउंड्रिंग की संभावनाएं दिखती हैं.

उस केस में पुलिसिया एफआईआर के आधार पर ईडी जांच करती है. ऐसे में ईडी व पुलिस के बीच समन्वय जरूरी होता है. इसी वजह से नोडल पदाधिकारी का होना अनिवार्य है. पुलिस की एफआईआर, जांच से जुड़े कागजात, चार्जशीट तक की जरूरत ईडी को पड़ती है.

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