रांची: पिछले दिनों एंटी करप्शन ब्यूरो के जरिए किए गए जांच में पाई गई अनियमितता को लेकर नगर विकास और आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने नगर आयुक्त से 7 दिनों में रिपोर्ट मांगा है. वहीं, रिपोर्ट मिलने के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से उठाई गई आपत्तियों पर नगर निगम रांची के जवाब से मंत्रिमंडल सचिवालय निगरानी विभाग को अवगत कराया जाएगा।
बता दें कि इसी वर्ष 26 फरवरी को एंटी करप्शन ब्यूरो की विशेष जांच दल के जरिए रांची नगर निगम कार्यालय में निरोधात्मक जांच की गई थी. इस विशेष जांच दल ने अपने जांच के दौरान कई अनियमितता पाई थी और साथ ही आपत्ति दर्ज कराई थी. इस जांच के दौरान जांच दल ने कई कमियां और अनियमितता पाई. जिसमें नक्शा शाखा, जल आपूर्ति शाखा,जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा, होर्डिंग फी, एनफोर्समेंट से संबंधित मामले में अनियमितता शामिल है.
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इसके तहत नक्शा पास से संबंधित ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया में पदाधिकारियों के जरिए राइट टू सर्विस एक्ट का उल्लंघन पाया गया था. वहीं, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई दलाल सक्रिय होने की बात सामने आई थी. अवैध तरीके से छोटा होर्डिंग लगाने के फी पर बड़ा होर्डिंग लगाने की बात सामने आई थी. इसके साथ ही एनफोर्समेंट की कार्रवाई से संबंधित रिकॉर्ड भी नहीं मिला था.
बता दें कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर औचक निरीक्षण किया गया था. इसमें नगर निगम के जरिए नागरिकों को राइट टू सर्विस एक्ट के तहत दिए जाने वाली सेवाओं की हकीकत जानने के लिए कहा गया था. जिसमें कई गड़बड़ियां पाई गई. उन्हीं गड़बड़ियों पर रांची नगर निगम से जवाब मांगा गया है. इस जांच के लिए नगर विकास और आवास विभाग की ओर से उपसचिव हरिहर माझी को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया था, जो जांच के दौरान मौजूद थे.