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... नहीं तो रांची में वैक्सीनेशन पर लग जाएगा ब्रेक! जानिए क्या है वजह - झारखंड राज्य एनआरएचएम

रांची में वैक्सीनेशन पर ब्रेक लग सकता है. एएनएम जीएनएम ने काम बंद करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि 2 दिन में दे वेतन नहीं तो जिला भर में कार्य बहिष्कार किया जाएगा. अगर राज्यभर की एएनएम जीएनएम ने काम बंद कर दिया तो झारखंड में वैक्सीनेशन पर इसका बुरा असर भी पड़ सकता है.

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रांची में वैक्सीनेशन
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Published : Jan 17, 2022, 10:45 PM IST

रांची: पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण सोमवार को नामकुम स्थित स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम जीएनएम ने कुछ देर के लिए कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया. पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिलने के बावजूद वैक्सीनेशन कार्य में लगी हुई हैं. लेकिन अब उन्होंने अपने वेतन की मांग को लेकर आंदोलन का रूख अख्तियार कर लिया है. इससे रांची में वैक्सीनेशन पर ब्रेक लग सकता है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में तय डेडलाइन पर पूरा नहीं हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का लक्ष्य, जानिए क्या है वजह


सोमवार को रांची में विरोध कर रहीं नर्सों का कहना है कि पिछले 15 वर्षों से मात्र पंद्रह हजार रुपये पर कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल सभी एएनएम जीएनएम काम कर रही हैं. वर्षों से वेतन में वृद्धि नहीं की जा रही है, उसके ऊपर से चार-पांच महीने से वेतन भी नहीं मिला है. इसी को देखते हुए राज्य कमेटी झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम और अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने संयुक्त रूप से नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में चिकित्सा प्रभारी और जिला के सिविल सर्जन को अपनी मांग पत्र सौंपा. विरोध कर रहीं नर्सों का कहना है कि 2 दिनों में अगर वेतन नहीं मिलता है और अन्य कर्मचारियों की तरह सप्ताह में 1 दिन का अवकाश नहीं दिया जाता है तो संघ की तरफ से पूरे जिला में कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.



यहां बता दें कि रांची जिला में करीब 600 एमएम जीएनएम कार्यरत हैं जो कि कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्यूटी में तैनात हैं. अगर इनके द्वारा कार्य बहिष्कार किया जाता है तो इसका असर सीधे-सीधे कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर पड़ेगा. झारखंड में लगभग पांच हजार एएनएम/जीएनएम नर्सें ऐसी हैं जो कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किए गए हैं. वो सभी वर्षों से अपने स्थायी एवं वेतन वृद्धि की मांग कर रही हैं. लेकिन सरकार की तरफ से उन लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में अगर सभी ने एकजुट होकर आंदोलन का रास्ता अपना लिया तो इसका सीधा असर झारखंड में वैक्सीनेशन पर पड़ेगा.

रांची: पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण सोमवार को नामकुम स्थित स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम जीएनएम ने कुछ देर के लिए कार्य बहिष्कार कर विरोध जताया. पिछले 5 महीने से वेतन नहीं मिलने के बावजूद वैक्सीनेशन कार्य में लगी हुई हैं. लेकिन अब उन्होंने अपने वेतन की मांग को लेकर आंदोलन का रूख अख्तियार कर लिया है. इससे रांची में वैक्सीनेशन पर ब्रेक लग सकता है.

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सोमवार को रांची में विरोध कर रहीं नर्सों का कहना है कि पिछले 15 वर्षों से मात्र पंद्रह हजार रुपये पर कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल सभी एएनएम जीएनएम काम कर रही हैं. वर्षों से वेतन में वृद्धि नहीं की जा रही है, उसके ऊपर से चार-पांच महीने से वेतन भी नहीं मिला है. इसी को देखते हुए राज्य कमेटी झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम/जीएनएम और अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने संयुक्त रूप से नामकुम स्थित स्वास्थ्य मुख्यालय में चिकित्सा प्रभारी और जिला के सिविल सर्जन को अपनी मांग पत्र सौंपा. विरोध कर रहीं नर्सों का कहना है कि 2 दिनों में अगर वेतन नहीं मिलता है और अन्य कर्मचारियों की तरह सप्ताह में 1 दिन का अवकाश नहीं दिया जाता है तो संघ की तरफ से पूरे जिला में कार्य का बहिष्कार किया जाएगा.



यहां बता दें कि रांची जिला में करीब 600 एमएम जीएनएम कार्यरत हैं जो कि कोविड-19 वैक्सीनेशन ड्यूटी में तैनात हैं. अगर इनके द्वारा कार्य बहिष्कार किया जाता है तो इसका असर सीधे-सीधे कोविड-19 के वैक्सीनेशन कार्यक्रम पर पड़ेगा. झारखंड में लगभग पांच हजार एएनएम/जीएनएम नर्सें ऐसी हैं जो कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल किए गए हैं. वो सभी वर्षों से अपने स्थायी एवं वेतन वृद्धि की मांग कर रही हैं. लेकिन सरकार की तरफ से उन लोगों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है. ऐसे में अगर सभी ने एकजुट होकर आंदोलन का रास्ता अपना लिया तो इसका सीधा असर झारखंड में वैक्सीनेशन पर पड़ेगा.

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