रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के वेटनरी कॉलेज की ओर से हर वर्ष किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए नियमित ट्रेनिंग दी जाती है. कोविड की वजह से करीब एक वर्ष के बाद वेटनरी कॉलेज की ओर से पुनः पशुपालन से संबंधित विभिन्न विषयों पर ट्रेनिंग की शुरुआत होने जा रही है. कॉलेज के प्रसार शिक्षा विभाग की ओर से 21 दिसंबर से दस दिवसीय गैर आवासीय ट्रेनिंग आयोजित किया जा रहा है. इस ट्रेनिंग में गो पालन, सूकर पालन, बकरी पालन और मुर्गी पालन पर उन्नत तकनीकों की व्यावहारिक जानकारी वैज्ञानिकों की ओर से दी जाएगी.
ट्रेनिंग के बाद आयोजित होगी एक परीक्षा
ट्रेनिंग के प्रभारी डॉ. आलोक कुमार पांडे ने बताया कि इस ट्रेनिंग के लिए इच्छुक व्यक्ति 21 दिसंबर को कॉलेज के प्रसार शिक्षा विभाग में आवेदन-पत्र, आधार कार्ड की छाया प्रति और एक हजार रुपये रजिस्ट्रेशन शुल्क को जमा कर दस दिवसीय ट्रेनिंग में भाग ले सकते हैं. इस गैर आवासीय दस दिवसीय ट्रेनिंग के दौरान प्रत्येक दिन नियमित उपस्थति अनिवार्य होगी. ट्रेनिंग के बाद एक परीक्षा आयोजित की जाएगी. जिसमें सफल प्रशिक्षाणार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा.
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पशुपालन क्षेत्र किसानों की नियमित आय का प्रमुख जरिया
डीन वेटनरी डॉ. सुशील प्रसाद ने बताया कि झारखंड में पशुपालन क्षेत्र किसानों की नियमित आय का प्रमुख जरिया है. वैज्ञानिक प्रबंधन की जानकारी के आभाव में पशुपालन से किसान सही लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं. कॉलेज परिसर में गाय, बकरी, सूकर और मुर्गी के उत्कृष्ट फार्म हैं. जहां प्रशिक्षाणार्थियों को वैज्ञानिकों की देख-रेख में ट्रेनिंग प्रदान की जाती है. पशु पालन व्यवसाय के इच्छुक व्यक्ति और पशु आधारित उद्यम की शुरुआत के लिए यह ट्रेनिंग सहायक सिद्ध होगी.