रांची: झारखंड सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को नया कोविड टेस्ट शुल्क निर्धारित किया है. कोविड टेस्टिंग दर निर्धारित होने के बाद निजी लैब संचालकों में काफी नाराजगी है. रांची के बड़े डायग्नोस्टिक सेंटर में एक एस. शरण टेस्टिंग सेंटर के डॉ. नितिन शरण ने कहा कि 300 रुपये में जांच करने से अच्छा है हम चैरिटी के तहत कोविड जांच करें.
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डॉ. नितिन शरण ने कहा कि आरटी पीसीसार टेस्ट में 300 रुपये से ज्यादा खर्च होता है. वहीं होम कलेक्शन के लिए जाने वाले लैब टेक्नीशियन को 100 रुपये और पेट्रोल अलग से दिया जाता है. इस स्थिति में राज्य सरकार की ओर से तय शुल्क पर जांच करने से घाटा होगा. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि रेट निर्धारण से पहले लैब संचालकों की कमेटी बनाई जाती. इस कमेटी के साथ स्वास्थ्य विभाग बैठक करता और आपसी सहमति से नया शुल्क निर्धारित करता, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने हमारी परेशानियों को समझने की जरूरत नहीं समझी.
डॉ. नितिन शरण ने कहा कि हम मरीजों को जांच से इंकार नहीं करेंगे, लेकिन आगे कब तक इस कीमत पर जांच कर पाएंगे यह कहना मुश्किल है. उन्होंने कहा की सरकार को कमिटी बना कर निजी लैब के होने वाले खर्च की जानाकरी लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हम लोगों ने डबल सैलरी देकर लैब टेक्नीशियन से काम करवाया है, क्योंकि वे हाई रिस्क जोन में रहकर काम करते हैं.
वहीं, रांची के लाल पैथ लैब ने शुक्रवार को कोरोना जांच बंद कर दिया है. लाल पैथ के संचालक ने बताया कि सरकार ने जो नया रेट तय किया है. इससे ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि निजी लैब संचालक बैठक कर आगे क्या करना है, इसपर निर्णय लेंगे. बूटी मोड़ के सोना डायग्नोस्टिक्स सेंटर ने बताया की आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए 300 रुपये लिया जा रहा है. लेकिन होम कलेक्शन के लिए जाने पर दूरी के हिसाब से रेट तय है. हालांकि, सरकार ने होम विजिट का रेट 100 रुपया तय किया है.