रांची: गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि 2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से वह झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को बीजेपी में लाने के लिए प्रयासरत रहे, लेकिन उन्हें अब जाकर सफलता मिली. उन्होंने कहा कि दरअसल मरांडी अपनी जिद पर अड़े हुए थे, यही वजह है कि झाविमो का बीजेपी में विलय नहीं हो पाया.
बीजेपी का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं
अमित शाह ने आगे कहा कि मरांडी को बीजेपी ने ही पहली बार राज्य का मुख्यमंत्री बनाया. बाद में वह निजी और संगठनात्मक वजह से बीजेपी छोड़कर चले गए. उन्होंने कहा कि इस दौरान मरांडी राज्य में घूमते रहे. उन्होंने कहा कि बीजेपी का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं होता है बल्कि वह विपक्ष में रहकर भी उतना ही काम करती है.
प्रभात तारा में हुआ मिलन समारोह
राजधानी के धुर्वा इलाके में स्थित जगन्नाथ मैदान में मिलन समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को यह बात गांठ बांध लेनी चाहिए. झारखंड विकास मोर्चा के बीजेपी में विलय को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार और आतंकवाद की बढ़ोतरी को रोकने के लिए बीजेपी हरसंभव काम करेगी, इसके साथ ही पार्टी राज्य में जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाएगी.
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चाईबासा नरसंहार पर दी प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने चाईबासा में आदिवासियों की नृशंस हत्या को लेकर कहा कि अभी तक राज्य सरकार की तरफ से कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने कहा कि घटना के बाद पार्टी के सांसद वहां गए और उन्होंने एक रिपोर्ट भी सौंपी है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता के अधिकार के लिए पार्टी सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी.
वाजपेयी जी ने बनाया, मोदीजी ने बढ़ाया
शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने झारखंड को बनाया है, जबकि मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने उसे आगे बढ़ाया. उन्होंने कहा कि राज्य को पतन के रास्ते नहीं जाने दे सकते हैं. इस मौके पर राज्य के सांसदों ने एक स्मार पत्र भी गृहमंत्री को दिया, जिसमें चाईबासा में आदिवासियों की नृशंस हत्या की घटना की जांच एनआईए से कराने की मांग की गई है.