रांचीः झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व विधायक और छात्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष रहे अमित महतो के झामुमो की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. अमित महतो के इस्पीफा देने के बाद राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी का उनपर स्नेह उमड़ने लगा है. हालांकि, जेएमएम नेताओं ने कहा कि अमित महतो ने बहुत जल्दबाजी की, उन्होंने पार्टी छोड़ने का गलत फैसला लिया है.
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सिल्ली से पूर्व विधायक अमित महतो और उनकी पत्नी सीमा महतो के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के साथ साथ कार्यकर्ताओं का भी नेतृत्व से मोहभंग हो रहा है. इसकी वजह है कि जिन मुद्दों पर झामुमो सत्ता में आई, उन मुद्दों पर कोई काम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अमित महतो ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति, नियोजन नीति, भाषा और अन्य मुद्दे पर जनता से किए वादे को पूरा करने की मांग अपने नेतृत्व से की थी. लेकिन जेएमएम के वरीय नेताओं ने जवाब नहीं दिया तो अमित महतो और सीमा महतो ने झामुमो से इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि इसका नुकसान झामुमो को उठाना पड़ेगा. इसका कारण है कि सिल्ली और आसपास के इलाकों में अमित का व्यापक जनाधार है.
जेएमएम महिला मोर्चा के निवर्तमान केंद्रीय अध्यक्ष महुआ माजी ने अमित महतो का पार्टी से इस्तीफा देना गलत बताया और कहा कि यह जल्दबाजी में लिया फैसला है. उन्होंने कहा कि गठबंधन की सरकार में कोई भी फैसला एकतरफा नहीं लिया जा सकता. सहयोगी दलों के साथ मिलकर जनता की हित में काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे.