रांचीः कैस देकर पीआईएल मैनेज करने के मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल (Kolkata businessman Amit Agarwal) की मुश्किलें बढ़ सकती है. बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता अमित अग्रवाल की याचिका को खारिज कर दिया. इसके साथ ही सीबीआई को निर्देश दिया कि इस केस को 15 दिन में टेक ओवर करके जांच शुरू करें और जांच से संबंधित जानकारी अदालत को उपलब्ध कराये.
यह भी पढ़ेंः हाईकोर्ट ने जैप सिपाहियों के ट्रांसफर पर लगाई रोक, मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले की जांच अब ईडी के साथ ही सीबीआई भी करेगी. जेल में बंद व्यवसायी अमित अग्रवाल ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर उनके खिलाफ ईडी द्वारा चलाया जा रहा मनी लॉन्ड्रिंग के केस निरस्त करने की मांग की थी.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि अमित अग्रवाल के ऊपर लगाए गए आरोप की किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया था. अदालत ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की जांच सीबीआई को दी है. कोलकाता का व्यवसायी अमित अग्रवाल अभी रांची के होटवार जेल में बंद है. झारखंड हाई कोर्ट में दायर पीआईएल में से अपना नाम हटाने के लिए हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपए घूस देते हुए रंगे हाथ पकड़वाने वाले अमित अग्रवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है. व्यवसायी अमित पर आरोप है कि झारखंड सरकार में ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर अवैध खनन तक से की जा रही उगाही के पैसे को देश और विदेश में इंवेस्ट करते थे.