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प्लस टू शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन, 75 फीसदी सीट पर होगी सीधी नियुक्ति

राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. संशोधित नियमावली के तहत अब 75 फीसदी सीट पर सीधी नियुक्ति होगी. इसको लेकर शिक्षक संघों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं.

Recruitment Rules in jharkhand
प्लस टू शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन
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Published : Apr 8, 2022, 10:17 PM IST

रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. संशोधित नियमावली के तहत अब 75 फीसदी सीट पर सीधी नियुक्ति होगी. इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. इस संशोधित नियमावली को कुछ शिक्षकों ने सराहा है तो शिक्षक संघ ने कहा है कि इसमें कई विसंगतियां हैं. इस संशोधित नियावाली में भी संशोधित करने की जरूरत है. वर्ष 2018-19 में जो प्रावधान इस नियमावली में रखे गए थे उसी प्रावधान को रखने की जरूरत है. जबकि संशोधित नियमावली में उप प्राचार्य का पद भी समाप्त कर दिया गया है. वर्ष 2012 की नियमावली में उप प्राचार्य पद की नियुक्ति का प्रावधान रखा गया था.

ये भी पढ़ें- Teacher Vacancy In Jharkhand: प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में 26 हजार शिक्षक की नियुक्ति जल्द, TET पास अभ्यर्थियों को देनी होगी परीक्षा

बताते चलें कि राज्य में प्लस 2 शिक्षकों की घोर कमी है और इस कमी को दूर करने के लिए प्लस 2 शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कई संशोधन किए गए हैं. राज्य में अब तक प्लस टू विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में 50 फीसदी पद हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित होते थे. लेकिन इसे अब घटाकर 25 फीसदी ही रखा गया है. इस नियमावली के मुताबिक इन सीट पर सीधी नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जाएगी. अब सीट रिक्त रहने की संभावनाएं कम हुईं हैं. प्लस टू स्कूल में जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीट हमेशा ही रिक्त रह गए हैं. कई विषयों में 90 फीसदी तक सीट रिक्त रह गईं हैं.


अधिसूचना जारीः शिक्षा विभाग ने नियुक्ति नियमावली को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. अब प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट पास करना अनिवार्य होगा. आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इसमें छूट प्रदान की गई है. गौरतलब है कि हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित पूरे पदों को भरने के लिए अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो रिक्त रह जाने वाले पदों पर सीधी नियुक्ति के तहत उसी परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकेगी. जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित होंगे .वर्ष 2012 की नियमावली में इसे लेकर भी संशोधन हुआ है .संशोधित नियमावली में शिक्षकों के वरीय वेतनमान के पदों पर वेतनमान 9300-34800 की जगह 15600-39100 किया गया है. हालांकि ग्रेड पे 5400 रहेगा.

शिक्षक वर्ग और शिक्षक संघ से आई प्रतिक्रिया

राज्य सरकार के संशोधित नियमावली से राज्य के कुछ शिक्षकों ने प्रसन्नता जाहिर की है. वहीं विभिन्न शिक्षक संघ ने भी इस मामले को लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. इनकी मानें तो सरकार ने नियमावली में बदलाव किया है, इससे नियुक्ति में परेशानी आएगी.किसी भी हालत में रिक्त पड़े पदों को भरा जाना आवश्यक है .लेकिन अभी भी इस नियमावली में विसंगतियां हैं. हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में हिस्सा लेने वाले शिक्षक अभ्यर्थी इस नियमावली को मानने को तैयार नहीं होंगे .क्योंकि पहले इस नियमावली में 50-50 फीसदी आरक्षित सीधी नियुक्ति के लिए रखा गया था. लेकिन अब इसमें 25-75 कर दिया गया है. जिससे शिक्षक वर्ग में रोष है .राज्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने इस नियमावली को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

रांची: राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली है. संशोधित नियमावली के तहत अब 75 फीसदी सीट पर सीधी नियुक्ति होगी. इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. इस संशोधित नियमावली को कुछ शिक्षकों ने सराहा है तो शिक्षक संघ ने कहा है कि इसमें कई विसंगतियां हैं. इस संशोधित नियावाली में भी संशोधित करने की जरूरत है. वर्ष 2018-19 में जो प्रावधान इस नियमावली में रखे गए थे उसी प्रावधान को रखने की जरूरत है. जबकि संशोधित नियमावली में उप प्राचार्य का पद भी समाप्त कर दिया गया है. वर्ष 2012 की नियमावली में उप प्राचार्य पद की नियुक्ति का प्रावधान रखा गया था.

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बताते चलें कि राज्य में प्लस 2 शिक्षकों की घोर कमी है और इस कमी को दूर करने के लिए प्लस 2 शिक्षक नियुक्ति नियमावली में कई संशोधन किए गए हैं. राज्य में अब तक प्लस टू विद्यालय शिक्षक नियुक्ति में 50 फीसदी पद हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित होते थे. लेकिन इसे अब घटाकर 25 फीसदी ही रखा गया है. इस नियमावली के मुताबिक इन सीट पर सीधी नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जाएगी. अब सीट रिक्त रहने की संभावनाएं कम हुईं हैं. प्लस टू स्कूल में जब भी शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित सीट हमेशा ही रिक्त रह गए हैं. कई विषयों में 90 फीसदी तक सीट रिक्त रह गईं हैं.


अधिसूचना जारीः शिक्षा विभाग ने नियुक्ति नियमावली को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. अब प्लस टू स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक के पद पर नियुक्ति के लिए सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों से मैट्रिक और इंटरमीडिएट पास करना अनिवार्य होगा. आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को इसमें छूट प्रदान की गई है. गौरतलब है कि हाई स्कूल शिक्षकों के लिए आरक्षित पूरे पदों को भरने के लिए अभ्यर्थी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो रिक्त रह जाने वाले पदों पर सीधी नियुक्ति के तहत उसी परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो सकेगी. जो इस परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित होंगे .वर्ष 2012 की नियमावली में इसे लेकर भी संशोधन हुआ है .संशोधित नियमावली में शिक्षकों के वरीय वेतनमान के पदों पर वेतनमान 9300-34800 की जगह 15600-39100 किया गया है. हालांकि ग्रेड पे 5400 रहेगा.

शिक्षक वर्ग और शिक्षक संघ से आई प्रतिक्रिया

राज्य सरकार के संशोधित नियमावली से राज्य के कुछ शिक्षकों ने प्रसन्नता जाहिर की है. वहीं विभिन्न शिक्षक संघ ने भी इस मामले को लेकर अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं. इनकी मानें तो सरकार ने नियमावली में बदलाव किया है, इससे नियुक्ति में परेशानी आएगी.किसी भी हालत में रिक्त पड़े पदों को भरा जाना आवश्यक है .लेकिन अभी भी इस नियमावली में विसंगतियां हैं. हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति में हिस्सा लेने वाले शिक्षक अभ्यर्थी इस नियमावली को मानने को तैयार नहीं होंगे .क्योंकि पहले इस नियमावली में 50-50 फीसदी आरक्षित सीधी नियुक्ति के लिए रखा गया था. लेकिन अब इसमें 25-75 कर दिया गया है. जिससे शिक्षक वर्ग में रोष है .राज्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष गंगा प्रसाद ने इस नियमावली को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.

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