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राजधानी में एंबुलेंस सेवा पिछले 1 महीने से है बंद, भूखमरी की कगार पर सेवाकर्मी

राजधानी रांची से सड़क हादसों की खबरें लगातार सुनने को मिलती रहती है. ऐसे में पूर्ववर्ती सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को मदद पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सेवा शुरू की थी जो पिछले 1 महीने से ये बंद पड़ा है.

Armed Ambulance Service
आर्मर्ड एंबुलेंस
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Published : Jan 9, 2021, 11:04 AM IST

रांची: टाटा रांची एनएच पर पूर्ववर्ती सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को मदद पहुंचाने के लिए टाटा स्टील और झारखंड पुलिस की ओर से एक एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. जो एनएच पर घायल व्यक्तियों को थाना की मदद से तुरंत अस्पताल पहुंचाने का काम करती थी. ये एंबुलेंस पिछले 5 सालों से राजधानी समेत सभी एनएच के आसपास दुर्घटना होने पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम करती थी जो पिछले 1 महीनों से बंद पड़ा है.

ये भी पढ़ें- सीएम काफिले पर हमले के आरोपी भैरव सिंह से पुलिस करेगी पूछताछ, आज से 7 दिनों तक रिमांड

घायलों को समय पर नहीं मिल पाता इलाज

वर्तमान सरकार ने इस एंबुलेंस की सेवा पर फिलहाल रोक लगा दी है. लगभग 45 से 50 एंबुलेंस जो राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क दुर्घटना में मदद करती थी, उन्हें बिना नोटिस के ही बंद कर दिया गया है. इससे सड़क हादसे में घायलों को समय से इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है.

भूखमरी के कगार पर सेवाकर्मी

पिछले 1 महीन से लगभग 45 एंबुलेंस में सेवा देने वाले निजी लोग अब भूखमरी के कगार पर है. एंबुलेंस में काम करने वाले लोगों को टाटा स्टील की तरफ से काम पर रखा गया था. पूछताछ के दौरान पता चला कि पहले भी ये लोग दुर्घटना शिकार हुए लोगों की मदद करते थे. फिलहाल अभी पिछले 1 महीने से बिना कारण बताए इन पर रोक लगा दिया है.

एंबुलेंस सेवा फिर से बहाल करने की मांग

नामकुम और टाटा हाइवे पर दुर्घटना हुए शिकार लोगों को अब एंबुलेंस की मदद नहीं मिल पाती है. एंबुलेंस सेवा फिर से बहाल करने को लेकर एंबुलेंस के प्राइवेट कर्मचारी नामकुम थाना श्रम नियोजन विभाग स्वास्थ्य मंत्रालय को भी ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंचे और फिर से सेवा बहाल करने की मांग की.

रांची: टाटा रांची एनएच पर पूर्ववर्ती सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को मदद पहुंचाने के लिए टाटा स्टील और झारखंड पुलिस की ओर से एक एंबुलेंस सेवा शुरू की थी. जो एनएच पर घायल व्यक्तियों को थाना की मदद से तुरंत अस्पताल पहुंचाने का काम करती थी. ये एंबुलेंस पिछले 5 सालों से राजधानी समेत सभी एनएच के आसपास दुर्घटना होने पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने का काम करती थी जो पिछले 1 महीनों से बंद पड़ा है.

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घायलों को समय पर नहीं मिल पाता इलाज

वर्तमान सरकार ने इस एंबुलेंस की सेवा पर फिलहाल रोक लगा दी है. लगभग 45 से 50 एंबुलेंस जो राष्ट्रीय मार्ग पर सड़क दुर्घटना में मदद करती थी, उन्हें बिना नोटिस के ही बंद कर दिया गया है. इससे सड़क हादसे में घायलों को समय से इलाज नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है.

भूखमरी के कगार पर सेवाकर्मी

पिछले 1 महीन से लगभग 45 एंबुलेंस में सेवा देने वाले निजी लोग अब भूखमरी के कगार पर है. एंबुलेंस में काम करने वाले लोगों को टाटा स्टील की तरफ से काम पर रखा गया था. पूछताछ के दौरान पता चला कि पहले भी ये लोग दुर्घटना शिकार हुए लोगों की मदद करते थे. फिलहाल अभी पिछले 1 महीने से बिना कारण बताए इन पर रोक लगा दिया है.

एंबुलेंस सेवा फिर से बहाल करने की मांग

नामकुम और टाटा हाइवे पर दुर्घटना हुए शिकार लोगों को अब एंबुलेंस की मदद नहीं मिल पाती है. एंबुलेंस सेवा फिर से बहाल करने को लेकर एंबुलेंस के प्राइवेट कर्मचारी नामकुम थाना श्रम नियोजन विभाग स्वास्थ्य मंत्रालय को भी ज्ञापन सौंपने के लिए पहुंचे और फिर से सेवा बहाल करने की मांग की.

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