रांची: तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम से आहत इंडिया गठबंधन की बैठक बुधवार 06 दिसंबर को दिल्ली में बुलाई गई है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के द्वारा बुलाई गई इस बैठक के होने से पहले जिस तरह से गठबंधन दलों के नेताओं के बयान आ रहे हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि महागठबंधन के अंदर ऑल इज वेल नहीं है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बैठक में शामिल नहीं होने की सूचना के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भी बैठक में शामिल नहीं होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. जानकारी के मुताबिक झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सरकारी कार्यक्रम पहले से ही बुधवार को सरायकेला-खरसावां का है. जहां सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में सीएम को शामिल होना है. झामुमो सीएम हेमंत सोरेन के स्थान पर किसी अन्य को बैठक में भेज सकता है.
I.N.D.I.A महगठबंधन में समन्वय का अभाव-झामुमोः इन सबके बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने I.N.D.I.A महगठबंधन में समन्वय का अभाव बताकर नाराजगी जताई है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा है कि कहीं ना कहीं संवादहीनता की स्थिति है. इंडिया महगठबंधन की पिछली बैठक को काफी अंतराल हो गया है. इसके लिए महत्वपूर्ण भूमिका कांग्रेस पार्टी की रही है.
पांच राज्यों में चुनाव परिणाम असर इंडिया महागठबंधन में-बीजेपीः इधर, इंडिया महागठबंधन के अंदर बिखराव की स्थिति पर बीजेपी नजर रख रही है. झारखंड बीजेपी का मानना है कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम के बाद सभी दलों के अंदर पुनर्विचार का दौर चल रहा होगा. यही वजह है कि गठबंधन के सभी सहयोगी दल अपने-अपने हिसाब से कार्यक्रम तय कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि इंडिया महगठबंधन में संवादहीनता चरम पर है. जब समय पर सूचना ही नहीं जाएगी तो बड़े नेता जिनका पहले से कार्यक्रम तय रहता है वो कैसे इसमें शामिल होंगे.
तीन राज्यों में मिली हार में I.N.D.I.A में निराशाः बहरहाल, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम से इंडिया महगठबंधन में निराशा देखी जा रही है. यही वजह है कि जिस तरह से आशंका व्यक्त की जा रही थी कि निजी स्वार्थ और दलीय हित से ऊपर उठकर महागठबंधन की एकजुटता को सर्वोच्च प्राथमिकता देना महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती होगी, आज वही साबित हो रही है.
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