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JAC में नहीं हैं अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, 3 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं, धरने पर बैठे सभी कर्मचारी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इसलिए सभी कर्मचारी धरने पर बैठ (JAC Employees on Strike) गए हैं. पिछले तीन महीने से जैक में ना अध्यक्ष हैं और ना अपाध्यक्ष, इसलिए लगभग सभी काम ठप पड़े हैं.

Jharkhand Academic Council
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Published : Nov 22, 2021, 4:01 PM IST

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (Jharkhand Academic Council ) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण कई परेशानियां उभर कर सामने आ रही है. इसी कड़ी में जैक के सभी कोटि के कर्मचारी जैक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ (JAC Employees on Strike) गए हैं. बताया जा रहा है कि 3 महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है और यह परेशानी जैक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण उत्पन्न हुई है.

ये भी पढ़ें- एक दिसंबर से होगी 10वीं और 12वीं की फर्स्ट टर्म परीक्षा, जैक ने जारी किया डेट शीट


झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के अध्यक्ष अरविंद प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष फूल सिंह के सेवानिवृत्त होने से कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. अभी तक उनकी जगह किसी और की नियुक्ति नहीं की गई है. नियमानुसार जब तक जैक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो जाती है. तब तक जैक में काम नहीं हो सकता है. कर्मचारियों से संबंधित काम भी अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद खाली रहने से लंबित है. 14 सितंबर को अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह और उपाध्यक्ष फूल सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया था. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की मंजूरी के बिना जैक के कई काम अटके पड़े हैं. ऐसे में जैक अब नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की बाट जोह रहा है. उम्मीद की जा रही थी कि दुर्गा पूजा के बाद ही जैक को नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिलेंगे. लेकिन अब तक इस ओर राज्य सरकार का ध्यान नहीं गया है और इससे एकेडमिक गतिविधियों के अलावा कई परेशानियां सामने आ चुकी है.


वेतन नहीं मिलने से धरने पर बैठे कर्मचारी

सोमवार से झारखंड एकेडमिक काउंसिल के बाहर जैक के सभी कोटि के कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं. जानकारी के मुताबिक जैक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण 3 माह से इन्हें वेतन नहीं मिला है. अध्यक्ष या फिर उपाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बिना वेतन आवंटित नहीं हो पा रहा है. इससे जैक के कर्मचारियों में आक्रोश है. मामले को लेकर राज्य सरकार से बीच का रास्ता जल्द से जल्द निकालने की मांग की गई है. जैक का काम काज फिलहाल ठप हो गया है.

जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत

बताते चलें कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर रजिस्ट्रेशन का दौर भी चल रहा है. इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है. ऐसे में इन कर्मचारियों का धरने पर चले जाने से कई परेशानी और भी आएगी इस ओर जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत.

रांची: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (Jharkhand Academic Council ) में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण कई परेशानियां उभर कर सामने आ रही है. इसी कड़ी में जैक के सभी कोटि के कर्मचारी जैक कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ (JAC Employees on Strike) गए हैं. बताया जा रहा है कि 3 महीने से इन्हें वेतन नहीं मिला है और यह परेशानी जैक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण उत्पन्न हुई है.

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झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) के अध्यक्ष अरविंद प्रताप सिंह और उपाध्यक्ष फूल सिंह के सेवानिवृत्त होने से कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. अभी तक उनकी जगह किसी और की नियुक्ति नहीं की गई है. नियमानुसार जब तक जैक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो जाती है. तब तक जैक में काम नहीं हो सकता है. कर्मचारियों से संबंधित काम भी अध्यक्ष उपाध्यक्ष पद खाली रहने से लंबित है. 14 सितंबर को अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह और उपाध्यक्ष फूल सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया था. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की मंजूरी के बिना जैक के कई काम अटके पड़े हैं. ऐसे में जैक अब नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की बाट जोह रहा है. उम्मीद की जा रही थी कि दुर्गा पूजा के बाद ही जैक को नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिलेंगे. लेकिन अब तक इस ओर राज्य सरकार का ध्यान नहीं गया है और इससे एकेडमिक गतिविधियों के अलावा कई परेशानियां सामने आ चुकी है.


वेतन नहीं मिलने से धरने पर बैठे कर्मचारी

सोमवार से झारखंड एकेडमिक काउंसिल के बाहर जैक के सभी कोटि के कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं. जानकारी के मुताबिक जैक में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष नहीं होने के कारण 3 माह से इन्हें वेतन नहीं मिला है. अध्यक्ष या फिर उपाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बिना वेतन आवंटित नहीं हो पा रहा है. इससे जैक के कर्मचारियों में आक्रोश है. मामले को लेकर राज्य सरकार से बीच का रास्ता जल्द से जल्द निकालने की मांग की गई है. जैक का काम काज फिलहाल ठप हो गया है.

जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत

बताते चलें कि मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को लेकर रजिस्ट्रेशन का दौर भी चल रहा है. इन परीक्षाओं के आयोजन को लेकर तमाम तरह की तैयारियां की जा रही है. ऐसे में इन कर्मचारियों का धरने पर चले जाने से कई परेशानी और भी आएगी इस ओर जल्द से जल्द सरकार को ध्यान देने की जरूरत.

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