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ग्रामीण इलाकों में बढ़े रोड कनेक्टिविटी, मनरेगा में बढ़ेगा मजदूरों का मानदेय: आलमगीर आलम

झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार की प्राथमिकता को गिनाया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों को शहरों से जल्द कनेक्ट किया जाएगा, साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत प्रतिदिन दिया जानेवाला मानदेय 171 रुपये से बढ़ाकर 272 रुपये किया जाएगा.

Alamgir Alam interacted with media after review meeting in ranchi
समीक्षा बैठक के बाद जानकारी देते मंत्री आलमगीर आलम
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Published : Feb 11, 2020, 7:36 PM IST

रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम मंगलवार को समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने सरकार के कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनके विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता गांव के इलाकों को शहर से कनेक्ट करने की है.

देखें पूरी खबर

आलमगीर आलम ने बताया कि चाहे शिक्षण संस्थान हो, अस्पताल हो या रेलवे स्टेशन हो वहां से ग्रामीणों को सड़क की कनेक्टिविटी मिले इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग के काम से वह फिलहाल संतुष्ट नहीं हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग का समय मार्च में समाप्त हो जाएगा और फिर 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा लागू करनी है, तब उनके सरकार और क्रियाशील होगी. उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के फेज 1, 2 और 3 के तहत काम किया गया है, लेकिन उन सड़कों की रिपेयरिंग अभी तक नहीं की गई है.

इसे भी पढे़ं:- JVM के बीजेपी में विलय की हुई घोषणा, 14 साल बाद घर वापसी करेंगे बाबूलाल मरांडी

बढ़े मनरेगा के कार्यदिवस और मानदेय
आलमगीर आलम ने कहा कि उनके कार्यकाल में मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में 100 दिन का रोजगार जरूर मिलता था, बाद में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में यह घटकर 40 से 45 दिन हो गया, जिसकी वजह से लोग पलायन करने लगे. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह भी रहेगी कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को 100 दिन से अधिक का रोजगार मिले. इससे पलायन रुकेगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत प्रतिदिन दिया जानेवाला मानदेय 171 रुपये से बढ़ाकर 272 रुपये किया जाएगा. इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है. बता दें कि आलम झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं, साथ ही उनके जिम्मे संसदीय कार्य विभाग भी है.

रांची: झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम मंगलवार को समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने सरकार के कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि उनके विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता गांव के इलाकों को शहर से कनेक्ट करने की है.

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आलमगीर आलम ने बताया कि चाहे शिक्षण संस्थान हो, अस्पताल हो या रेलवे स्टेशन हो वहां से ग्रामीणों को सड़क की कनेक्टिविटी मिले इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग के काम से वह फिलहाल संतुष्ट नहीं हैं. ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग का समय मार्च में समाप्त हो जाएगा और फिर 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा लागू करनी है, तब उनके सरकार और क्रियाशील होगी. उन्होंने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के फेज 1, 2 और 3 के तहत काम किया गया है, लेकिन उन सड़कों की रिपेयरिंग अभी तक नहीं की गई है.

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बढ़े मनरेगा के कार्यदिवस और मानदेय
आलमगीर आलम ने कहा कि उनके कार्यकाल में मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में 100 दिन का रोजगार जरूर मिलता था, बाद में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में यह घटकर 40 से 45 दिन हो गया, जिसकी वजह से लोग पलायन करने लगे. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह भी रहेगी कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को 100 दिन से अधिक का रोजगार मिले. इससे पलायन रुकेगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत प्रतिदिन दिया जानेवाला मानदेय 171 रुपये से बढ़ाकर 272 रुपये किया जाएगा. इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है. बता दें कि आलम झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं, साथ ही उनके जिम्मे संसदीय कार्य विभाग भी है.

Intro:बाइट आलमगीर आलम मंत्री ग्रामीण विकास विभाग

रांची। प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मंगलवार को कहा कि उनके विभाग की सबसे बड़ी प्राथमिकता गांव के इलाकों को शहर से कनेक्ट करने की है। उन्होंने कहा कि चाहे शिक्षण संस्थान हो, अस्पताल हो या रेलवे स्टेशन हो वहां से ग्रामीणों को सड़क की कनेक्टिविटी मिले इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग के काम से वह फिलहाल संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग का समय मार्च में समाप्त हो जाएगा और फिर 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा लागू करनी है तब उनके सरकार और क्रियाशील होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सड़क योजना के फेस 1, 2 और 3 के तहत काम किया गया है लेकिन उन सड़कों की रिपेयरिंग अभी तक नहीं की गई है।


Body:बढ़े मनरेगा के कार्यदिवस और मानदेय
आलम ने कहा कि उनके कार्यकाल में मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में 100 दिन का रोजगार जरूर मिलता था। बाद में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में यह घटकर 40 से 45 दिन हो गया। जिसकी वजह से लोग पलायन करने लगे। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता यह भी रहेगी कि ग्रामीण इलाकों में लोगों को 100 दिन से अधिक का रोजगार मिले। इससे पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि साथ मनरेगा के तहत प्रतिदिन दिया जानेवाला मानदेय 171 रुपये से बढ़ाकर 272 रुपये किया जाए इसके लिए भी सरकार प्रयासरत है।


Conclusion:बता दें कि आलम झारखंड विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं। साथ ही उनके जिम्मे संसदीय कार्य विभाग भी है।
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