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अकरम का अभियानः 400 किमी साइकिल यात्रा कर CAA हिंसा के खिलाफ देंगे शांति का पैगाम

देश-विदेश में साइकिलिंग के क्षेत्र में नाम कमा चुके रांची के अकरम सीएए को लेकर हो रहे हिंसा के खिलाफ गणतंत्र दिवस के दिन 400 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर लोगों के बीच शांति का पैगाम देंगे. अकरम साइकिल से ही विदेश की यात्रा तक कर चुके हैं. अकरम ने इस योजना के संबंध में ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की.

अकरम का अभियानः चार सौ किमी साइकिल यात्रा कर CAA हिंसा के खिलाफ देंगे शांति का पैगाम
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Published : Jan 25, 2020, 9:08 PM IST

रांचीः साइकिलिंग के क्षेत्र में देश-विदेश में नाम कमा चुके रांची के अकरम झारखंड में सीएए को लेकर हो रहे हिंसा के खिलाफ गणतंत्र दिवस के दिन 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से कर लोगों के बीच शांति का पैगाम देंगे. अकरम झारखंड के फेमस साइकिलिस्ट हैं और वे अपने साइकिल से ही विदेश की यात्रा तक कर चुके हैं.

देखें खास बातचीत

अकरम की इच्छा है कि वर्तमान में जो देश की स्थिति है वह काफी भयावह है लोग सीएए के समर्थन और विरोध में आपस के भाईचारे की को खत्म कर रहे हैं. अकरम यह मानते हैं कि वे साइकिल यात्रा पर निकल कर इस द्वेष को खत्म करने में कामयाब होंगे. क्या है अकरम की पूरी योजना इसे लेकर अकरम ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की.

कौन है अकरम

रांची के निवासी अकरम रांची से लेकर सिंगापुर तक की यात्रा साइकिल से पूरी कर चुके हैं. 49 दिन में 6000 किलोमीटर की दूरी और 6 देशों का दौरा करके अकरम जब रांची लौटे थे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया था. अपने सफर में अकरम भारत के राज्यों के अलावा बांग्लादेश, मयांमार, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर गए. अकरम की हर यात्रा किसी ना किसी सामाजिक कार्य के उद्देश्य से होती है. अकरम महिलाओं की सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा, ट्रांसजेंडर को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए साइकिल से घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करते हैं. अकरम ब्लैक एंड ब्लैक नाम की एक अपनी संस्था भी चलाते हैं जो महिला सुरक्षा को लेकर झारखंड में काफी सक्रिय है.

और पढ़ें- बजरंग दल के बुलाए गए गुमला बंद का व्यापक असर, रांची प्रक्षेत्र डीआईजी खुद कर रहे शहर का निरीक्षण

झारखंड में हो रही हिंसा से दुखी

ईटीवी भारत से बातचीत में अकरम ने बताया कि 26 जनवरी को एक विशेष यात्रा पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में साइकिल से जाएंगे दरअसल अकरम नागरिकता कानून को लेकर फैल रहे हिंसा से काफी दुखी है. अकरम का मानना है कि किसी भी कानून को अगर सरकार की ओर से बनाया जाता है तो उसका विरोध और उसके पक्ष में बातें की जाती हैं. लेकिन कहीं से भी इसका समाधान हिंसा नहीं होता है. शांतिपूर्ण रूप से विरोध एक सही पहल होता है. गौरतलब है कि झारखंड के लोहरदगा शहर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जमकर बवाल हुआ जिसकी वजह से लोहरदगा में पिछले 2 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है, आम जनजीवन ठप है और कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है.

400 किमी का होगा यूनिटी यात्रा

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अकरम शांति का संदेश लेकर झारखंड की 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से करेंगे. इस दौरान वे शहर में घूम-घूम कर लोगों को यह समझ आएंगे कि भारत देश अनेकता में एकता का प्रतीक है, ऐसे में किसी बात को लेकर हिंसा करना सही नहीं है.

रांचीः साइकिलिंग के क्षेत्र में देश-विदेश में नाम कमा चुके रांची के अकरम झारखंड में सीएए को लेकर हो रहे हिंसा के खिलाफ गणतंत्र दिवस के दिन 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से कर लोगों के बीच शांति का पैगाम देंगे. अकरम झारखंड के फेमस साइकिलिस्ट हैं और वे अपने साइकिल से ही विदेश की यात्रा तक कर चुके हैं.

देखें खास बातचीत

अकरम की इच्छा है कि वर्तमान में जो देश की स्थिति है वह काफी भयावह है लोग सीएए के समर्थन और विरोध में आपस के भाईचारे की को खत्म कर रहे हैं. अकरम यह मानते हैं कि वे साइकिल यात्रा पर निकल कर इस द्वेष को खत्म करने में कामयाब होंगे. क्या है अकरम की पूरी योजना इसे लेकर अकरम ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की.

कौन है अकरम

रांची के निवासी अकरम रांची से लेकर सिंगापुर तक की यात्रा साइकिल से पूरी कर चुके हैं. 49 दिन में 6000 किलोमीटर की दूरी और 6 देशों का दौरा करके अकरम जब रांची लौटे थे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया था. अपने सफर में अकरम भारत के राज्यों के अलावा बांग्लादेश, मयांमार, थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर गए. अकरम की हर यात्रा किसी ना किसी सामाजिक कार्य के उद्देश्य से होती है. अकरम महिलाओं की सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा, ट्रांसजेंडर को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए साइकिल से घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करते हैं. अकरम ब्लैक एंड ब्लैक नाम की एक अपनी संस्था भी चलाते हैं जो महिला सुरक्षा को लेकर झारखंड में काफी सक्रिय है.

और पढ़ें- बजरंग दल के बुलाए गए गुमला बंद का व्यापक असर, रांची प्रक्षेत्र डीआईजी खुद कर रहे शहर का निरीक्षण

झारखंड में हो रही हिंसा से दुखी

ईटीवी भारत से बातचीत में अकरम ने बताया कि 26 जनवरी को एक विशेष यात्रा पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में साइकिल से जाएंगे दरअसल अकरम नागरिकता कानून को लेकर फैल रहे हिंसा से काफी दुखी है. अकरम का मानना है कि किसी भी कानून को अगर सरकार की ओर से बनाया जाता है तो उसका विरोध और उसके पक्ष में बातें की जाती हैं. लेकिन कहीं से भी इसका समाधान हिंसा नहीं होता है. शांतिपूर्ण रूप से विरोध एक सही पहल होता है. गौरतलब है कि झारखंड के लोहरदगा शहर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जमकर बवाल हुआ जिसकी वजह से लोहरदगा में पिछले 2 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है, आम जनजीवन ठप है और कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है.

400 किमी का होगा यूनिटी यात्रा

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अकरम शांति का संदेश लेकर झारखंड की 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से करेंगे. इस दौरान वे शहर में घूम-घूम कर लोगों को यह समझ आएंगे कि भारत देश अनेकता में एकता का प्रतीक है, ऐसे में किसी बात को लेकर हिंसा करना सही नहीं है.

Intro:साइकिलिंग के क्षेत्र में देश विदेश में नाम कमा चुके रांची के अकरम झारखंड में सीएए को लेकर हो रहे हिंसा के खिलाफ गणतंत्र दिवस के दिन 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से कर लोगों के बीच शांति का पैगाम देंगे. अकरम झारखंड के फेमस साइकिलिस्ट हैं और वे अपने साइकिल से ही विदेश की यात्रा तक कर चुके हैं. अकरम की इच्छा है कि वर्तमान में जो देश की स्थिति है वह काफी भयावह है लोग सीएए के समर्थन और विरोध में आपस के भाईचारे की को खत्म कर रहे हैं. अकरम यह मानते हैं कि वे साइकिल यात्रा पर निकल कर इस विद्वेष को खत्म करने में कामयाब होंगे. क्या है अकरम की पूरी योजना इसे लेकर अकरम ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की.

कौन है अकरम

झारखंड की राजधानी रांची के रहने वाले अकरम रांची से लेकर सिंगापुर तक की यात्रा साइकिल से पूरी कर चुके हैं. 49 दिन में 6000 किलोमीटर की दूरी और 6 देशों का दौरा करके अकरम जब रांची लौटे थे तो उनका जोरदार स्वागत किया गया था. अपने सफ़र में अकरम भारत के राज्यों के अलावा बांग्लादेश मयमार थाईलैंड मलेशिया और सिंगापुर गए. अकरम की हर यात्रा किसी ना किसी सामाजिक कार्य के उद्देश्य से होती है. अकरम महिलाओं की सुरक्षा बच्चों की शिक्षा ट्रांसजेंडर को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए साइकिल से घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करते हैं. अकरम ब्लैक एंड ब्लैक नाम की एक अपनी संस्था भी चलाते हैं जो महिला सुरक्षा को लेकर झारखंड में काफी सक्रिय है.

झारखंड में हो रही हिंसा से दुखी हैं अकरम इसलिए निकल रहे हैं सद्भावना यात्रा पर

ईटीवी भारत से बातचीत में अकरम ने बताया कि 26 जनवरी को एक विशेष यात्रा पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में साइकिल से जाएंगे दरअसल अकरम नागरिकता कानून को लेकर फैल रहे हिंसा से काफी दुखी है. अकरम का मानना है कि किसी भी कानून को अगर सरकार के द्वारा बनाया जाता है तो उसका विरोध और उसके पक्ष में बातें की जाती हैं. लेकिन कहीं से भी इसका समाधान हिंसा नहीं होता है. शांतिपूर्ण रूप से विरोध एक सही पहल होता है. गौरतलब है कि झारखंड के लोहरदगा शहर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जमकर बवाल हुआ जिसकी वजह से लोहरदगा में पिछले 2 दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है आम जनजीवन ठप है और कई लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा है.

फिलहाल 400 किलोटर का होगा यूनिटी यात्रा

गणतंत्र दिवस के अवसर पर अकरम शांति का संदेश लेकर झारखंड की 400 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से करेंगे .इस दौरान वे शहर में घूम घूम कर लोगों को यह समझ आएंगे कि भारत देश अनेकता में एकता का प्रतीक है, ऐसे में किसी बात को लेकर हिंसा करना सही नहीं है.



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