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पहलः आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी विद्यार्थियों के लिए वरदान है आकांक्षा-40 कोचिंग

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Published : Apr 11, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 5:22 PM IST

झारखंड में राज्य सरकार के पहल पर आकांक्षा-40 एक ऐसी कोचिंग संस्थान है जो गरीब परिवार के बच्चों को अपना सपना पूरा करने का मौका देती है. इस संस्थान से पढ़कर बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन दे रहे है.

akanksha-40 coaching students are doing better in competitive exam in ranch
आकांक्षा-40 कोचिंग

रांचीः आईआईटी, एनआईटी, सिविल सर्विसेज और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी लाखों रुपये खर्च कर निजी कोचिंग संस्थानों में एडमिशन लेते हैं. लेकिन ऐसे हजारों मेधावी बच्चे हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ड्रॉप आउट हो जाते हैं और अपने सपनों में पंख नहीं लगा पाते हैं. झारखंड में राज्य सरकार की पहल पर एक ऐसा कोचिंग संस्थान संचालित है, जहां गरीब परिवार के बच्चों को सुनहरा मौका मिलता है. आकांक्षा-40 नाम से संचालित यह कोचिंग संस्थान ऐसे बच्चों के लिए वरदान है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- झारखंड में सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल, विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा

सफल साबित हुई यह योजना
वर्ष 2016 में राज्य सरकार की ओर से आकांक्षा 40 नाम से एक कोचिंग सेंटर चलाने की योजना बनाई थी. यह योजना धरातल पर उतारी भी गई. इस योजना के तहत राज्य के मेधावी विद्यार्थियों को सामने लाकर विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और नामी मेडिकल संस्थानों में नामांकन दिलवाना विभाग का मकसद था. इस उद्देश्य को कुछ हद तक पूरा भी कर लिया गया है. वहीं सिविल सर्विसेज और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऐसे ही निशुल्क संस्थानों की मांग बढ़ी है. सरकार इस दिशा में फिलहाल योजना तैयार कर रही है. लेकिन इस ओर कदम नहीं बढ़ाया गया है. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए आकांक्षा 40 कोचिंग संस्थान सुचारू तरीके से संचालित हो रही है. इसका फायदा भी ऐसे बच्चों और परिवार को मिल रहा है. इस कोचिंग सेंटर में एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य वंचित वर्गों के लिए सरकारी आवासीय कोचिंग सुविधा और तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध है.

सपनों में लग रहे हैं पंख
बच्चों के सपने में पंख लगने लगे हैं और यह परिणाम भी बेहतर दे रहे हैं. दरअसल झारखंड सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आकांक्षा-40 नाम से कोचिंग संचालित करती है. इसमें प्रवेश के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है. पहली बार जैक बोर्ड 2018 की परीक्षा में पास स्टूडेंट के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया था. उसके बाद निरंतर हर सत्र में यह परीक्षा जैक की ओर से आयोजित की जाती रही है. इस संस्था के संचालन में सरकार राजधानी रांची के कोचिंग संस्थानों के अनुभवी शिक्षकों की मदद लेती है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में नई शिक्षा नीति लागू कराना आसान नहीं, राज्य सरकार नहीं दिखा रही कोई रुचि

पढ़ाई लिखाई से लेकर रहने खाने तक की व्यवस्था है निशुल्क
नामांकन के लिए प्रत्येक वर्ष प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन होता है. परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं. जिन्होंने जैक से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की हो. चयनित विद्यार्थियों में से 40 इंजीनियरिंग और 40 मेडिकल के विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाता है. सरकार बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर रहने खाने तक की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराती है. इस बार इसमें सीट की संख्या 80 से बढ़ाकर 175 कर दी गई है. लेकिन इससे भी ज्यादा अगर मेधावी बच्चे पास होकर आते हैं तो उन्हें भी अतिरिक्त सीट बनाकर जगह दे दी जाती है. हर साल यहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में सफल होते हैं. इस बार भी कई प्रतियोगी परीक्षा में यहां के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं प्रथम बैच से लेकर अभी तक कई बच्चों का नामांकन कई बड़े संस्थानों में हो चुका है.

रघुवर सरकार ने शुरू की थी योजना
आकांक्षा 40 योजना नाम से इसे शुरू किया गया. रघुवर सरकार ने इंजीनियरिंग और मेडिकल का ख्वाब देखने वाले गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के सपने को साकार करने के लिए आकांक्षा योजना बनाई. 2016 में इसकी शुरुआत की गई और अब तक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चे इस योजना का लाभ लेते हुए आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले चुके हैं. साल 2018 में इसी योजना के तहत रांची के जिला स्कूल परिसर में छात्रों के रहने और क्लास-रूम कोचिंग के लिए बहुमंजिला भवन का निर्माण किया गया. बिल्डिंग बनाने का जिम्मा भवन निर्माण विभाग को दिया गया. लेकिन भवन बनकर तैयार होने के बावजूद एक वर्ष से इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है. हालांकि कहा जा रहा है नए सत्र से इसी भवन में बच्चों के रहने खाने की व्यवस्था के साथ ही उनकी पढ़ाई लिखाई भी शुरू होगी.

वर्ष 2018 में मेडिकल बैच में विद्यार्थियों ने लिया नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
बब्बन कुमार रिम्स, रांची
दीपिका कुमारीबायोटेक, रांची विमेंस कॉलेज
ज्योति कुमारी फार्मेसी, गवर्नमेंट फार्मेसी, रांची
कृष्णा कुमारी बीएससी, नर्सिंग रिम्स, रांची
कुमारी बबीता महतोबायोटेक, रांची विमेंस कॉलेज
नरगिस परवीन अब्दुर रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, रांची
नाजिया परवीनअब्दुर रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, रांची
  • प्रेमा साहू, प्रियंका कुमारी, रितु कुमारी महतो, सानू कुमारी, अनिता बेसरा, विदिशा मुर्मू- पीएमसीएच, रिम्स देवघर ट्रेनिंग सेंटर, धनबाद सदर अस्पताल जैसे संस्थानों में नामांकन लेकर पढ़ाई पूरी कर ली है. वहीं शिवानी कुमारी- राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पूसा समस्तीपुर से बायोटेक कर नौकरी भी हासिल कर लिया है.
  • 2019 में भी रिम्स पीएमसीएच बीएचएमएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज गोड्डा जैसे संस्थानों में विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है और उनका सत्र पूरा हो चुका है, वो ट्रेनिंग पीरियड में है.

इसे भी पढ़ें- स्वर्णिमा का 'स्वर्णिम' प्रयास: खुद के पढ़ने की उम्र में जगा रही शिक्षा की अलख, पेड़ के नीचे चला रही पाठशाला

2018 में एनआईटी में चयनित इंजीनियरिंग बैच के विद्यार्थी

नामइंस्टीट्यूट
अब्दुल वाजिद अली बीटेक, कंप्यूटर साइंस देहरादून इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
अमन रजक बीटेक, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन एनआईटी, जमशेदपुर
अरिजीत डे बीटेक, इलेक्ट्रिकल बीआईटी, सिंदरी
अरविंद कुमार बीटेक, आईटी बीआईटी, सिंदरी
धीरेन कुमार यादव बीटेक, एनआईटी, अगरतला
गया प्रसाद शर्मा बीटेक, मैकेनिकल एनआईटी, जमशेदपुर
नितेश कुमार गुप्ता बीटेक, मैकेनिकल एनआईटी, सुरत्काल
रंजीत मंडल बीटेक, सिविल एनआईटी, जमशेदपुर
सनी कुमार बीटेक, हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता
  • वर्ष 2019 में एनआईटी में चयनित इंजीनियरिंग बैच के कई विद्यार्थी ने बीआईटी सिंदरी समेत विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन लिया है.

वर्ष 2020 में विभिन्न इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों का नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
आशू कुमारकंप्यूटर साइंस, आईआईटी भिलाई
प्रियांशु राजपैट्रोलियम, आईआईटी धनबाद
आकाश चंदमाइनिंग, आईआईटी धनबाद
बंटी साहूजियोलॉजी, आईआईटी खड़कपुर
राजकुमार रायमेटालर्जी, एनआईटी जमशेदपुर
प्रशांत कुमार वर्णवालएनआईटी जमशेदपुर
अंकुश कुमारमैकेनिकल, बीआईटी सिंदरी
विक्रम कुमार महतोसिविल, बीआईटी सिंदरी
निमाई पात्रोइलेक्ट्रिकल, रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज

इसे भी पढ़ें- झारखंड बजट: शिक्षा के लिए सरकार ने दिए 13253 करोड़, स्कूलों का बनाया जाएगा आदर्श

वर्ष 2020 में मेडिकल शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
राहुल कुमार बीबीएमसी सफदरगंज हॉस्पिटल, दिल्ली
नीतीश कुमार पंडित बीडीएस कॉलेज, केरल
अरमान अंसारीएमबीबीएस, एम्स कल्याणी, वेस्ट बंगाल
चंदन कुमारएमबीबीएस, पीएमसीएच, धनबाद
अमन कुमारएमबीबीएस, रिम्स, रांची
आदित्य कुमार गुप्ताएमबीबीएस, पीएमसीएच, धनबाद
तौसिफ खानबीएचएमएस गवर्नमेंट कॉलेज, गोड्डा
  • वर्ष 2021 के जेईई मेन में आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. 40 विद्यार्थियों में 20 विद्यार्थी बेहतर परसेंटाइल के साथ उत्तीर्ण हुए हैं. राज्य सरकार की ओर से संचालित योजना बेहतर साबित हो रही है. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के सपनों में पंख लग रहे हैं और वह आज बेहतर जीवन जी रहे हैं.

रांचीः आईआईटी, एनआईटी, सिविल सर्विसेज और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी लाखों रुपये खर्च कर निजी कोचिंग संस्थानों में एडमिशन लेते हैं. लेकिन ऐसे हजारों मेधावी बच्चे हैं, जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण ड्रॉप आउट हो जाते हैं और अपने सपनों में पंख नहीं लगा पाते हैं. झारखंड में राज्य सरकार की पहल पर एक ऐसा कोचिंग संस्थान संचालित है, जहां गरीब परिवार के बच्चों को सुनहरा मौका मिलता है. आकांक्षा-40 नाम से संचालित यह कोचिंग संस्थान ऐसे बच्चों के लिए वरदान है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- झारखंड में सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल, विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा

सफल साबित हुई यह योजना
वर्ष 2016 में राज्य सरकार की ओर से आकांक्षा 40 नाम से एक कोचिंग सेंटर चलाने की योजना बनाई थी. यह योजना धरातल पर उतारी भी गई. इस योजना के तहत राज्य के मेधावी विद्यार्थियों को सामने लाकर विभिन्न आईआईटी, एनआईटी और नामी मेडिकल संस्थानों में नामांकन दिलवाना विभाग का मकसद था. इस उद्देश्य को कुछ हद तक पूरा भी कर लिया गया है. वहीं सिविल सर्विसेज और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ऐसे ही निशुल्क संस्थानों की मांग बढ़ी है. सरकार इस दिशा में फिलहाल योजना तैयार कर रही है. लेकिन इस ओर कदम नहीं बढ़ाया गया है. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए आकांक्षा 40 कोचिंग संस्थान सुचारू तरीके से संचालित हो रही है. इसका फायदा भी ऐसे बच्चों और परिवार को मिल रहा है. इस कोचिंग सेंटर में एससी, एसटी, ओबीसी और अन्य वंचित वर्गों के लिए सरकारी आवासीय कोचिंग सुविधा और तमाम व्यवस्थाएं उपलब्ध है.

सपनों में लग रहे हैं पंख
बच्चों के सपने में पंख लगने लगे हैं और यह परिणाम भी बेहतर दे रहे हैं. दरअसल झारखंड सरकार मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आकांक्षा-40 नाम से कोचिंग संचालित करती है. इसमें प्रवेश के लिए झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है. पहली बार जैक बोर्ड 2018 की परीक्षा में पास स्टूडेंट के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया था. उसके बाद निरंतर हर सत्र में यह परीक्षा जैक की ओर से आयोजित की जाती रही है. इस संस्था के संचालन में सरकार राजधानी रांची के कोचिंग संस्थानों के अनुभवी शिक्षकों की मदद लेती है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में नई शिक्षा नीति लागू कराना आसान नहीं, राज्य सरकार नहीं दिखा रही कोई रुचि

पढ़ाई लिखाई से लेकर रहने खाने तक की व्यवस्था है निशुल्क
नामांकन के लिए प्रत्येक वर्ष प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन होता है. परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं. जिन्होंने जैक से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की हो. चयनित विद्यार्थियों में से 40 इंजीनियरिंग और 40 मेडिकल के विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाता है. सरकार बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर रहने खाने तक की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध कराती है. इस बार इसमें सीट की संख्या 80 से बढ़ाकर 175 कर दी गई है. लेकिन इससे भी ज्यादा अगर मेधावी बच्चे पास होकर आते हैं तो उन्हें भी अतिरिक्त सीट बनाकर जगह दे दी जाती है. हर साल यहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में सफल होते हैं. इस बार भी कई प्रतियोगी परीक्षा में यहां के बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं प्रथम बैच से लेकर अभी तक कई बच्चों का नामांकन कई बड़े संस्थानों में हो चुका है.

रघुवर सरकार ने शुरू की थी योजना
आकांक्षा 40 योजना नाम से इसे शुरू किया गया. रघुवर सरकार ने इंजीनियरिंग और मेडिकल का ख्वाब देखने वाले गरीब और मेधावी विद्यार्थियों के सपने को साकार करने के लिए आकांक्षा योजना बनाई. 2016 में इसकी शुरुआत की गई और अब तक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले सैकड़ों बच्चे इस योजना का लाभ लेते हुए आईआईटी और मेडिकल कॉलेज में दाखिला ले चुके हैं. साल 2018 में इसी योजना के तहत रांची के जिला स्कूल परिसर में छात्रों के रहने और क्लास-रूम कोचिंग के लिए बहुमंजिला भवन का निर्माण किया गया. बिल्डिंग बनाने का जिम्मा भवन निर्माण विभाग को दिया गया. लेकिन भवन बनकर तैयार होने के बावजूद एक वर्ष से इसका उद्घाटन नहीं हो पाया है. हालांकि कहा जा रहा है नए सत्र से इसी भवन में बच्चों के रहने खाने की व्यवस्था के साथ ही उनकी पढ़ाई लिखाई भी शुरू होगी.

वर्ष 2018 में मेडिकल बैच में विद्यार्थियों ने लिया नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
बब्बन कुमार रिम्स, रांची
दीपिका कुमारीबायोटेक, रांची विमेंस कॉलेज
ज्योति कुमारी फार्मेसी, गवर्नमेंट फार्मेसी, रांची
कृष्णा कुमारी बीएससी, नर्सिंग रिम्स, रांची
कुमारी बबीता महतोबायोटेक, रांची विमेंस कॉलेज
नरगिस परवीन अब्दुर रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, रांची
नाजिया परवीनअब्दुर रज्जाक अंसारी इंस्टीट्यूट आफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर, रांची
  • प्रेमा साहू, प्रियंका कुमारी, रितु कुमारी महतो, सानू कुमारी, अनिता बेसरा, विदिशा मुर्मू- पीएमसीएच, रिम्स देवघर ट्रेनिंग सेंटर, धनबाद सदर अस्पताल जैसे संस्थानों में नामांकन लेकर पढ़ाई पूरी कर ली है. वहीं शिवानी कुमारी- राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पूसा समस्तीपुर से बायोटेक कर नौकरी भी हासिल कर लिया है.
  • 2019 में भी रिम्स पीएमसीएच बीएचएमएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज गोड्डा जैसे संस्थानों में विद्यार्थियों का नामांकन हुआ है और उनका सत्र पूरा हो चुका है, वो ट्रेनिंग पीरियड में है.

इसे भी पढ़ें- स्वर्णिमा का 'स्वर्णिम' प्रयास: खुद के पढ़ने की उम्र में जगा रही शिक्षा की अलख, पेड़ के नीचे चला रही पाठशाला

2018 में एनआईटी में चयनित इंजीनियरिंग बैच के विद्यार्थी

नामइंस्टीट्यूट
अब्दुल वाजिद अली बीटेक, कंप्यूटर साइंस देहरादून इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
अमन रजक बीटेक, इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन एनआईटी, जमशेदपुर
अरिजीत डे बीटेक, इलेक्ट्रिकल बीआईटी, सिंदरी
अरविंद कुमार बीटेक, आईटी बीआईटी, सिंदरी
धीरेन कुमार यादव बीटेक, एनआईटी, अगरतला
गया प्रसाद शर्मा बीटेक, मैकेनिकल एनआईटी, जमशेदपुर
नितेश कुमार गुप्ता बीटेक, मैकेनिकल एनआईटी, सुरत्काल
रंजीत मंडल बीटेक, सिविल एनआईटी, जमशेदपुर
सनी कुमार बीटेक, हेरिटेज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कोलकाता
  • वर्ष 2019 में एनआईटी में चयनित इंजीनियरिंग बैच के कई विद्यार्थी ने बीआईटी सिंदरी समेत विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन लिया है.

वर्ष 2020 में विभिन्न इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों का नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
आशू कुमारकंप्यूटर साइंस, आईआईटी भिलाई
प्रियांशु राजपैट्रोलियम, आईआईटी धनबाद
आकाश चंदमाइनिंग, आईआईटी धनबाद
बंटी साहूजियोलॉजी, आईआईटी खड़कपुर
राजकुमार रायमेटालर्जी, एनआईटी जमशेदपुर
प्रशांत कुमार वर्णवालएनआईटी जमशेदपुर
अंकुश कुमारमैकेनिकल, बीआईटी सिंदरी
विक्रम कुमार महतोसिविल, बीआईटी सिंदरी
निमाई पात्रोइलेक्ट्रिकल, रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज

इसे भी पढ़ें- झारखंड बजट: शिक्षा के लिए सरकार ने दिए 13253 करोड़, स्कूलों का बनाया जाएगा आदर्श

वर्ष 2020 में मेडिकल शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों का नामांकन

नामइंस्टीट्यूट
राहुल कुमार बीबीएमसी सफदरगंज हॉस्पिटल, दिल्ली
नीतीश कुमार पंडित बीडीएस कॉलेज, केरल
अरमान अंसारीएमबीबीएस, एम्स कल्याणी, वेस्ट बंगाल
चंदन कुमारएमबीबीएस, पीएमसीएच, धनबाद
अमन कुमारएमबीबीएस, रिम्स, रांची
आदित्य कुमार गुप्ताएमबीबीएस, पीएमसीएच, धनबाद
तौसिफ खानबीएचएमएस गवर्नमेंट कॉलेज, गोड्डा
  • वर्ष 2021 के जेईई मेन में आकांक्षा-40 के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. 40 विद्यार्थियों में 20 विद्यार्थी बेहतर परसेंटाइल के साथ उत्तीर्ण हुए हैं. राज्य सरकार की ओर से संचालित योजना बेहतर साबित हो रही है. आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के सपनों में पंख लग रहे हैं और वह आज बेहतर जीवन जी रहे हैं.
Last Updated : Apr 12, 2021, 5:22 PM IST
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