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आजसू पार्टी ने खेला 'सेफ पोलिटिकल कार्ड'! अब मंत्रालय और सरकार में होगी पहले जैसी पकड़

आजसू विधायक रामचंद्र सहिस को मंत्री बनाकर आजसू ने सेफ पोलिटिकल कार्ड खेला है. चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह सांसद बनने से राज्य में मंत्री पद खाली हो गया. जिसके बाद ये मंत्री पद भरने के लिए मौजूदा रघुवर सरकार ने आजसू पार्टी के विधायक को मौका दिए जाने की बात रखी.

राज्य सरकार में आजसू विधायक रामचंद्र सहिस को मिला मंत्री पद
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Published : Jun 14, 2019, 2:37 PM IST

रांचीः प्रदेश की राजनीति में ये पहला मौका नहीं है जब आजसू पार्टी का कोई विधायक कम समय के लिए मंत्री बना हो. जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस दूसरे ऐसे विधायक होंगे जिन्हें पार्टी ने मंत्री पद के लिए रिकमेंड किया. जिसके बाद प्रदेश की मौजूदा रघुवर दास सरकार में उन्हें लगभग 6 महीने के लिए शामिल किया गया है.

देखें वीडियो

वहीं, पुराने आंकड़ों को देखें तो तत्कालीन अर्जुन मुंडा की सरकार में चंदनक्यारी से आजसू विधायक रहे उमाकांत रजक को भी यह मौका मिला था. जब उन्हें श्रम विभाग का मंत्री बनाया गया था. पार्टी सूत्रों का यकीन करें तो सहिस को चंद्रप्रकाश चौधरी की जगह मंत्री बनाकर पार्टी ने सेफ 'पॉलीटिकल कार्ड' खेला है. दरअसल चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बन जाने के बाद राज्य के मंत्री पद से उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा. उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह स्पष्ट कर दिया कि खाली हुआ मंत्री पद आजसू कोटे के किसी नेता से भरा जाएगा.

शुरुआती दौर में मंत्री के नाम पर सुदेश महतो की चर्चा थी. बाद में इस चर्चा पर विराम लग गया. उसके बाद बारी आई पार्टी के दो बचे विधायकों की. एक तरफ टुंडी विधानसभा से राजकिशोर महतो का नाम आया. वहीं, दूसरी तरफ जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस के ऑप्शन पर पार्टी ने विचार करना शुरू कर दिया. राजकिशोर महतो का 'पॉलीटिकल बैकग्राउंड' भी रहा है बावजूद इसके आजसू पार्टी में सहिस की स्वीकार्यता को लेकर ज्यादा हामी भरी गई.

ये भी पढ़ें- चौबीस साल से फरार अपराधी 24 घंटे में धराया, कोर्ट के फटकार के बाद पुलिस ने की कार्रवाई

बता दें कि सहिस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कथित तौर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे दुलाल भुइयां के खेमे में रहकर की. बाद में उन्हें 2009 में आजसू सुप्रीमो महतो ने मौका दिया और विधानसभा चुनाव में सहिस ने भाग्य आजमाया और उनकी किस्मत चमकी. 2009 में वे जुगसलाई से विधायक चुने गए उसके तुरंत बाद 2014 में भी पार्टी ने उन्हें मौका दिया और वह दोबारा विधायक बने. पार्टी सूत्रों की मानें तो सहीस का समर्पण पार्टी और महतो दोनों की तरफ है और उन्होंने इसे कई बार व्यक्त भी किया.
सहिस के मंत्री बनाने के पीछे है कई वजह

पार्टी की मानें तो सहिस के चौधरी की जगह बैठने से न केवल पार्टी सुप्रीमो कंफर्टेबल फील करेंगे बल्कि उनकी पकड़ मंत्रालय और सरकार में पहले जैसी बनी रहेगी. सूत्रों का यकीन करें तो सहिस के जिम्मे वही होगा जो चंद्रप्रकाश चौधरी डील किया करते थे. इतना ही नहीं विभाग के मंत्री के तौर पर सिर्फ सहिस नए चेहरे होंगे. जबकि पूरा सिस्टम पहले जैसा ही रहने की उम्मीद है. यहां तक की सहिस के आसपास उन्हीं लोगों के एक्टिव रहने की उम्मीद है जो पूर्व मंत्री के समय वहां मौजूद रहा करते थे. पार्टी सूत्रों कि माने तो इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव भी होने है यही वजह है कि पार्टी ने काफी कैलकुलेट कर यह कदम उठाया है.

रांचीः प्रदेश की राजनीति में ये पहला मौका नहीं है जब आजसू पार्टी का कोई विधायक कम समय के लिए मंत्री बना हो. जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस दूसरे ऐसे विधायक होंगे जिन्हें पार्टी ने मंत्री पद के लिए रिकमेंड किया. जिसके बाद प्रदेश की मौजूदा रघुवर दास सरकार में उन्हें लगभग 6 महीने के लिए शामिल किया गया है.

देखें वीडियो

वहीं, पुराने आंकड़ों को देखें तो तत्कालीन अर्जुन मुंडा की सरकार में चंदनक्यारी से आजसू विधायक रहे उमाकांत रजक को भी यह मौका मिला था. जब उन्हें श्रम विभाग का मंत्री बनाया गया था. पार्टी सूत्रों का यकीन करें तो सहिस को चंद्रप्रकाश चौधरी की जगह मंत्री बनाकर पार्टी ने सेफ 'पॉलीटिकल कार्ड' खेला है. दरअसल चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बन जाने के बाद राज्य के मंत्री पद से उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा. उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह स्पष्ट कर दिया कि खाली हुआ मंत्री पद आजसू कोटे के किसी नेता से भरा जाएगा.

शुरुआती दौर में मंत्री के नाम पर सुदेश महतो की चर्चा थी. बाद में इस चर्चा पर विराम लग गया. उसके बाद बारी आई पार्टी के दो बचे विधायकों की. एक तरफ टुंडी विधानसभा से राजकिशोर महतो का नाम आया. वहीं, दूसरी तरफ जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस के ऑप्शन पर पार्टी ने विचार करना शुरू कर दिया. राजकिशोर महतो का 'पॉलीटिकल बैकग्राउंड' भी रहा है बावजूद इसके आजसू पार्टी में सहिस की स्वीकार्यता को लेकर ज्यादा हामी भरी गई.

ये भी पढ़ें- चौबीस साल से फरार अपराधी 24 घंटे में धराया, कोर्ट के फटकार के बाद पुलिस ने की कार्रवाई

बता दें कि सहिस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कथित तौर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे दुलाल भुइयां के खेमे में रहकर की. बाद में उन्हें 2009 में आजसू सुप्रीमो महतो ने मौका दिया और विधानसभा चुनाव में सहिस ने भाग्य आजमाया और उनकी किस्मत चमकी. 2009 में वे जुगसलाई से विधायक चुने गए उसके तुरंत बाद 2014 में भी पार्टी ने उन्हें मौका दिया और वह दोबारा विधायक बने. पार्टी सूत्रों की मानें तो सहीस का समर्पण पार्टी और महतो दोनों की तरफ है और उन्होंने इसे कई बार व्यक्त भी किया.
सहिस के मंत्री बनाने के पीछे है कई वजह

पार्टी की मानें तो सहिस के चौधरी की जगह बैठने से न केवल पार्टी सुप्रीमो कंफर्टेबल फील करेंगे बल्कि उनकी पकड़ मंत्रालय और सरकार में पहले जैसी बनी रहेगी. सूत्रों का यकीन करें तो सहिस के जिम्मे वही होगा जो चंद्रप्रकाश चौधरी डील किया करते थे. इतना ही नहीं विभाग के मंत्री के तौर पर सिर्फ सहिस नए चेहरे होंगे. जबकि पूरा सिस्टम पहले जैसा ही रहने की उम्मीद है. यहां तक की सहिस के आसपास उन्हीं लोगों के एक्टिव रहने की उम्मीद है जो पूर्व मंत्री के समय वहां मौजूद रहा करते थे. पार्टी सूत्रों कि माने तो इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव भी होने है यही वजह है कि पार्टी ने काफी कैलकुलेट कर यह कदम उठाया है.

Intro:रामचन्द्र सहिस की शपथ लेते हुए वीडियो कल गयी है। कृपया फीड रूम से ले लेंगे

रांची। प्रदेश की राजनीति में यह पहला मौका नहीं है जब आजसू पार्टी का कोई विधायक काम समय के लिए मंत्री बना हो। जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस दूसरे ऐसे विधायक होंगे जिन्हें पार्टी ने मंत्री पद के लिए रिकमेंड किया जिसके बाद प्रदेश की मौजूदा रघुवर दास सरकार में उन्हें लगभग 6 महीने के लिए शामिल किया गया है। पुराने आंकड़ों को देखें तो तत्कालीन अर्जुन मुंडा की सरकार में चंदनक्यारी से आजसू के विधायक रहे उमाकांत रजक को भी यह मौका मिला था। जब उन्हें श्रम विभाग का मंत्री बनाया गया था। पार्टी सूत्रों का यकीन करें तो सहीस को चंद्रप्रकाश चौधरी की जगह मंत्री बनाकर पार्टी ने सेफ 'पॉलीटिकल कार्ड' खेला है


Body:दरअसल चंद्र प्रकाश चौधरी के गिरिडीह से सांसद बन जाने के बाद राज्य के मंत्री पद से उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा। उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह स्पष्ट कर दिया कि खाली हुआ मंत्री पद आजसू कोटे के किसी नेता से भरा जाएगा। हालांकि शुरुआती दौर में मंत्री के नाम पर सुदेश महतो की चर्चा जोरों से चली, लेकिन बाद में इस चर्चा पर विराम लग गया। उसके बाद बात आई पार्टी के दो बचे विधायक को की, एक तरफ जहां टुंडी विधानसभा से राजकिशोर महतो का नाम आया वहीं दूसरी तरफ जुगसलाई से विधायक रामचंद्र सहिस के ऑप्शन पर पार्टी ने विचार करना शुरू कर दिया। हालांकि राजकिशोर महतो का 'पॉलीटिकल बैकग्राउंड' भी रहा है बावजूद इसके आजसू पार्टी में सहीस की स्वीकार्यता को लेकर ज्यादा हामी भरी गई। सहिस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कथित तौर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे दुलाल भुइयां के खेमे में रहकर की।
बाद में उन्हें 2009 में आजसू सुप्रीमो महतो ने मौका दिया और विधानसभा चुनाव में सहिस ने भाग्य आजमाया और उनकी किस्मत चमकी। 2009 में वह जुगसलाई से विधायक चुने गए उसके तुरंत बाद 2014 में भी पार्टी ने उन्हें मौका दिया और वह दोबारा विधायक बने। पार्टी सूत्रों की मानें तो सहीस का समर्पण पार्टी और महतो दोनों की तरफ है और उन्होंने इसे कई बार व्यक्त भी किया है।


Conclusion:और भी हैं वजह है सहिस के मंत्री बनने के पीछे
पार्टी की माने तो सहिस के चौधरी की जगह बैठने से न केवल पार्टी सुप्रीमो कंफर्टेबल फील करेंगे बल्कि उनकी पकड़ मंत्रालय और सरकार में पहले जैसी बनी रहेगी। सूत्रों का यकीन करें तो सहिस के जिम्मे वही होगा जो चंद्रप्रकाश चौधरी डील किया करते थे। इतना ही नहीं विभाग के मंत्री के तौर पर सिर्फ सहिस नए चेहरे होंगे। जबकि पूरा सिस्टम यथावत ही रहने की उम्मीद है। यहां तक की सहिस के आसपास उन्हीं लोगों के एक्टिव रहने की उम्मीद है जो पूर्व मंत्री के समय वहां मौजूद रहा करते थे। पार्टी सूत्रों की माने तो इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव भी हिने है यही वजह है कि पार्टी ने काफी कैलकुलेट कर यह कदम उठाया है।
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