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3 महीने के अंदर कृषि नीति की जाएगी घोषित, एक महीने में फसल बीमा योजना के लंबित भुगतान: कृषि मंत्री - बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी

झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की. इस बैठक में कई निर्णय लिए गए. इस बैठक के बाद मंत्री ने प्रेस से बाद की इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में 3 महीने के अंदर कृषि नीति घोषित की जाएगी. वहीं, किसान फसल बीमा योजना के लंबित भुगतान एक महीने के अंदर करने के निर्णय की जानकारी दी.

Agriculture policy will be announced in Jharkhand within 3 months
कृषि मंत्री
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Published : Feb 20, 2020, 8:57 PM IST

रांची: झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की. जिसके बाद कई अहम निर्णय लिए गए हैं. विभागीय समीक्षा के बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. जिसके तहत 3 महीने के अंदर कृषि नीति घोषित किए जाने और किसान फसल बीमा योजना के लंबित भुगतान को एक महीने के अंदर करने के निर्णय की जानकारी दी.

देखें पूरी खबर
उन्होंने कहा कि विभागीय समन्वय के तहत निर्णय लिया जा रहा है, ताकि राज्य के विकास में ईमानदार प्रयास किया जा सके. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत 147 करोड़ प्रीमियम के लंबित भुगतान को जो वर्षों से नहीं हुए थे, उसे 1 महीने के अंदर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैंप लगाकर शुरू किया जाएगा. जिससे किसानों का खोया हुआ विश्वास वापस आएगा, साथ ही कृषि के उत्पादन के बाद विक्रय के लिए एमएसपी तैयार किया जा रहा है, जिससे आने वाले महीनों में विभाग का प्रयास धरातल पर दिखेगा.

उन्होंने कहा कि पांचों प्रमंडल में 1-1 शीत गृह का भी निर्माण करने का प्रस्ताव है. साथ ही जैविक खेती को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक प्रमंडल में एक प्रखंड को पूर्ण रुप से जैविक प्रखंड के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है.

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जिसके बाद बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के हर एक जिले को किसी न किसी कृषि उत्पाद के लिए विशिष्ट पहचान दी जाएगी और इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खुद विभाग नजर रखेगा. साथ ही अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य आत्मनिर्भर होगा. वर्तमान में 66 लाख अंडे का प्रतिदिन उत्पादन होता है, जबकि 120 लाख अंडे की जरूरत है.

इस गैप को 4 वर्षों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही पशु एंबुलेंस हर जिले में शुरू की जाएगी. इसके साथ-साथ 90% अनुदान पर दुधारू गाय वितरण योजना में बीपीएल की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सकें.

इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में 2 एकड़ भूमि को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मॉडल नर्सरी के रूप में विकास किया जाएगा. साथ ही विभाग की रिक्तियों को भरने के लिए भी काम किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आचार संहिता के वजह से ट्रेजरी में जो पैसे की निकासी बंद थी, उसे शुरू कर दिया गया है और एक सप्ताह के बाद विभाग की ओर से जानकारी दी जाएगी कि कितने प्रतिशत बजट का उपयोग हो चुका है. साथ ही बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के डिग्निटी फिर से मेंटेन करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, राज्य उन्नत बीज की आवश्यकता के लिए आत्मनिर्भर हो इसके लिए काम किए जाएंगे.

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वहीं, गुमला में किसान आत्महत्या मामले को लेकर उन्होंने कहा कि आए एक रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है और इसे छिपाने के पक्ष में हम नहीं है, बल्कि चुनौतियों का सामना करने के लिए विभाग तैयार है.

उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट में किसान शब्द का जिक्र होने से पूरे कृषि विभाग की नजर उस परिवार पर है और डीसी को निर्देश दिया गया है कि एसडीओ की अध्यक्षता में कमेटी विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी. उसके बाद पीड़ित परिवार के बच्चों के पठन-पाठन के लिए कृषि राहत कोष से सहायता दी जाएगी.

कृषि आशीर्वाद योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम किया जा रहा है और गठबंधन के नेता इस पर जल्द निर्णय लेंगे और मुख्यमंत्री के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी.

वहीं, फिर किसान इजराइल जाएंगे या नहीं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के लिए कहीं भी जाने के लिए सरकार सक्षम है, लेकिन उस टेक्नोलॉजी का राज्य में कितना इस्तेमाल हुआ है, इसकी समीक्षा की जाएगी, जो लोग इजराइल से वापस आए हैं. उन्होंने टेक्नोलॉजी को कितना धरातल पर लाया है, इसे देखा जाएगा, उसके बाद निर्णय लिए जाएंगे.

रांची: झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने गुरुवार को कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की. जिसके बाद कई अहम निर्णय लिए गए हैं. विभागीय समीक्षा के बाद उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. जिसके तहत 3 महीने के अंदर कृषि नीति घोषित किए जाने और किसान फसल बीमा योजना के लंबित भुगतान को एक महीने के अंदर करने के निर्णय की जानकारी दी.

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उन्होंने कहा कि विभागीय समन्वय के तहत निर्णय लिया जा रहा है, ताकि राज्य के विकास में ईमानदार प्रयास किया जा सके. उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत 147 करोड़ प्रीमियम के लंबित भुगतान को जो वर्षों से नहीं हुए थे, उसे 1 महीने के अंदर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैंप लगाकर शुरू किया जाएगा. जिससे किसानों का खोया हुआ विश्वास वापस आएगा, साथ ही कृषि के उत्पादन के बाद विक्रय के लिए एमएसपी तैयार किया जा रहा है, जिससे आने वाले महीनों में विभाग का प्रयास धरातल पर दिखेगा.

उन्होंने कहा कि पांचों प्रमंडल में 1-1 शीत गृह का भी निर्माण करने का प्रस्ताव है. साथ ही जैविक खेती को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्येक प्रमंडल में एक प्रखंड को पूर्ण रुप से जैविक प्रखंड के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है.

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जिसके बाद बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य के हर एक जिले को किसी न किसी कृषि उत्पाद के लिए विशिष्ट पहचान दी जाएगी और इसकी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर खुद विभाग नजर रखेगा. साथ ही अंडा उत्पादन के क्षेत्र में राज्य आत्मनिर्भर होगा. वर्तमान में 66 लाख अंडे का प्रतिदिन उत्पादन होता है, जबकि 120 लाख अंडे की जरूरत है.

इस गैप को 4 वर्षों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही पशु एंबुलेंस हर जिले में शुरू की जाएगी. इसके साथ-साथ 90% अनुदान पर दुधारू गाय वितरण योजना में बीपीएल की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका उपयोग कर सकें.

इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में 2 एकड़ भूमि को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मॉडल नर्सरी के रूप में विकास किया जाएगा. साथ ही विभाग की रिक्तियों को भरने के लिए भी काम किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि आचार संहिता के वजह से ट्रेजरी में जो पैसे की निकासी बंद थी, उसे शुरू कर दिया गया है और एक सप्ताह के बाद विभाग की ओर से जानकारी दी जाएगी कि कितने प्रतिशत बजट का उपयोग हो चुका है. साथ ही बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के डिग्निटी फिर से मेंटेन करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, राज्य उन्नत बीज की आवश्यकता के लिए आत्मनिर्भर हो इसके लिए काम किए जाएंगे.

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वहीं, गुमला में किसान आत्महत्या मामले को लेकर उन्होंने कहा कि आए एक रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई है और इसे छिपाने के पक्ष में हम नहीं है, बल्कि चुनौतियों का सामना करने के लिए विभाग तैयार है.

उन्होंने कहा कि सुसाइड नोट में किसान शब्द का जिक्र होने से पूरे कृषि विभाग की नजर उस परिवार पर है और डीसी को निर्देश दिया गया है कि एसडीओ की अध्यक्षता में कमेटी विभाग को रिपोर्ट सौंपेगी. उसके बाद पीड़ित परिवार के बच्चों के पठन-पाठन के लिए कृषि राहत कोष से सहायता दी जाएगी.

कृषि आशीर्वाद योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर काम किया जा रहा है और गठबंधन के नेता इस पर जल्द निर्णय लेंगे और मुख्यमंत्री के माध्यम से इसकी जानकारी दी जाएगी.

वहीं, फिर किसान इजराइल जाएंगे या नहीं इस सवाल पर उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के लिए कहीं भी जाने के लिए सरकार सक्षम है, लेकिन उस टेक्नोलॉजी का राज्य में कितना इस्तेमाल हुआ है, इसकी समीक्षा की जाएगी, जो लोग इजराइल से वापस आए हैं. उन्होंने टेक्नोलॉजी को कितना धरातल पर लाया है, इसे देखा जाएगा, उसके बाद निर्णय लिए जाएंगे.

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