रांचीः झारखंड के कृषि विभाग ने जो कृषि कैलेंडर जारी किया था उसके अनुसार 25 मई को सभी प्रखंडों में बीज दिवस मनाया जाना है, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि है कि राज्य के किसानों को बीज और खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी और इसे लेकर कृषि विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आपदा की घड़ी में कृषि विभाग ने अवसर के रूप में बदलने की तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि 12 मई को गोड्डा में किसानों में बीच बीज वितरण किया गया. गोड्डा में 1000 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया है. वहीं, 300 क्विंटल धान के बीज साहिबगंज भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि रोहिणी नक्षत्र शुरू होने से पहले 4228 क्विंटल धान के बीज किसानों तक पहुंचाई जाएगी. इस वर्ष किसानों को समय से पहले बीज मुहैया कराई जाएगी.
ऑर्डर के अनुरूप जिलों को बीज की आपूर्ति
बादल पत्रलेख ने कहा कि जिलों की ओर से जितना ऑर्डर आता है, उसी को प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति की जाती है. उन्होंने कहा कि इस समय किसानों को सबसे ज्यादा बीज और खाद की जरूरत पड़ती है. महामारी को देखते हुए पिछले वर्ष खाद की कीमत जितनी रखी गई थी, उतनी कीमत में ही किसानों को खाद उपलब्ध कराया जाएगा.
कालाबाजारी रोकने को लेकर विभागीय सचिव को निर्देश
कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष किसानों को खाद ब्लैक मार्केट से खरीदना पड़ा था. इस वर्ष भी शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव और डायरेक्टर को निर्देश दिया, ताकि खाद की कालाबाजारी ना हो सके. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो टास्क फोर्स बनाकर कार्रवाई की जाएगी. बादल पत्रलेख ने कहा कि झारखंड के बने 20 साल हो गए, लेकिन पहली बार कृषि कैलेंडर बनाया गया है.