रांची: छठी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया है. लॉकडाउन के बीच हमेशा विवादों में घिरे छठी जेपीएससी परीक्षा को लेकर लगातार अभ्यर्थी आंदोलनरत भी रहे हैं. इस बार भी रिजल्ट जारी होने के बाद से ही अभ्यर्थियों ने फिर विरोध शुरू कर दिया है. आंदोलनकारी अभ्यर्थियों द्वारा लॉकडाउन से राहत मिलने के बाद जोरदार आंदोलन की बात कही गई है.
पहले भी हो चुका है अनशन
छठी जेपीएससी के मुख्य परीक्षा और तमाम गतिविधियों को लेकर जेपीएससी से जुड़े अभ्यर्थियों का एक गुट द्वारा लगातार आंदोलन किया जा रहा था. मुख्य परीक्षा के अलावे साक्षात्कार के दौरान भी यह अभ्यर्थी जेपीएससी गेट के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हुए थे. लेकिन अचानक कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्वव्यापी लॉकडाउन किया गया और इनके आमरण अनशन को बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी द्वारा जूस पिलाकर स्थगित किया गया था. उस दौरान बाबूलाल मरांडी ने आंदोलनकारी अभ्यर्थियों से कहा था कि इस मामले को जोर-शोर से उठाया जाएगा. किसी के साथ भी अन्याय नहीं होने दिया जाएगा. लेकिन मंगलवार की देर शाम जेपीएससी की ओर से छठी जेपीएससी का रिजल्ट घोषित कर दिया गया. जिसमें 326 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया. इसके बाद आंदोलनकारी अभ्यर्थियों ने एक बार फिर आंदोलन की बात कही है. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जोरदार तरीके से आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है .
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क्या है छात्रों का कहना
छात्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब विपक्ष में नेता थे. उन्होंने जेपीएससी के मुद्दे को लेकर आवाज सदन के पटल पर उठाया था लेकिन जैसे ही वह मुख्यमंत्री बने तमाम वादों को ताक पर रखते हुए जेपीएससी का रिजल्ट घोषित कर दिया गया. जिसके कारण आने वाले समय में झारखंड मुक्ति मोर्चा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ
अभ्यर्थी आंदोलन करेंगे.