रांची: डेंगू का प्रकोप राज्य में बढ़ रहा है. रांची, जमशेदपुर, साहिबगंज सहित अन्य जिलों में भी इसका संक्रमण दिखने लगा है. वहीं चिकनगुनिया के मामले भी राजधानी में तेजी से फैल रहे हैं. राज्य के सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डेंगू के मरीज भर्ती हैं. वहीं कई मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें पहले डेंगू हुआ और उसके ठीक होने के बाद मरीज में जॉन्डिस, टायफाइड या कोई अन्य बीमारी की पहचान हो गई. अबतक कुल 265 डेंगू संक्रमित और 55 चिकनगुनिया के संक्रमित मरीज मिले हैं.
रांची सदर अस्पताल में बेटी की इलाज करा रही है सबीना परवीन कहती हैं कि उनकी बेटी को पहले सिर में दर्द और बुखार के बाद डेंगू का पता चला. जब डेंगू ठीक हुआ तो टायफइड हो गया है.
डेंगू का कुप्रभाव अन्य अंगों पर भी: सदर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक और इंटरनल मेडिसीन के चिकित्सक डॉ एके झा कहते हैं कि डेंगू में इंटरनल ब्लीडिंग की भी संभावना बनी रहती है. इस वजह से इसका असर शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है. ऐसे में इनसे बचाव ही इसका सर्वोत्तम इलाज है. मच्छरों के काटने से बचाव के सारे उपाय किये जाने चाहिए. इसके अलावा डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के पनपने पर काबू पाने के लिए जरूरी है कि घरों में लंबे दिनों तक पानी को स्टोर करके न रखें. छतों पर बिना ढंकी पानी की टंकी न हो, कोई टायर या टूटा बर्तन, घड़ा न हो जिसमें पानी जमे. उन्होंने कहा कि एडीज मच्छर का लार्वा साफ पानी में भी पनपता है, इसलिए इसका ध्यान जरूर रखना चाहिए कि घर में कूलर का पानी भी ज्यादा दिन का नहीं हो.
रिम्स में डेंगू फैलने का खतरा: स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता कहते हैं कि राज्य में जब कोरोना पर काबू पा लिया तो यह डेंगू क्या चीज है. वह कई बार कह चुके हैं कि सभी विभागों को डेंगू की रोकथाम के लिए सचेत किया गया है. परंतु अन्य विभागों की बात छोड़िए, राजधानी रांची में ही सदर अस्पताल और रिम्स जैसे बड़े संस्थान में डेंगू मच्छर के लार्वा पनपने का पर्याप्त साधन मौजूद है. सदर अस्पताल परिसर में पुराने लाल बिल्डिंग के छत पर ही कई पानी के टंकी बिना ढक्कन के रखे हुए हैं. जिसमें जमा पानी में एडीज मच्छर का लार्वा पनपने का खतरा बना हुआ है. यही हाल सदर अस्पताल और रिम्स के बेसमेंट में जमा पानी का भी है.
डॉक्टर एके झा ने क्या कहा: डॉक्टर एके झा ने कहा कि डेंगू के मरीज के ठीक हो जाने के बाद भी उसके खानपान पर ध्यान देना जरूरी है. वहीं दोबारा संक्रमण नहीं हो इसके लिए सचेत रहने की हिदायत दी. डॉक्टर एके झा कहते हैं कि एक बार डेंगू हो जाने के बाद शरीर में कुछ एंटीबॉडी बनता है परंतु यह भी सच है कि दोबारा भी डेंगू का संक्रमण हो सकता है. ऐसे में मच्छरों से बचाव बेहद जरूरी है. डॉक्टर एके झा कहते हैं कि डेंगू से ठीक हुए मरीज को सुपाच्य एवं तरल पदार्थ अधिक खाना चाहिए. कहा कि उसे कुछ दिनों तक गरिष्ठ भोजन से परहेज करना चाहिए.
राज्य में किस दिन मिले कितने डेंगू के मरीज
- 19 सितम्बर- 46
- 20सितम्बर- 43
- 21सितम्बर- आंकड़े जारी नहीं
- 22सितम्बर- 30
- 23 सितम्बर- 67
- 24सितम्बर- 00
- 25सितम्बर- 40
- 26 सितम्बर- 39