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राज्यभर के अधिवक्ताओं की एकदिवसीय कलमबद्ध हड़ताल, न्यायिक मामलों की सुनवाई रही बाधित - दोषी पर कार्रवाई की मांग

पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार को लेकर झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता मंगलवार को एक दिन के कलमबद्ध स्ट्राइक पर रहे. अधिवक्ताओं के हड़ताल पर रहने के कारण राज्य में 50 हजार से अधिक मामले पर सुनवाई नहीं हो पायी.

Advocates strike, अधिवक्ताओं की हड़ताल
सिविल कोर्ट, रांची
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Published : Feb 18, 2020, 6:03 PM IST

रांची: पलामू के व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश पंकज कुमार की तरफ से पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार को लेकर झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता मंगलवार को एक दिन के कलमबद्ध स्ट्राइक पर रहे. अधिवक्ता के हड़ताल पर रहने के कारण राज्य में 50 हजार से अधिक मामले पर सुनवाई नहीं हो पा रही है. दरअसल अधिवक्ता के साथ मारपीट की विरोध में सभी अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा है. जिस वजह से हजारों मामले पर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पा रही है.

देखें पूरी खबर

न्यायालय के कार्यों से अलग अधिवक्ता

सोमवार को राज्य विधिक परिषद के कार्यकारिणी समिति की आपातकालीन बैठक संध्या 4 बजे परिषद के कार्यालय में हुई थी. जिसमें पलामू व्यवहार न्यायालय के जिला न्यायाधीश पंकज कुमार के द्वारा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता से दुर्व्यवहार किये जाने की घटना को गंभीरता से लिया है. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 18 फरवरी को एक दिवसीय संपूर्ण झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता अपने को न्यायालय के कार्यों से अलग रखेंगे.

ये भी पढ़ें- नई सरकार के आते ही ठप हुई नगर निगम की योजनाएं, जनता के साथ निगम हुआ त्रस्त: आशा लकड़ा

दोषी पर कार्रवाई की मांग

इस घटना की झारखण्ड उच्च न्यायालय एडवोकेट्स एसोसिएशन के धीरज कुमार ने कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि भविष्य में इस रथ तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय को पहल करनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह की घटना घटी है वो काफी निंदनीय है इसी घटना के विरोध में बार काउंसिल ने स्ट्राइक किया है. जिसका समर्थन करते हुए रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्यो से खुद को दूर रखे हैं.

रांची: पलामू के व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश पंकज कुमार की तरफ से पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार को लेकर झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता मंगलवार को एक दिन के कलमबद्ध स्ट्राइक पर रहे. अधिवक्ता के हड़ताल पर रहने के कारण राज्य में 50 हजार से अधिक मामले पर सुनवाई नहीं हो पा रही है. दरअसल अधिवक्ता के साथ मारपीट की विरोध में सभी अधिवक्ताओं ने खुद को न्यायिक कार्य से अलग रखा है. जिस वजह से हजारों मामले पर कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पा रही है.

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न्यायालय के कार्यों से अलग अधिवक्ता

सोमवार को राज्य विधिक परिषद के कार्यकारिणी समिति की आपातकालीन बैठक संध्या 4 बजे परिषद के कार्यालय में हुई थी. जिसमें पलामू व्यवहार न्यायालय के जिला न्यायाधीश पंकज कुमार के द्वारा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और वरीय अधिवक्ता से दुर्व्यवहार किये जाने की घटना को गंभीरता से लिया है. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि 18 फरवरी को एक दिवसीय संपूर्ण झारखंड के सभी न्यायालय के अधिवक्ता अपने को न्यायालय के कार्यों से अलग रखेंगे.

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दोषी पर कार्रवाई की मांग

इस घटना की झारखण्ड उच्च न्यायालय एडवोकेट्स एसोसिएशन के धीरज कुमार ने कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि भविष्य में इस रथ तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए माननीय मुख्य न्यायाधीश महोदय को पहल करनी चाहिए और दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शंभू अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह की घटना घटी है वो काफी निंदनीय है इसी घटना के विरोध में बार काउंसिल ने स्ट्राइक किया है. जिसका समर्थन करते हुए रांची जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता भी न्यायिक कार्यो से खुद को दूर रखे हैं.

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