रांची: झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने प्रधान सचिव के मार्फत राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखकर सूबे के महाधिवक्ता राजीव रंजन के खिलाफ मुकदमा दायर करने की अनुमति मांगी है. 6 फरवरी को जारी पत्र में अधिवक्ता राजीव कुमार ने लिखा है कि महाधिवक्ता राजीव रंजन ने संवैधानिक पद पर आने के बाद अभी तक अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा संबंधित अधिकारी और विभाग को नहीं दिया है. ऐसा करना झारखंड एंड बिहार करप्ट प्रेक्टिसेस एक्ट, 1984 के प्रावधानों का उल्लंघन है. उन्होंने एक्ट के प्रावधानों की कॉपी भी अटैच की है.
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उन्होंने कहा है कि अगर किसी दूसरे विधि अधिकारी की बात होती तो मुकदमा या एफआईआर दर्ज कराने के लिए आपकी अनुमति की जरूरत नहीं होती. अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपने पत्र में केस नंबर 3/2021 का जिक्र करते हुए कहा है कि महाधिवक्ता के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में अवमानना का भी एक मामला लंबित है. उस मामले में हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने राजीव रंजन के खिलाफ क्रिमिनल कंटेंप्ट चलाने का आदेश दिया था.
अधिवक्ता राजीव कुमार ने इस मामले में जल्द से जल्द अनुमति देने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि राज्यपाल से आदेश मिलने पर पूरे राज्य में एक अच्छा संदेश जाएगा. आपको बता दें कि पिछले साल 31 जुलाई को अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता में हैरिसन स्ट्रीट स्थित बिजनेस कॉम्पलेक्स में वहां की पुलिस ने 50 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था. उनपर पीआईएल मैनेज कर कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल को राहत पहुंचाने के बदले रिश्वत लेने का आरोप था.
मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में पिछले साल नवंबर माह में झारखंड हाई कोर्ट से जमानत मिली थी. इससे पहले 1 अक्टूबर को ईडी की विशेष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया था. बाद में इसी मामले में ईडी ने कारोबारी अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया था. ईडी ने कोर्ट को बताया था कि राजीव कुमार को एक साजिश के तहत फंसाया गया है.