रांचीः झारखंड में एक तरफ इन दिनों बारिश और तेज हवा चलने से लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिली है, वहीं मौसम का प्रतिकूल असर आम और लीची की बागवानी पर पड़ा है. इस संबंध में उद्यान निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ अस्मिता ने कहा कि तेज हवा की वजह से जहां आम की फसल में फ्रूट ड्रॉपिंग काफी मात्रा में हुई है, वहीं लीची की फसल में क्रैकिंग की समस्या उत्पन्न हो गई है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दिनों से मेघगर्जन, तेज हवा और बारिश की वजह से आम और लीची की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है. इस वजह से बागवानी करने वाले किसानों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
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आम के बंपर उत्पादन की थी उम्मीद: उद्यान निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ अस्मिता ने बताया कि पिछले वर्ष मार्च में हुई बारिश की वजह से फ्रूट सेटिंग ठीक से नहीं हुई थी और आम का उत्पादन 30% तक कम हुआ था. वहीं इस वर्ष मार्च महीने में बारिश नहीं होने से अच्छी फ्रूट सेटिंग हुई थी, लेकिन तेज हवा के साथ बारिश और कहीं कहीं ओलावृष्टि से आम को नुकसान हुआ है. उन्होंने बताया कि अगात किस्म के आम के काफी फल तेज हवा में झड़ गए. वहीं लेट से तैयार होने वाली आम की प्रजातियों में मटर के दाने जैसे फल झड़ गए हैं.
झारखंड में 55 हजार हेक्टेयर में होती है आम की बागवानीः सरकारी आंकड़े के अनुसार झारखंड में लगभग 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आम की बागवानी की जाती है. राज्य में लगभग चार लाख, आठ हजार टन आम का उत्पादन होता है. वहीं करीब चार हजार हेक्टेयर में लीची की बागवानी की जाती है. राज्य में लीची का करीब 65000 टन उत्पादन होता है.
लीची के बागान में पानी नहीं ठहरने दें, पर नमी बनाए रखें किसान: उद्यान निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ अस्मिता ने कहा कि अभी तक आम और लीची की जो फसल तेज हवा और बारिश की वजह से झड़ गए हैं उसका तो नुकसान हो चुका है, लेकिन किसान अगर अपने आम और लीची के बगान में पानी नहीं ठहरने दें, लेकिन नमी बनाए रखें तो जो फल पेड़ पर लगे हैं वो काफी रसीले और मीठे होंगे.
30 अप्रैल तक तेज हवा के साथ मेघ गर्जन और बारिश का है पूर्वानुमान: मौसम केंद्र रांची ने 30 अप्रैल तक के लिए राज्य के अलग-अलग जिले में मेघ गर्जन, तेज हवा के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है. ऐसे में जहां लोगों को तपती गर्मी से राहत मिलेगी, वहीं आम और लीची की फसल को और नुकसान पहुंच सकता है.