ETV Bharat / state

गांजा प्लांट पर निर्दोष को फंसाने के मामले में ADG ने की पूछताछ, मुख्य षड्यंत्रकारियों से मिले अहम सुराग

author img

By

Published : Jun 13, 2020, 12:36 PM IST

Updated : Jun 13, 2020, 1:46 PM IST

धनबाद के निरसा में गांजा प्लांट पर सीसीएल कर्मी चिरंजित घोष को फंसाने के गया था. इस मामले में सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा ने खुद धनबाद जाकर रिमांड पर लिए गए तीनों आरोपी से पूछताछ की. सीआईडी की टीम ने गांजा प्लांट मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में तीन लोगों को पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया था.

गांजा प्लांट पर निर्दोष को फंसाने के मामले में ADG ने की पुछताछ
ADG inquired in case of trapping ccl worker on Ganja plant

रांची: धनबाद के निरसा में गांजा प्लांट पर सीसीएल कर्मी चिरंजित घोष को फंसाया गया था. इस मामले में सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा ने खुद धनबाद जाकर रिमांड पर लिए गए तीनों आरोपी से पूछताछ की. सीआईडी की टीम ने गांजा प्लांट मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में धनबाद के रहने वाले रवि ठाकुर, नीरज कुमार तिवारी और सुनील चौधरी को पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया था.

एडीजी ने की पूछताछ

शुक्रवार को सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा गांजा प्लांट पर सीसीएल कर्मी को फंसाने के मामले की जांच करने खुद धनबाद पहुंच गए. धनबाद पहुंचने पर रिमांड पर लिए गए तीनों षड्यंत्रकारी रवि ठाकुर, नीरज कुमार तिवारी और सुनील चौधरी से एडीजी ने खुद पूछताछ की. सीआईडी की टीम ने गांजा प्लांट मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी बताते हुए तीनों आरोपियों को 5 जून को जेल भेजा था, जिसके बाद सीआईडी के अनुसंधानक डीएसपी अभिषेक कुमार ने तीनों आरोपियों को 2 दिनों के लिए रिमांड पर लिया था. मिली जानकारी के अनुसार एडीजी ने तीनों आरोपियों से काफी देर तक पूछताछ की.

ये भी पढ़ें-पलामूः मास्क न लगाने पर पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा, एसपी ने किया निलंबित

क्या था मामला

25 अगस्त 2019 को धनबाद के निर्णय पुलिस ने एक गाड़ी से 40 किलो गांजा बरामद किया था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीसीएल के कर्मचारी चिरंजित घोष को पूरे मामले का किंगपिन बताते हुए जेल भेज दिया था. इस मामले के बाद चिरंजीत की पत्नी ने अपने पति को फंसाने का आरोप लगाते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय में आकर अधिकारियों से मुलाकात की थी और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की थी.

सीआईडी जांच में मिले पुख्ता सबूत

चिरंजित घोष की पत्नी के गुहार के बाद इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई गई, जिसके बाद 2 अक्टूबर को चिरंजीत को गलत तरीके से जेल भेजने के मामले में रिहा करवाया गया था. बाद में इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी सीआईडी को सौंप दी गई थी. सीआईडी की जांच में यह बात सामने आई थी कि पुलिस के लिए मुखबिर का काम करने वाले रवि ठाकुर, नीरज तिवारी और सुनील चौधरी ने ही फर्जी तरीके से पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक युवक राजीव राय के कहने पर निरसा से गांजा पकड़ा था.

सीआईडी ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति के साथ-साथ रवि समेत तीनों आरोपियों के सीडीआर की जांच की. सीडीआर में भी बातचीत के पुख्ता साक्ष्य मिले. तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी.

रांची: धनबाद के निरसा में गांजा प्लांट पर सीसीएल कर्मी चिरंजित घोष को फंसाया गया था. इस मामले में सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा ने खुद धनबाद जाकर रिमांड पर लिए गए तीनों आरोपी से पूछताछ की. सीआईडी की टीम ने गांजा प्लांट मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी के रूप में धनबाद के रहने वाले रवि ठाकुर, नीरज कुमार तिवारी और सुनील चौधरी को पिछले हफ्ते ही गिरफ्तार किया था.

एडीजी ने की पूछताछ

शुक्रवार को सीआईडी एडीजी अनिल पल्टा गांजा प्लांट पर सीसीएल कर्मी को फंसाने के मामले की जांच करने खुद धनबाद पहुंच गए. धनबाद पहुंचने पर रिमांड पर लिए गए तीनों षड्यंत्रकारी रवि ठाकुर, नीरज कुमार तिवारी और सुनील चौधरी से एडीजी ने खुद पूछताछ की. सीआईडी की टीम ने गांजा प्लांट मामले में मुख्य षड्यंत्रकारी बताते हुए तीनों आरोपियों को 5 जून को जेल भेजा था, जिसके बाद सीआईडी के अनुसंधानक डीएसपी अभिषेक कुमार ने तीनों आरोपियों को 2 दिनों के लिए रिमांड पर लिया था. मिली जानकारी के अनुसार एडीजी ने तीनों आरोपियों से काफी देर तक पूछताछ की.

ये भी पढ़ें-पलामूः मास्क न लगाने पर पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा, एसपी ने किया निलंबित

क्या था मामला

25 अगस्त 2019 को धनबाद के निर्णय पुलिस ने एक गाड़ी से 40 किलो गांजा बरामद किया था. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीसीएल के कर्मचारी चिरंजित घोष को पूरे मामले का किंगपिन बताते हुए जेल भेज दिया था. इस मामले के बाद चिरंजीत की पत्नी ने अपने पति को फंसाने का आरोप लगाते हुए झारखंड पुलिस मुख्यालय में आकर अधिकारियों से मुलाकात की थी और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाने की मांग की थी.

सीआईडी जांच में मिले पुख्ता सबूत

चिरंजित घोष की पत्नी के गुहार के बाद इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई गई, जिसके बाद 2 अक्टूबर को चिरंजीत को गलत तरीके से जेल भेजने के मामले में रिहा करवाया गया था. बाद में इस पूरे मामले की जांच की जिम्मेवारी सीआईडी को सौंप दी गई थी. सीआईडी की जांच में यह बात सामने आई थी कि पुलिस के लिए मुखबिर का काम करने वाले रवि ठाकुर, नीरज तिवारी और सुनील चौधरी ने ही फर्जी तरीके से पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक युवक राजीव राय के कहने पर निरसा से गांजा पकड़ा था.

सीआईडी ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति के साथ-साथ रवि समेत तीनों आरोपियों के सीडीआर की जांच की. सीडीआर में भी बातचीत के पुख्ता साक्ष्य मिले. तकनीकी साक्ष्य के आधार पर तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी.

Last Updated : Jun 13, 2020, 1:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.