रांची: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट की वजह से किसान पहले से ही परेशान हैं. इसी बीच खेती के मौसम में खाद की ऊंची कीमत और कीटनाशकों की कमी ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दीं हैं. बाजारों में बिकने वाला यूरिया किसानों को 84 से 94 रुपये तक ज्यादा भुगतान कर खरीदना पड़ रहा है. यूरिया की बोरी (45 किलो) की एमआरपी 266.50 रुपये है, लेकिन किसानों से प्रति बोरी 300 से 360 रुपये लिए जा रहे हैं. इसकी जानकारी पर कृषि मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने खाद की कालाबाजारी को लेकर कार्रवाई का किसानों को आश्वासन दिया है.
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कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि जिस तरीके से खाद की कालाबाजारी करने के मामले सामने आए हैं, इसको लेकर भी विभाग काफी गंभीर है, कालाबाजारी को रोकने के लिए विभागीय सचिव को निर्देश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि उपायुक्त को टास्क फोर्स गठित कर कालाबाजारी पर शीघ्र रोक लगाने को कहा है. उन्होंने कहा कि 1 से 2 दिनों में कालाबाजारी के मामले को पूरी तरह नियंत्रित में कर लिया जाएगा, किसानों को समय पर खाद बीज मिल सके इसके लिए विभाग हमेशा तत्पर है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी किसान को इस तरह की कोई भी दिक्कत आती है तो सीधे वह शिकायत कर सकते हैं, मामले पर शीघ्र करवाई की जाएगी. काला बाजारी कभी भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया उन्हें कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी.