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B.Tech की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या के आरोपी को फांसी की सजा, पिता के छलके आंसू

बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या मामले में सीबीआई के स्पेशल जज एके मिश्रा की अदालत ने आरोपी राहुल राज को फांसी की सजा सुनाई है. साक्ष्य छुपाने के लिए दरिंदे ने पीड़िता को ही जला दिया था.

बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या
Accused of rape and ruthless murder
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Published : Dec 21, 2019, 8:06 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 7:49 AM IST

रांची: 15 दिसंबर 2016 को हुए बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या मामले में सीबीआई के स्पेशल जज एके मिश्रा की अदालत ने आरोपी राहुल राज को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, आरोपी के डिफेंस लॉयर का कहना है कि कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं और वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

देखें पूरी खबर

बेटी के दर्द और चीख का एहसास
बूढ़े आंखों से निकलते आंसू और इस बुजुर्ग के दर्द का एहसास शायद अल्फाजों में बयान कर पाना मुमकिन नहीं है. भले ही इस बुजुर्ग की बेटी के गुनाहगार को मौत की सजा मिली हो, लेकिन इन्होंने सिर्फ अपनी बेटी ही नहीं, बल्कि अपने सपनों को खोया है. मृतका के पिता की लड़खड़ाती जुबान यह कह रही है कि दोषी को दी गई सजा से वह खुश तो हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं. इनकी मानें तो दोषी को बीच चौराहे पर फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि बेटी के दर्द और चीख का इस दरिंदे को एहसास हो सके और कल किसी के घर का आंगन सुना ना हो पाए और ऐसी सोंच रखने वालों की आत्मा कांप उठे.

ये भी पढ़ें- महिला की पत्थर से कूचकर हत्या, दुष्कर्म की आशंका

8 महीने की जांच के बाद भी नहीं मिला कोई सुराग
15 दिसंबर 2016 की वह काली रात जब बीटेक की छात्रा की इज्जत को तार-तार किया जा रहा था. पीड़िता चीखती रही, लेकिन वहशी दरिंदे को उसपर रहम नहीं आया और जब उसकी हवस मिट गई तो साक्ष्य छुपाने के लिए दरिंदे ने पीड़िता को ही जला दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की, लेकिन लगभग 8 महीने की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली रह गए. उसके बाद राज्य सरकार ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी.

स्पीडी ट्रायल के जरिये गवाही दर्ज
सीबीआई की तफ्तीश आगे बढ़ी और डीएनए के जरिए मिले सुराग से कड़ियां जुड़ती चली गयी और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आते चले गए. रांची में दुष्कर्म और निर्मम हत्या करने वाला आरोपी आपराधिक छवि का था और एक ऐसे मामले पर ही पैरोल पर जेल से बाहर था. सीबीआई के मुताबिक केस मिलने के बाद टीम ने 16 कार्य दिवस में जांच कर सबूत इकठ्ठा कर लिया और फिर स्पीडी ट्रायल के जरिये 30 गवाहों की गवाही दर्ज की गई. सीबीआई की ओर से पेश किए गए गवाह और सबूतों को मद्देनजर अदालत ने धारा 302, 201, 376 और 449 के तहत शुक्रवार को उसे दोषी ठहराया था.

ये भी पढ़ें-झारखंड विस चुनाव : अंतिम चरण में 16 सीटों के लिए 70.87प्रतिशत मतदान मतदान

कोर्ट के फैसले से नहीं है संतुष्ट
शनिवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई अधिवक्ता ने अदालत से दोषी को अधिकतम सजा देने की मांग की थी, ताकि समाज में एक अच्छा मैसेज जा सके. कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनते हुए दोषी राहुल राज को मौत की सजा सुनाई है. वहीं, मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोषी राहुल राज ने हर दोषी की तरह खुद को निर्दोष बताया है. उसके डिफेंस लॉयर का कहना है कि कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं और वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

मौत की सजा
रांची के सीबीआई कोर्ट से दोषी राहुल राज को सुनाई गई मौत की सजा समाज में ऐसे प्रवृत्ति के लोगों के लिए एक मैसेज देने का काम करेगा, लेकिन भले ही रांची की निर्भया को इंसाफ मिला हो, लेकिन उसके बूढ़े पिता के बेवस आंखों से निकलते आंसू यह बताने के लिए काफी है कि उसकी बेटी अब कभी लौटकर नहीं आने वाली है.

रांची: 15 दिसंबर 2016 को हुए बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या मामले में सीबीआई के स्पेशल जज एके मिश्रा की अदालत ने आरोपी राहुल राज को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, आरोपी के डिफेंस लॉयर का कहना है कि कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं और वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

देखें पूरी खबर

बेटी के दर्द और चीख का एहसास
बूढ़े आंखों से निकलते आंसू और इस बुजुर्ग के दर्द का एहसास शायद अल्फाजों में बयान कर पाना मुमकिन नहीं है. भले ही इस बुजुर्ग की बेटी के गुनाहगार को मौत की सजा मिली हो, लेकिन इन्होंने सिर्फ अपनी बेटी ही नहीं, बल्कि अपने सपनों को खोया है. मृतका के पिता की लड़खड़ाती जुबान यह कह रही है कि दोषी को दी गई सजा से वह खुश तो हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं. इनकी मानें तो दोषी को बीच चौराहे पर फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि बेटी के दर्द और चीख का इस दरिंदे को एहसास हो सके और कल किसी के घर का आंगन सुना ना हो पाए और ऐसी सोंच रखने वालों की आत्मा कांप उठे.

ये भी पढ़ें- महिला की पत्थर से कूचकर हत्या, दुष्कर्म की आशंका

8 महीने की जांच के बाद भी नहीं मिला कोई सुराग
15 दिसंबर 2016 की वह काली रात जब बीटेक की छात्रा की इज्जत को तार-तार किया जा रहा था. पीड़िता चीखती रही, लेकिन वहशी दरिंदे को उसपर रहम नहीं आया और जब उसकी हवस मिट गई तो साक्ष्य छुपाने के लिए दरिंदे ने पीड़िता को ही जला दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की, लेकिन लगभग 8 महीने की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली रह गए. उसके बाद राज्य सरकार ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी.

स्पीडी ट्रायल के जरिये गवाही दर्ज
सीबीआई की तफ्तीश आगे बढ़ी और डीएनए के जरिए मिले सुराग से कड़ियां जुड़ती चली गयी और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आते चले गए. रांची में दुष्कर्म और निर्मम हत्या करने वाला आरोपी आपराधिक छवि का था और एक ऐसे मामले पर ही पैरोल पर जेल से बाहर था. सीबीआई के मुताबिक केस मिलने के बाद टीम ने 16 कार्य दिवस में जांच कर सबूत इकठ्ठा कर लिया और फिर स्पीडी ट्रायल के जरिये 30 गवाहों की गवाही दर्ज की गई. सीबीआई की ओर से पेश किए गए गवाह और सबूतों को मद्देनजर अदालत ने धारा 302, 201, 376 और 449 के तहत शुक्रवार को उसे दोषी ठहराया था.

ये भी पढ़ें-झारखंड विस चुनाव : अंतिम चरण में 16 सीटों के लिए 70.87प्रतिशत मतदान मतदान

कोर्ट के फैसले से नहीं है संतुष्ट
शनिवार को सुनवाई के दौरान सीबीआई अधिवक्ता ने अदालत से दोषी को अधिकतम सजा देने की मांग की थी, ताकि समाज में एक अच्छा मैसेज जा सके. कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनते हुए दोषी राहुल राज को मौत की सजा सुनाई है. वहीं, मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोषी राहुल राज ने हर दोषी की तरह खुद को निर्दोष बताया है. उसके डिफेंस लॉयर का कहना है कि कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट नहीं हैं और वे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

मौत की सजा
रांची के सीबीआई कोर्ट से दोषी राहुल राज को सुनाई गई मौत की सजा समाज में ऐसे प्रवृत्ति के लोगों के लिए एक मैसेज देने का काम करेगा, लेकिन भले ही रांची की निर्भया को इंसाफ मिला हो, लेकिन उसके बूढ़े पिता के बेवस आंखों से निकलते आंसू यह बताने के लिए काफी है कि उसकी बेटी अब कभी लौटकर नहीं आने वाली है.

Intro:अदालत से फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद जानिए बेबस बाप ने क्या कहा,क्या अधिवक्ता की दलीलें....

रांची

15 दिसंबर 2016 को हुए बीटेक की छात्रा के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या मामले में सीबीआई के स्पेशल जज ए के मिश्रा की अदालत ने आरोपी राहुल राज को फांसी की सजा सुनाई

बाइट.....राकेश सिन्हा, विशेष लोक अभियोजक

बूढ़े आंखों से निकलते आंसू और इस बुज़ुर्ग के दर्द का एहसास शायद अल्फाज़ो में बयान कर पाना मुमकिन नही।क्योंकि भले की इस बुज़ुर्ग की बेटी के गुनाहगार को सज़ा ए मौत मिली हो लेकिन इन्होंने सिर्फ अपनी बेटी नही बल्कि अपने सपनों को खोया है।इसीलिए मृतका के पिता की लड़खड़ाती ज़ुबान यह कह रही है कि दोषी को दी गई सजा से वह खुश तो हैं लेकिन संतुष्ट नहीं ।इनकी मानें तो दोषी को बीच चौराहे पर फांसी की सजा दी जानी चाहिए ताकि बेटी के दर्द और चीख का इस दरिंदे को एहसास हो सके।और कल किसी के घर का आंगन सुना ना हो जाए और ऐसी सोंच रखने वाले कि आत्मा भी कांप उठे।

बाइट.1....रांची के निर्भया के पिता,चेहरा ब्लर कर ले


15 दिसम्बर 2016 ,यह वह काली रात थी जब बीटेक की छात्रा की इज़्ज़त को तार तार किया जा रहा था।बूटी मोड़ स्थित किराये के मकान में पीड़िता चीखती रही लेकिन वैहशी दरिंदे को रहम नही आया।और जब वैहशी की हवस मिट गई तो फिर साक्ष्य छुपाने के लिए दरिंदे ने पीड़िता को ही जला दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने अपनी तफ्तीश शुरू की लेकिन लगभग 8 महीने की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली रह गए। जिसके बाद राज्य सरकार ने जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी ।सीबीआई की तफ्तीश आगे बढ़ी और डीएनए के ज़रिए मिले सुराग से कड़ियाँ जुड़ती चली गयी। और कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आते गए ।रांची में दुष्कर्म और निर्मम हत्या करने वाला आरोपी आपराधिक छवि का था और एक ऐसे मामले पर ही परोल पर जेल से बाहर था।सीबीआई के मुताबिक केस मिलने के बाद टीम ने 16 कार्य दिवस में जांच कर सबूत इकठ्ठा कर लिया ।और फिर स्पीडी ट्रायल के ज़रिये 30 गवाहों की गवाही दर्ज की गई।

बाइट.2...नागेंद्र कुमार,सीबीआई एसपी


सीबीआई की तरफ से पेश किए गए गवाह और सबूतों को मद्देनजर अदालत ने धारा 302, 201, 376 और 449 के तहत शुक्रवार को दोषी ठहराया था। आज सुनवाई के दौरान सीबीआई अधिवक्ता ने अदालत से दोषी को अधिकतम सजा देने की मांग की थी ताकि समाज में एक मैसेज जा सके।जिसपर कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनते हुए दोषी राहुल राज को मौत की सज़ा सुनाई।

वही मौत की सजा सुनाए जाने के बाद दोषी राहुल राज ने हर दोषी की तरह खुद को निर्दोष बताया है वहीं डिफेंस लॉयर का कहना है कि कोर्ट के फैसले से वह संतुष्ट नहीं है और हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

बाइट..3.राहुल राज,दोषी

बाइट..4..विनोद सिंह,अधिवक्ता,बचाव पक्ष

रांची के सीबीआई कोर्ट से दोषी राहुल राज को सुनाई गई मौत की सजा समाज में ऐसे प्रवृत्ति के लोगों के लिए एक मैसेज देने का काम करेगा।लेकिन भले ही रांची की निर्भया को इंसाफ मिला हो लेकिन उसके बूढ़े पिता के बेबस आंखों से निकलते आंसू यह बताने के लिए काफी है कि उसकी बेटी अब कभी लौटकर नहीं आने वालीBody:NilConclusion:
Last Updated : Dec 22, 2019, 7:49 AM IST
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