रांची: धोखे से निकाह करने और दुष्कर्म के आरोपित फराज अंसारी उर्फ शम्स को दोषी ठहराते हुए रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त एमपी मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही, अलग-अलग धारा में 45 हजार रुपए की जुर्माना भी लगाया है.
रांची सिविल कोर्ट के अपर न्यायायुक्त एमपी मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को दुष्कर्म के आरोपी को अलग-अलग धारा में 45 हजार रुपए की जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना राशि नहीं देने पर 8 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी, सजा सुनाने के बाद आरोपित को होटवार जेल भेज दिया गया. घटना बरियातू थाना कांड संख्या 65/11 से जुड़ा है. 4 मार्च 2011 को पीड़िता के पिता की ओर से अपहरण और दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी.
आरोपित फराज अंसारी जोड़ा तालाब के समीप सत्तार कॉलोनी में मोबाइल दुकान चलाता था. पीड़िता बराबर मोबाइल रिचार्ज कराने आती थी. आरोप है कि एक दिन जब पीड़िता मोबाइल रिचार्ज कराने दुकान गई तो सर्वर डाउन होने के बहाने फराज ने उसे रुकने बोला, फिर नशायुक्त पानी पीलाकर उसे बेहोश कर दिया. जब पीड़िता को होश आया तो खुद को कोलाकाता में पाई गई, जहां युवती के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया गया. यही नहीं आरोपित पीड़िता को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया ले जाकर धोखे से निकाह भी कर लिया था. अदालत ने पीड़िता के 164 का बयान, पिता, डॉक्टर और जांच अधिकारी की गवाही के आधार पर सजा सुनाई.