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मुहर्रम का जुलूस मातम में तब्दील, क्यों नहीं काटी गई थी बिजली, चार नौजवानों की मौत के लिए जिम्मेदार कौन? - बोकारो हादसा

बोकारो में मुहर्रम जुलूस के दौरान हुए हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई झुलस गए. घायलों का इलाज चल रहा है. मृतक के परिजन और घायलों को मुआवजा देने की घोषणा भी कर दी गई, लेकिन इस हादसे ने कई सवाल खड़े किए हैं.

Four killed in Muharram Procession Incident
Four killed in Muharram Procession Incident
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Published : Jul 29, 2023, 5:11 PM IST

रांची/बोकारो: बोकारो में मुहर्रम का जुलूस मातम में तब्दील हो गया. चार नौजवान जान गंवा बैठे. एक की हालत गंभीर बनी हुई है. अच्छी बात है कि पांच घायल अब खतरे से बाहर हैं. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हादसा कैसे हुआ. दूसरा सवाल है कि हादसा क्यों हुआ. तीसरा सवाल है कि हादसे के लिए जिम्मेवार कौन है. इस सवालों की पड़ताल करने पर कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

ये भी पढ़ें- मुहर्रम के जुलूस में पसरा मातम! हाई टेंशन तार से सटा ताजिया, हादसे में 4 की मौत, कई लोग झुलसे

बिजली विभाग को नहीं दी गई थी जानकारी: बिजली विभाग, तेनुघाट के कार्यपालक अभियंता समीर कुमार का दावा है कि खेतको गांव के लोगों ने तजिया जुलूस निकालने की जानकारी दी ही नहीं थी. उनके मुताबिक उसी गांव में बिजली विभाग के मिस्त्री मुमताज भी रहते हैं. उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी. कार्यपालक अभियंता के मुताबिक सुबह 5.50 बजे घटना घटी है. ताजिया के सटते ही ऑटोमेटिक लाइन डिसकनेक्ट हो गया था. जहां हादसा हुआ है उस इलाके में डीवीसी से बिजली लेकर गोमिया के कथारा पावर हाउस से सप्लाई की जाती है.

जहां-जहां से जुलूस की सूचना मिली थी, उस इलाके की बिजली काटी जा चुकी थी. कार्यपालक अभियंता का दावा है कि उन्होंने कल ही एक आदेश निकाला था कि रामनवमी की तरह मुहर्रम के जुलूस के दौरान भी सुबह 11 बजे तक जुलूस खत्म होने तक बिजली आपूर्ति बंद रहेगी. लेकिन सुबह के वक्त खेतको के लोगों ने बिना सूचना दिए ताजिया निकाल दिया और ताजिया का एक हिस्सा 11 हजार वोल्ट वाले बिजली तार से जा सटा. उनके मुताबिक विभाग की तरह से मृतक के परिजनों को प्रति परिवार दो लाख रुपए और घायलों को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: देखिए, कैसे हाई टेंशन तार की चपेट में आया ताजिया

पूरे मामले की होगी जांच- डीसी: बोकारो के डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला में सुबह के वक्त 17 जगहों पर ताजिया के साथ जुलूस निकला था. इस दौरान 16 एरिया की बिजली काटी गई थी. लेकिन पेटरवार के खेतको की बिजली नहीं काटी गई थी. इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार, मुआवजा और घायलों के इलाज पर केंद्रीत है. उन्होंने बताया कि पूरे बोकारो में आज 240 जुलूस निकाले जाने हैं. इनमें से 17 जगहों पर सुबह के वक्त जुलूस निकलना था. लेकिन एक जगह हादसा हो गया.

  • माननीय मंत्री उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग श्रीमती बेबी देवी ने बोकारो जनरल हॉस्पिटल (बीजीएच) पहुंच खेतको घटना के घायलों से मुलाकात की और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। @JharkhandCMO @prdjharkhand @RanchiPIB @rnuddkranchi pic.twitter.com/UbnVjCGgfb

    — DCBokaro (@BokaroDc) July 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्या इलाज में हुई कोई कोताही?: ऐसे हादसों के वक्त समय पर इलाज जरूरी हो जाता है. लिहाजा, पड़ताल करने पर पता चला कि इलाज में कोई कोताही नहीं हुई है. सबसे पहले वहां के लोग घायलों को बोकारो थर्मल पावर स्टेशन के पास बीटीपीएस अस्पताल में ले गये. वहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बोकारो जेनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन बीजीएच में इलाज के दौरान चार युवकों की मौत हो गई. फिलहाल एक युवक को आईसीयू में रखा गया है. शेष पांच की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है. खेतको पंचायत के मुखिया के मुताबिक 11 हजार वोल्ट का तार काफी नीचे झूल रहा है. हालांकि उन्होंने यह माना कि जुलूस की जानकारी बिजली विभाग को नहीं दी गई थी.

करंट लगने से क्यों हो जाती है मौत: इस बारे में राज्य सरकार के चिकित्सक डॉ रणधीर कुमार सिंह ने बताया कि अचानत तेज पावर का करंट लगने से दिल की गति प्रभावित हो जाती है. हार्ट के पंप करने की शक्ति कम हो जाती है. शरीर में फ्लूड की कमी हो जाती है. मरीज के इस अवस्था को मेडिकल टर्म में वेंट्रीकुलर फेब्रिलेशन कहा जाता है. ऐसे समय में मरीज को सलाइन चढ़ाकर हार्ट से जुड़ी दवाईयां दी जाती हैं. लेकिन कई मरीज इस झटके से रिकवर नहीं हो पाते हैं. इसकी वजह से जान चली जाती है.

ये भी पढ़ें- Bokaro Muharram Accident: मंत्री बेबी देवी ने मृतकों के परिजनों और घायलों से की मुलाकात, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

ताजिया की ऊंचाई भी बनी हादसे का कारण: ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि किसी भी मुस्लिम बहुल गांव में अलग-अलग टोलों के लोग चाहते हैं कि उनके टोले का ताजिया सबसे ज्यादा आकर्षक हो. इसके लिए टोला स्तर पर एक प्रतियोगिता सी बनी रहती है. दिन-रात मेहनत करके लोग ताजिया को सजाते हैं. लेकिन समय के साथ ताजिया बनाने का ट्रेंड भी बदला है. एक दौर था जब बांस और कपड़ों का इस्तमाल कर ताजिया बनाया जाता था. लेकिन अब बड़ा ताजिया बनाने के लिए लोहे के रॉड और फ्रेम का इस्तेमाल किया जाने लगा है. कई तरह के मेटेरियल का इस्तेमाल होने लगा है. अगर इस ताजिया में लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ होता तो संभव है कि इतनी बड़ी क्षति नहीं होती.

मुख्यमंत्री ने जताया शोक: बोकारो में हुई घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि जुलूस के दौरान दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई है. दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख की घड़ी सहन करने की शक्ति की कामना की है. सीएम के मुताबिक जिला प्रशासन की देखरेख में घायलों का इलाज चल रहा है. उन्होंने सभी घायलों के लिए जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

  • बोकारो जिले के खेतको में मुहर्रम जुलूस के दौरान दुर्घटना से 4 लोगों की मृत्यु और 10 लोगों के घायल होने का दुःखद समाचार मिला।
    परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
    जिला प्रशासन की देखरेख में घायलों का इलाज चल…

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्यों मनाया जाता है मुहर्रम: मुहर्रम के दिन मुस्लिम समाज के लोग ताजिया क्यों निकालते हैं. दरअसल, इस्लाम में मुहर्रम को सत्य के लिए बलिदान देने की मिसाल के रूप में देखा जाता है. इसको इराक के कर्बला की घटना से जोड़ा जाता है. खलीफा यज़ीद के गलत आचरण के खिलाफ हजरत इमाम हुसैन ने आवाज बुलंद की थी. इसके विरोध में खलीफा की सेना ने हजरत इमाम और उनके परिवार के सदस्यों को बंधक बनाकर यातनाएं दी थी. बाद में हजरत इमाम का सिर कलम कर दिया गया था. लिहाजा, अन्याय और असत्य के खिलाफ मुहर्रम मनाने की परंपरा शुरू हुई.

रांची/बोकारो: बोकारो में मुहर्रम का जुलूस मातम में तब्दील हो गया. चार नौजवान जान गंवा बैठे. एक की हालत गंभीर बनी हुई है. अच्छी बात है कि पांच घायल अब खतरे से बाहर हैं. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि हादसा कैसे हुआ. दूसरा सवाल है कि हादसा क्यों हुआ. तीसरा सवाल है कि हादसे के लिए जिम्मेवार कौन है. इस सवालों की पड़ताल करने पर कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

ये भी पढ़ें- मुहर्रम के जुलूस में पसरा मातम! हाई टेंशन तार से सटा ताजिया, हादसे में 4 की मौत, कई लोग झुलसे

बिजली विभाग को नहीं दी गई थी जानकारी: बिजली विभाग, तेनुघाट के कार्यपालक अभियंता समीर कुमार का दावा है कि खेतको गांव के लोगों ने तजिया जुलूस निकालने की जानकारी दी ही नहीं थी. उनके मुताबिक उसी गांव में बिजली विभाग के मिस्त्री मुमताज भी रहते हैं. उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं थी. कार्यपालक अभियंता के मुताबिक सुबह 5.50 बजे घटना घटी है. ताजिया के सटते ही ऑटोमेटिक लाइन डिसकनेक्ट हो गया था. जहां हादसा हुआ है उस इलाके में डीवीसी से बिजली लेकर गोमिया के कथारा पावर हाउस से सप्लाई की जाती है.

जहां-जहां से जुलूस की सूचना मिली थी, उस इलाके की बिजली काटी जा चुकी थी. कार्यपालक अभियंता का दावा है कि उन्होंने कल ही एक आदेश निकाला था कि रामनवमी की तरह मुहर्रम के जुलूस के दौरान भी सुबह 11 बजे तक जुलूस खत्म होने तक बिजली आपूर्ति बंद रहेगी. लेकिन सुबह के वक्त खेतको के लोगों ने बिना सूचना दिए ताजिया निकाल दिया और ताजिया का एक हिस्सा 11 हजार वोल्ट वाले बिजली तार से जा सटा. उनके मुताबिक विभाग की तरह से मृतक के परिजनों को प्रति परिवार दो लाख रुपए और घायलों को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- VIDEO: देखिए, कैसे हाई टेंशन तार की चपेट में आया ताजिया

पूरे मामले की होगी जांच- डीसी: बोकारो के डीसी कुलदीप चौधरी ने बताया कि जिला में सुबह के वक्त 17 जगहों पर ताजिया के साथ जुलूस निकला था. इस दौरान 16 एरिया की बिजली काटी गई थी. लेकिन पेटरवार के खेतको की बिजली नहीं काटी गई थी. इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता जान गंवाने वाले लोगों के अंतिम संस्कार, मुआवजा और घायलों के इलाज पर केंद्रीत है. उन्होंने बताया कि पूरे बोकारो में आज 240 जुलूस निकाले जाने हैं. इनमें से 17 जगहों पर सुबह के वक्त जुलूस निकलना था. लेकिन एक जगह हादसा हो गया.

  • माननीय मंत्री उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग श्रीमती बेबी देवी ने बोकारो जनरल हॉस्पिटल (बीजीएच) पहुंच खेतको घटना के घायलों से मुलाकात की और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। @JharkhandCMO @prdjharkhand @RanchiPIB @rnuddkranchi pic.twitter.com/UbnVjCGgfb

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क्या इलाज में हुई कोई कोताही?: ऐसे हादसों के वक्त समय पर इलाज जरूरी हो जाता है. लिहाजा, पड़ताल करने पर पता चला कि इलाज में कोई कोताही नहीं हुई है. सबसे पहले वहां के लोग घायलों को बोकारो थर्मल पावर स्टेशन के पास बीटीपीएस अस्पताल में ले गये. वहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए बोकारो जेनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया. लेकिन बीजीएच में इलाज के दौरान चार युवकों की मौत हो गई. फिलहाल एक युवक को आईसीयू में रखा गया है. शेष पांच की हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है. खेतको पंचायत के मुखिया के मुताबिक 11 हजार वोल्ट का तार काफी नीचे झूल रहा है. हालांकि उन्होंने यह माना कि जुलूस की जानकारी बिजली विभाग को नहीं दी गई थी.

करंट लगने से क्यों हो जाती है मौत: इस बारे में राज्य सरकार के चिकित्सक डॉ रणधीर कुमार सिंह ने बताया कि अचानत तेज पावर का करंट लगने से दिल की गति प्रभावित हो जाती है. हार्ट के पंप करने की शक्ति कम हो जाती है. शरीर में फ्लूड की कमी हो जाती है. मरीज के इस अवस्था को मेडिकल टर्म में वेंट्रीकुलर फेब्रिलेशन कहा जाता है. ऐसे समय में मरीज को सलाइन चढ़ाकर हार्ट से जुड़ी दवाईयां दी जाती हैं. लेकिन कई मरीज इस झटके से रिकवर नहीं हो पाते हैं. इसकी वजह से जान चली जाती है.

ये भी पढ़ें- Bokaro Muharram Accident: मंत्री बेबी देवी ने मृतकों के परिजनों और घायलों से की मुलाकात, हरसंभव मदद का दिया भरोसा

ताजिया की ऊंचाई भी बनी हादसे का कारण: ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि किसी भी मुस्लिम बहुल गांव में अलग-अलग टोलों के लोग चाहते हैं कि उनके टोले का ताजिया सबसे ज्यादा आकर्षक हो. इसके लिए टोला स्तर पर एक प्रतियोगिता सी बनी रहती है. दिन-रात मेहनत करके लोग ताजिया को सजाते हैं. लेकिन समय के साथ ताजिया बनाने का ट्रेंड भी बदला है. एक दौर था जब बांस और कपड़ों का इस्तमाल कर ताजिया बनाया जाता था. लेकिन अब बड़ा ताजिया बनाने के लिए लोहे के रॉड और फ्रेम का इस्तेमाल किया जाने लगा है. कई तरह के मेटेरियल का इस्तेमाल होने लगा है. अगर इस ताजिया में लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ होता तो संभव है कि इतनी बड़ी क्षति नहीं होती.

मुख्यमंत्री ने जताया शोक: बोकारो में हुई घटना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर बताया है कि जुलूस के दौरान दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो गई है. दिवंगत आत्माओं की शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख की घड़ी सहन करने की शक्ति की कामना की है. सीएम के मुताबिक जिला प्रशासन की देखरेख में घायलों का इलाज चल रहा है. उन्होंने सभी घायलों के लिए जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.

  • बोकारो जिले के खेतको में मुहर्रम जुलूस के दौरान दुर्घटना से 4 लोगों की मृत्यु और 10 लोगों के घायल होने का दुःखद समाचार मिला।
    परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।
    जिला प्रशासन की देखरेख में घायलों का इलाज चल…

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) July 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

क्यों मनाया जाता है मुहर्रम: मुहर्रम के दिन मुस्लिम समाज के लोग ताजिया क्यों निकालते हैं. दरअसल, इस्लाम में मुहर्रम को सत्य के लिए बलिदान देने की मिसाल के रूप में देखा जाता है. इसको इराक के कर्बला की घटना से जोड़ा जाता है. खलीफा यज़ीद के गलत आचरण के खिलाफ हजरत इमाम हुसैन ने आवाज बुलंद की थी. इसके विरोध में खलीफा की सेना ने हजरत इमाम और उनके परिवार के सदस्यों को बंधक बनाकर यातनाएं दी थी. बाद में हजरत इमाम का सिर कलम कर दिया गया था. लिहाजा, अन्याय और असत्य के खिलाफ मुहर्रम मनाने की परंपरा शुरू हुई.

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