रांचीः दुमका के तत्कालीन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश ओम प्रकाश सिंह के खिलाफ दर्ज केस को टेकओवर करने की प्रक्रिया एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने शुरू कर दी है. इसको लेकर एसीबी ने दुमका एसपी को पत्र लिखा है. दुमका के इस चर्चित मामले की जांच एसबी से करवाने की अनुमति सीएम हेमंत सोरेन पहले ही दे चुके थे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार (विजिलेंस) के पत्र के बाद ओम प्रकाश सिंह के विरुद्ध दर्ज मामले की जांच एसीबी से कराने की सहमति दी थी. इससे पहले सिंह के खिलाफ उनके आवास में लगे सागवान के तीन पेड़ कटवाने और उसे बाहर भेजने के मामले में दुमका नगर थाने में भारतीय वन अधिनियम-1927 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामले दर्ज कराए गए थे. इसके बाद आवासीय परिसर से सागवान पेड़ कटवा कर बाहर भेजने के इस मामले में 2019 के सितंबर माह में उन्हें निलंबित कर दिया गया था. एसीबी ने इस मामले में अब दुमका एसपी को केस टेकओवर करने के संबंध में पत्र लिखा है. केस का अनुसंधान एसीबी के दुमका प्रक्षेत्र की टीम करेगी.
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क्या था मामला
विजिलेंस के रजिस्ट्रार ब्रजेश कुमार गौतम की रिपोर्ट पर निलंबित जज के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 201, 409,120 बी,वन अधिनियम की धारा 41,42 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के धारा 13(1) के तहत दुमका नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इससे पहले दुमका के एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी कि प्रधान जिला जज ने अपने सरकारी आवास में लगे तीन सागवान के पेड़ को कटवा लिए और लकड़ी को बाहर भेज दिया है. हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस के रजिस्ट्रार को जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया था.
पुलिस ने जब्त की थी लकड़ी
हाई कोर्ट की निगरानी टीम ने 25 सितंबर 2019 को दुमका आकर पूरे मामले की जांच की थी और जांच में पाया गया था कि जिला जज के आवासीय परिसर से पेड़ कटवाए गए थे. आवासीय परिसर से पेड़ कटवाए जाने की कोई अनुमति वन विभाग से नहीं ली गई थी. वन विभाग के पदाधिकारी की मौजूदगी में हुई जांच के बाद रिपोर्ट को हाईकोर्ट को दी गई थी. दुमका नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने सरकारी आवास में कटे हुए पेड़ की 17 पीस लकड़ी को भी जब्त किया था.