रांचीः ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा के खिलाफ एसीबी आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच करेगी. एसीबी ने जूनियर इंजीनियर स्तर के अधिकारी पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
एसीबी ने पकड़ा था रिश्वत लेते
एसीबी ने सुरेश प्रसाद वर्मा को 15 नवंबर 2019 को 10 हजार घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. इसके बाद सुरेश प्रसाद वर्मा के यहां सर्च के दौरान एसीबी ने 2.44 करोड़ नगद बरामद किए थे. वहीं 63 लाख की अचल संपत्ति के कागजात बरामद किए गए थे. बुधवार को सुरेश प्रसाद और आलोक रंजन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एफआईआर दर्ज की थी. एसीबी की ओर से घूस प्रकरण में चार्जशीट के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत एफआईआर दर्ज की है.
बिल रिलीज के एवज में मांगे थे पैसे
जानकारी के अनुसार जेई की ओर से ठेकेदार विकास कुमार से बिल रिलीज करने के बदले पैसे की मांग की जा रही थी. ठेकेदार की शिकायत के बाद सुरेश प्रसाद वर्मा को दफ्तर से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनके आवास पर छापेमारी के क्रम में किराएदार आलोक रंजन के कमरे से 2.44 करोड़ बरामद किए गए थे. मामले में मुख्य अभियंता स्तर के एक अधिकारी की भूमिका संदिग्ध थी.
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मुख्य अभियंता पर भी कसेगा शिकंजा
एसीबी की ओर से मुख्य अभियंता स्तर के एक अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सुरेश प्रसाद वर्मा ने अपने ही विभाग के मुख्य अभियंता के बारे में भी पैसों को लेकर जानकारी दी थी. एसीबी को मुख्य अभियंता के खिलाफ भी सबूत मिले हैं.