ETV Bharat / state

सीएम के आदेश के बाद निरंजन कुमार के खिलाफ ACB ने किया पीई दर्ज, 170 करोड़ की गड़बड़ी का मामला - 170 करोड रुपए के अनियमितता मामले में पीई दर्ज

सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंटेंस एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज कर लिया है.

PE filed against Niranjan Kumar, एसीबी ने निरंजन कुमार के खिलाफ दर्ज किया पी ई
एसीबी ऑफिस
author img

By

Published : May 28, 2020, 9:37 PM IST

Updated : May 28, 2020, 9:45 PM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंटेंस एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज कर लिया है. निरंजन कुमार के खिलाफ 170 करोड़ रुपए के अनियमितता को लेकर पीई दर्ज की गई है.

जांच के बाद होगी एफआईआर
निरंजन कुमार के खिलाफ आरोप है कि वह अपने पहुंच के बल पर जेयूएसएनएल और जरेडा के निदेशक बन गए. जबकि निदेशक बनने के लिए वह कोई भी तकनीकी अहर्ता पूरा नहीं कर रहे थे. इसके बावजूद वे अपने पद पर बने रहे, इस मामले में एसीबी डीजी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में पीई की जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफआईआर दर्ज की जाए.

और पढ़ें - चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो' अभियान के दूसरे चरण की हुई शुरुआत, मंत्री ने कहा- माहवारी को लेकर जागरूकता जरूरी

क्या है आरोप

निरंजन कुमार पर आरोप यह भी है कि वह पद पर रहने के दौरान अवैध तरीके से अपने वेतन की निकासी तो की है तो साथ-साथ विभिन्न बैंकों के खातों में उन्होंने 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वहीं, उन्होंने सपरिवार कई बार विदेश भ्रमण भी किया. सरकारी पद पर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी पत्नी की अर्जित संपत्ति की कोई जानकारी नहीं दी. सरकार की ओर से पहले कराई गई विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि टेंडर में मनमानी कर निरंजन कुमार की ओर से विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाया गया था. वहीं, कई टेंडरों में बगैर बोर्ड के सहमति के भी निविदा की शर्तें बदल दी गई थी.

पूर्व में नहीं मिली थी जांच की अनुमति

निरंजन कुमार के खिलाफ पहले भी एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच की सहमति सरकार से मांगी थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी. अब चुकी सरकार की तरफ से निरंजन कुमार के खिलाफ जांच की अनुमति मिल गई है. ऐसे में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पीई दर्ज की है. जांच रिपोर्ट के आधार पर दो हफ्ते के बाद एफआईआर दर्ज किया जाएगा.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंटेंस एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ पीई दर्ज कर लिया है. निरंजन कुमार के खिलाफ 170 करोड़ रुपए के अनियमितता को लेकर पीई दर्ज की गई है.

जांच के बाद होगी एफआईआर
निरंजन कुमार के खिलाफ आरोप है कि वह अपने पहुंच के बल पर जेयूएसएनएल और जरेडा के निदेशक बन गए. जबकि निदेशक बनने के लिए वह कोई भी तकनीकी अहर्ता पूरा नहीं कर रहे थे. इसके बावजूद वे अपने पद पर बने रहे, इस मामले में एसीबी डीजी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में पीई की जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफआईआर दर्ज की जाए.

और पढ़ें - चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो' अभियान के दूसरे चरण की हुई शुरुआत, मंत्री ने कहा- माहवारी को लेकर जागरूकता जरूरी

क्या है आरोप

निरंजन कुमार पर आरोप यह भी है कि वह पद पर रहने के दौरान अवैध तरीके से अपने वेतन की निकासी तो की है तो साथ-साथ विभिन्न बैंकों के खातों में उन्होंने 170 करोड़ रुपये का भुगतान किया. वहीं, उन्होंने सपरिवार कई बार विदेश भ्रमण भी किया. सरकारी पद पर होने के बावजूद उन्होंने कभी भी पत्नी की अर्जित संपत्ति की कोई जानकारी नहीं दी. सरकार की ओर से पहले कराई गई विभागीय जांच में यह बात सामने आई थी कि टेंडर में मनमानी कर निरंजन कुमार की ओर से विशेष कंपनी को फायदा पहुंचाया गया था. वहीं, कई टेंडरों में बगैर बोर्ड के सहमति के भी निविदा की शर्तें बदल दी गई थी.

पूर्व में नहीं मिली थी जांच की अनुमति

निरंजन कुमार के खिलाफ पहले भी एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच की सहमति सरकार से मांगी थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी. अब चुकी सरकार की तरफ से निरंजन कुमार के खिलाफ जांच की अनुमति मिल गई है. ऐसे में एंटी करप्शन ब्यूरो ने पीई दर्ज की है. जांच रिपोर्ट के आधार पर दो हफ्ते के बाद एफआईआर दर्ज किया जाएगा.

Last Updated : May 28, 2020, 9:45 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.